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बाजार को महंगाई पर उम्मीद

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 5:25 PM IST

बाजारों में बुधवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में तेजी दर्ज हुई। यह तेजी इस आशावाद के बीच सकारात्मक वैश्विक संकेतों से आई कि महंगाई अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुकी है और आने वाले समय में कीमतें घटनी शुरू हो जाएंगी। इससे केंद्रीय बैंक को ब्याज दरों पर और उदारता बरतरने की आजादी होगी। कंपनियों के मजबूत नतीजे के बाद मंगलवार को अमेरिकी बाजारों में तेजी से तकनीकी शेयरों में उछाल आई और अहम वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में सुधार से भी अवधारणा मजबूत हुई।
सेंसेक्स कारोबारी सत्र में 863 अंक चढ़ा और अंत में 630अंक की बढ़त के साथ 55,398 पर बंद हुआ। निफ्टी 180 अंकों की उछाल के साथ 16,521 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांक 6 जून के बाद के अपने-अपने सर्वोच्च स्तर पर बंद हुए।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बुधवार को 1,781 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जो हाल के महीनों में सबसे बड़ी एकदिवसीय खरीदारी है। अमेरिकी बॉन्ड का प्रतिफल इस उम्मीद में 3 फीसदी से नीचे चला  गया कि महंगाई वाले बुरे दिन अब पीछे रह गए हैं। हालांकि विशेषज्ञों ने कहा कि ऐसा कहना अभी जल्दबाजी होगी।
पिछले चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स में 4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है और इस साल के निचले स्तर (17 जून) से यह 8  फीसदी ऊपर है।
ऐक्सिस सिक्योरिटीज के मुख्य निवेश अधिकारी नवीन कुलकर्णी ने कहा, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी से भी मदद मिल रही है। पिछले कुछ हफ्तों में बाजार के उतारचढ़ाव में निश्चित तौर पर कमी आई है  लेकिन हमें यूरोप  (खास तौर से रूस से गैस आपूर्ति की बहाली से संबंधित मसले) में पैदा हुआ जोखिम और बढ़त की रफ्तार पर उसके असर को लेकर चिंता है कि अगर गैस की आपूर्ति नहीं हुई तो क्या होगा। हम निवेशकों को इक्विटी में आवंटन धीरे-धीरे बढ़ाने की सलाह दे रहे हैं, खास तौर से इसलिए क्योंकि एफआईआई की बिकवाली हाल के समय में घटी है।
केंद्र सरकार ने बुधवार को अप्रत्याशित कर में कटौती की, जिसका असर तेल कंपनियों के शेयरों में दिखा। रिलायंस इंडस्ट्रीज में 2.5 फीसदी की उछाल आई और इसने इंडेक्स में हुई बढ़ोतरी में एक तिहाई योगदान किया।
पिछले चार हफ्तों में कच्चे तेल में आई गिरावट ने भी अवधारणा मजबूत की। बुधवार को ब्रेंट क्रूड का कारोबार 110 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हुआ, जो एक महीने  पहले के स्तर से 10 फीसदी कम है।

First Published : July 21, 2022 | 12:57 AM IST