Categories: बाजार

सैफरन एसेट प्रॉपर्टी फंड से जुटाएगा 840 करोड़ रुपये

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 5:43 PM IST

पूंजी के संकट से जूझ रहे भारतीय रियालिटी बाजार के लिए एक अच्छी खबर।


मुंबई स्थित रियालिटी फंड मैनेजर सैफरन एसेट एडवाइजर शरिया नियमों के मुताबिक लाने जा रहे इंडिया स्पेसिफिक प्रॉपर्टी फंड के जरिए अगले 6-9 माह में बाजार से 840 करोड़ रुपये जुटाएगा। रियलिटी इन्वेस्टमेंट विशेषज्ञों के अनुसार संभवत: यह देश का पहला शरिया काँप्लिएंट फंड होगा।

जानकारों के मुताबिक यह शरिया के नियमों के मुताबिक शुरू होने वाला पहला भारतीय रियालिटी फंड होगा। इस नियम के तहत फंड का पैसा शराब, तंबाकू, पोर्क फंड, परंपरागत वित्तीय सेवाओं(बैंकिंग और बीमा), हथियारों, रक्षा और मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में नहीं लगाया जाता। क्योंकि ये ब्याज देने वाले इन्ट्रूमेंट में धन नहीं लगाते।

न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज, यूरो नेक्स्ट में सूचीबध्द यात्रा कैपिटल के रियल एस्टेट निवेश का प्रबंधन करने वाला सैफरान अपने इस नए फंड के लिए मध्य-पूर्व, मलेशिया और इंडोनेशिया से धन जुटाएगा। इन स्थानों में शरिया फंड निवेश के लिए उपलब्ध है। कंपनी अपने धन का देश के आवासीय प्रोजेक्टों में निवेश करेगी, जहां पिछले छह माह में बिक्री 30 फीसदी गिरी है।

नतीजतन इस क्षेत्र में प्रोजेक्टों के लिए धन मिलना खासा मुश्किल हो गया है। सैफरन एसेट एडवाइजर के प्रबंध निदेशक अजॉय वीर कपूर ने बताया कि वे जल्दी ही यह फंड जुटाना चाहते हैं। वर्तमान में अच्छी मात्रा में शरिया फंड उपलब्ध है। भारत इसका लाभ लेने की अच्छी स्थिति में है। यह कंपनी अब तक देश से 42.5 करोड़ डॉलर एकत्र कर चुकी है।

इस सलाहकार संस्था का मानना है कि ऐसे समय में जब बढ़ी दरों, प्रॉपर्टी की बिक्री में आई गिरावट और शेयर बाजार में हुए क्रैश के कारण भारतीय रिटेलर धन की तंगी का सामना कर रहे हैं, यह शरिया फंड के जरिए पूंजी जुटाने का सही समय है। ग्लोबल एडवाइजरी फर्म डीटीझेड के अंबर माहेश्वरी ने कहा कि भारत में शेयर बाजार लगातार गिर रहा है और डेट मार्केट तंगहाल है। यह स्थिति शरिया फंड के अनुकूल है।

आने वाले सालों में भारत में शरिया फंड अच्छी स्थिति में होगा। भारत के प्रॉपर्टी बाजार में अपनी तरह के पहले शरिया कांप्लिएंट ट्रांजेक्शन में बहरीन की तैब बैंक ने अनंतराज उद्योग के अनंतराज प्रोजेक्ट की 26 फीसदी हिस्सेदारी 216 करोड़ रुपये में खरीदी थी। एक शरिया कांप्लिएंट म्युचुअल फंड बाजार में उतरने के लिए सेबी की अनुमति की राह देख रहा है।

टौरेस पारसोली इथिकल फंड सेबी की अनुमति मिलने के बाद इस माह के अंत तक अपना शरिया फंड बाजार में उतार देगा। इनके अतिरिक्त कई अन्य शरिया-कांप्लिएंट फंडों के भी बाजार में उतरने की उम्मीद है। खुद सैफरन आने वाले सालों में  4,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए भारत पर केंद्रित कई तरह के फंड बाजार में ला सकता है।

रियल एस्टेट से शुरु होकर कंपनी हैल्थकेयर, लॉजिस्टिक, इंफ्रास्ट्रक्चर और हॉस्पिटलिटी उद्योगों पर केंद्रित कई तरह के फंड बाजार में ला सकती है। वह पहले ही ब्रिटेन के स्टैंडर्ड लाइफ के साथ सैफरन इंडिया रियलिटी एस्टेट फंड-1 बाजार में लांच कर चुका है। इसने 300 करोड़ रुपये जुटाए हैं।

सैफरन के दो इंवेस्टमेंट फंड यात्रा और सेफ्रॉन रियल एस्टेट फंड-1 ने मुंबई के पार्श्वनाथ डेवलपर के रियलिटी प्रोजेक्ट की 30 फीसदी हिस्सेदारी 186 करोड़ रुपये में खरीदी है। इस साल सितंबर तक कंपनी ने ऑफशोर फंड के जरिए 2,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। यह पूंजी पूरे देश में होटल, वेयरहाउस, आवासीय अपार्टमेंट और व्यावसायिक ऑफिसों के प्रोजेक्टों में लगाई जाएगी।

कपूर का कहना है कि एक बार प्रॉपर्टी फंडों का निवेश पूर्ण हो जाने के बाद कंपनी 2009 में क्षेत्र विशेष पर आधारित फंड बाजार में लाएगा। सैफरन ने 300 करोड़ रुपये के घरेलू रियल एस्टेट फंड की भी योजना बनाई है। यह पूंजी गैर एफडीआई कांप्लिएंट प्रोजेक्टों में लगाई जाएगी। कपूर ने कहा कि वर्तमान वैश्विक हालातों को देखते हुए इस तरह से फंड जुटाना बेहद चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इसके बाद भी भारत के लिए अच्छी मात्रा में धन उपलब्ध है। बस फंड मैनेजर को इसके लिए परिश्रम करना होगा।

First Published : August 19, 2008 | 11:48 PM IST