भारत की सबसे बड़ी सूचीबद्ध ओरल केयर कंपनी कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) ने वित्त वर्ष 2025 की जनवरी-मार्च तिमाही में बाजार के अनुमान से कमजोर प्रदर्शन किया। शहरी क्षेत्रों में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और सुस्त मांग के कारण कंपनी का प्रदर्शन कमजोर रहा। हालांकि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सुधार की संभावना है। लेकिन ब्रोकरों ने आय अनुमान घटाए हैं। उनका मानना है कि पिछले सप्ताह के दौरान करीब 8 फीसदी गिरावट का शिकार हो चुके इस शेयर पर अभी और दबाव आ सकता है। सुस्त अल्पावधि परिदृश्य के बावजूद मूल्यांकन ऊंचा बना हुआ है। यह शेयर वित्त वर्ष 2026 के 45 गुना आय अनुमानों पर कारोबार कर रहा है।
मार्च तिमाही में कोलगेट पामोलिव का राजस्व सपाट बिक्री और कमजोर कीमत प्राप्तियों से 1.8 फीसदी घट गया। ग्रामीण मांग लगातार तीसरी तिमाही में शहरी बाजारों से बेहतर बनी हुई है और प्रीमियम सेगमेंट संपूर्ण बाजार की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, मझोले से छोटे शहरी क्षेत्रों में दबाव बना हुआ है। कंपनी का लक्ष्य मुख्य उत्पादों (कोलगेट स्ट्रॉन्ग टीथ, ऐक्टिव साल्ट, मैक्सफ्रेश) की खपत बढ़ाना, प्रीमियमीकरण में तेजी लाना, टूथब्रश श्रेणी को आगे बढ़ाना और अपनी पर्सनल केयर रेंज मजबूत बनाना है।
अल्पावधि में बिक्री की स्थिति में सुधार के आसार नहीं दिख रहे हैं। प्रभुदास लीलाधर के विश्लेषक अमनीश अग्रवाल व्यापक शहरी मांग में लगातार कमजोरी, बढ़ती प्रतिस्पर्धा, ओरल केयर खंड में प्रचार की तेजी और वित्त वर्ष 2025 में प्राप्ति दर 1.2 फीसदी के साथ सुस्त रहने से सतर्क बने हुए हैं। कमजोर राजस्व वृद्धि को ध्यान में रखते हुए कुछ ब्रोकर इस शेयर को लेकर चिंतित हैं।
एमके रिसर्च ने अस्पष्ट वृद्धि परिदृश्य को देखते हुए ‘बिकवाली’ रेटिंग बनाए रखी है। विश्लेषक नितिन गुप्ता ने सीमित राजस्व बढ़ोतरी (वित्त वर्ष 2025 से वित्त वर्ष 2028 के बीच सालाना 6 फीसदी) और संकुचित मार्जिन वृद्धि (वित्त वर्ष 2028 तक 100 आधार अंक) का अनुमान जताया है, जिससे इस अवधि में सिर्फ 7 प्रतिशत आय वृद्धि होगी।
कोटक रिसर्च को भी उम्मीद है कि कोलगेट के वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही के नतीजों पर ऊंचे आधार और कमजोर वृहद परिदृश्य का दबाव रहेगा। कोटक रिसर्च में विश्लेषक जयकुमार दोशी ने वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 के लिए राजस्व अनुमानों को 3-4 प्रतिशत और आय को 2-3 प्रतिशत तक कम कर दिया है और इस शेयर के लिए ‘घटाएं’ रेटिंग बनाए रखी है।
हालांकि राजस्व वृद्धि निराशाजनक रही है। लेकिन कंपनी ने मार्जिन के मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन किया। सकल मार्जिन सालाना आधार पर 130 आधार अंक तक बढ़ा क्योंकि इसे उत्पादन लागत में नरमी से मदद मिली। परिचालन मुनाफा मार्जिन 165 आधार अंक घटकर 34 फीसदी रहा, लेकिन यह बाजार अनुमान से बेहतर है।
कंपनी ने मार्जिन 32 और 34 फीसदी के बीच रहने का अनुमान जताया है। लेकिन ब्रोकरों की नजर इस पर बनी रहेगी क्योंकि कंपनी ने बिक्री बढ़ाने के लिए ऊंचे विज्ञापन और प्रोत्साहन खर्च को बरकरार रखने की योजना बनाई है। प्रभुदास लीलाधर का मानना है कि तेज प्राप्ति और मार्जिन वृद्धि का दौर समाप्त हो गया है। वित्त वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 2025 के बीच सकल एवं परिचालन मार्जिन में क्रमशः 470 आधार अंक और 680 आधार अंक तक का इजाफा हुआ।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने मूल्यांकन पर और दबाव का अनुमान जताया है। ब्रोकरेज के विश्लेषक मनोज मेनन ने वित्त वर्ष 2025 की निराशाजनक चौथी तिमाही को गहराती मंदी की शुरुआत करार दिया। उनका कहना है कि राजस्व वृद्धि के लिए मूल्य वृद्धि पर निर्भर रहने की कंपनी की मौजूदा रणनीति उचित नहीं लग रही है। पिछले साल निफ्टी से 12 फीसदी कमजोर प्रदर्शन करने के बावजूद इस शेयर का पीई मल्टीपल वित्त वर्ष 2027 के 45 गुना (अनुमानित) से घटकर 30 गुना रह सकता है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने शेयर की रेटिंग ‘होल्ड’ से घटाकर ‘बेचें’ कर दी है।