म्युचुअल फंडों के सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में स्थिर निवेश मिलने, डेट योजनाओं से निवेश निकासी ने उद्योग की कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों में SIP की हिस्सेदारी को फरवरी में 17.1 फीसदी के नए उच्चस्तर पर पहुंचा दिया।
SIP का इस्तेमाल मुख्य रूप से खुदरा निवेशक करते हैं और 10 SIP खातों में से सात इक्विटी से जुड़ी ऐक्टिव एमएफ योजनाओं से जुड़े हैं। डेट योजनाओं को SIP में हुए निवेश का मामूली हिस्सा मिला और उनकी प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) का ज्यादातर हिस्सा संस्थागत निवेशकों का है।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी के आखिर में SIP एयूएम 6.74 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि उद्योग का कुल एयूएम 39.46 लाख करोड़ रुपये। पिछले एक साल में SIP एयूएम 23 फीसदी बढ़ा है, वहीं कुल एयूएम में सिर्फ 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
कुल एयूएम में SIP की हिस्सेदारी में इजाफे की वजह SIP के जरिए म्युचुअल फंडों में स्थिरता के साथ आने वाला नया निवेश है। SIP निवेशकों ने पिछले 12 महीने में हर महीने 11,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया। उद्योग का कुल एयूएम डेट योजनाओं से निकासी के चलते प्रभावित हुआ। डेट एयूएम सालाना आधार पर 10 फीसदी घटकर फरवरी में 13 लाख करोड़ रुपये रहा।
फंड हाउस और म्युचुअल फंड वितरकों ने हाल के वर्षों में SIP को लोकप्रिय बनाया है और इक्विटी बाजार के उतारचढ़ाव का फायदा उठाने के लिहाज से इसे सबसे अच्छा मासिक निवेश मॉडल बताया है।
मोतीलाल ओसवाल एएमसी के चीफ बिजनेस अफसर अखिल चतुर्वेदी ने कहा, एएमसी व वितरक समेत म्युचुअल फंड की पूरी व्यवस्था ने SIP को आगे बढ़ाने के लिए काफी कुछ किया है।
निवेशक अब समझ रहे हैं कि SIP निवेश उन्हें रुपये की लागत के औसत के जरिए फायदा पहुंचाएगा। रुपये की लागत का औसत तब बनता है जब निवेश तय अंतराल पर किया जाता है। यह व्यवस्था निवेशकों को उसी कीमत पर ज्यादा एमएफ यूनिट खरीदने की इजाजत देता है जब बाजार नीचे हो और जब बाजार ऊंचाई पर होता है तो कम एमएफ यूनिट की खरीद हो पाती है। इससे प्रति यूनिट की लागत औसत हो जाती है।
हालांकि SIP के बढ़ते रुझान ने पिछले एक साल में इक्विटी एयूएम में एकमुश्त निवेश के हिस्से पर चोट नहीं पहुंचाई है। आंकड़े बताते हैं कि कुल इक्विटी एमएफ एयूएम में इक्विटी SIP एयूएम की हिस्सेदारी करीब 37 फीसदी पर स्थिर रही है क्योंकि मासिक SIP निवेश मजबूत बना रहा है।
जनवरी के आखिर में इक्विटी SIP एयूएम 5.8 लाख करोड़ रुपये था, वहीं कुल इक्विटी फंड एयूएम 15 लाख करोड़ रुपये। एम्फी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
कुल मिलाकर इक्विटी, हाइब्रिड और सॉल्युशन ओरिएंटेड योजनाओं में खुदरा एयूएम फरवरी के आखिर में 20.28 लाख करोड़ रुपये रहा। 2021 के आखिर में यह आंकड़ा 18 लाख लाख करोड़ रुपये था।