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Rupee vs Dollar: रुपया ऑल टाइम लो पर, विशेषज्ञों ने बताई वजह

अक्टूबर में रुपये में 0.3 प्रतिशत गिरावट आई है। जुलाई से सितंबर के बीच रुपया 1.2 प्रतिशत गिर चुका है।

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- November 02, 2023 | 6:51 PM IST

डॉलर के मुकाबले बुधवार को रुपया गिरकर 83.29 डॉलर प्रति रुपये के निम्नतम स्तर पर पहुंच गया। डीलरों ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नतीजे के पहले डॉलर सूचकांक में बढ़ोतरी के कारण ऐसा हुआ है। इसके साथ ही पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव और कच्चे तेल की बढ़ती कीमत की वजह से विदेशी मुद्रा बाहर जाने की संभावना से स्थानीय मुद्रा पर असर पड़ा है।

मंगलवार को रुपया 83.26 पर बंद हुआ था। डॉलर सूचकंक से 6 प्रमुख मुद्राओं की गति का पता चलता है, जो बुधवार को बढ़कर 106.87 पर पहुंच गया, जो मंगलवार को 106.02 पर था। बाजार के हिस्सेदारों का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप किया, जिससे रुपये को आगे और कमजोर होने से बचाया जा सके।

कोटक सिक्योरिटीज में करेंसी डेरिवेटिव्स ऐंड इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स के वाइस प्रेसीडेंट अनिंद्य बनर्जी ने कहा, ‘बाजार में रिजर्व बैंक था और वे हर दिन मौजूद हैं।’ उन्होंने कहा कि संभवतः उन्होंने करीब 5 करोड़ डॉलर बेचे हैं।

अक्टूबर में रुपये में 0.3 प्रतिशत गिरावट आई है। जुलाई से सितंबर के बीच रुपया 1.2 प्रतिशत गिर चुका है। चालू वित्त वर्ष के दौरान रुपये में 1.33 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि मौजूदा कैलेंडर वर्ष में यह 0.66 प्रतिशत गिरा है। डीलरों का कहना है कि डॉलर के मुकाबले रुपया का अगला पड़ाव 83.60 होगा, अगर रुपया 83.30 प्रति डॉलर के स्तर को तोड़ता है।

फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के कोषागार प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘रिजर्व बैंक को कटु स्थिति का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि 20 अक्टूबर के अंत तक विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 583.52 अरब डॉलर हो गया है, जबकि उसे रुपये को 83.2950 के निचले स्तर के नीचे जाने से रोकने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करना पड़ रहा है।’

First Published : November 1, 2023 | 10:05 PM IST