वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में फार्मा दिग्गज डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज का परिचालन प्रदर्शन सुस्त रहा, हालांकि कंपनी की राजस्व वृद्धि मजबूत बनी रही। कम सकल मार्जिन प्रदर्शन और सुस्त घरेलू वृद्धि कंपनी के लिए मुख्य चिंता है। कई ब्रोकरेज ने इस शेयर पर ‘बेचें’ या ‘घटाएं’ रेटिंग दी है क्योंकि नए उत्पाद पोर्टफोलियो के विकास और दवा लाने की समय-सीमा को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
इस शेयर ने न सिर्फ अल्पावधि यानी तीन महीने और छह महीने बल्कि दीर्घावधि में भी प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया है। जहां निफ्टी फार्मा ने पिछले दो साल में 70 फीसदी रिटर्न दिया, वहीं इस दवा निर्माता का रिटर्न 20 फीसदी रहा। चौथी तिमाही में मार्जिन प्रदर्शन से अल्पावधि में निराशा हुई है। सकल मार्जिन में तिमाही आधार पर 262 आधार अंक की गिरावट आई है और पिछले साल की तिमाही की तुलना में इसमें 400 आधार अंक से अधिक की कमजोरी आई है। डॉ रेड्डीज के सकल मार्जिन में यह लगातार तीसरी गिरावट है।
एमके रिसर्च के शशांक कृष्णकुमार और भव्य गांधी का मानना है कि सकल मार्जिन में तिमाही दर तिमाही गिरावट वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के बाद से उनकी इस चिंता की पुष्टि करती है कि सकल मार्जिन में लगातार गिरावट हो सकती है। जहां चौथी तिमाही में सकल मार्जिन गिरावट कुछ हद तक एकमुश्त दबाव की वजह से आई, वहीं कमजोरी मुख्य रूप से अमेरिकी पोर्टफोलियो में वृद्धिशील मूल्य निर्धारण दबाव का भी परिणाम है, विशेष रूप से सुब्रॉक्सोन के जेनेरिक संस्करण से जिसका कैंसर की दवा रेवलिमिड के जेनेरिक संस्करण के बाद सबसे अधिक योगदान है। ब्रोकरेज फर्म ने 1,050 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर पर ‘घटाएं’ रेटिंग दी है।
रेवलिमिड की बिक्री में संभावित गिरावट (जनवरी 2026 में पेटेंट की समाप्ति) को देखते हुए, ग्रोथ इंजन को बनाए रखने की इसकी क्षमता को लेकर भी चिंता है और यह कंपनी के लिए एक बड़ी समस्या रहेगी। पिछले पांच साल में प्रमुख दवाओं को मंजूरी की सुस्त रफ्तार के बाद कंपनी की नजर अब अगले चार साल के दौरान अमेरिकी बाजार में 20 से ज्यादा दवा पेश करने पर है।
ऐंटीक स्टॉक ब्रोकिंग के गौरव तिनानी का मानना है कि कंपनी के लिए आगे बदलाव का कठिन समय है क्योंकि वह फिर से बढ़ोतरी के शुरुआती दौर में है और उसका लक्ष्य रेवलिमिड की बिक्री में संभावित गिरावट को रोकना है। ब्रोकरेज को परिचालन मुनाफा मार्जिन वित्त वर्ष 2027 में 22.7 फीसदी रहने का अनुमान है जो प्रबंधन द्वारा जताए गए 25 फीसदी की लक्ष्य से कम है। उसने इस शेयर के लिए 1,025 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ ‘बेचें’ रेटिंग बरकरार रखी है।
एक और बड़ी चिंता घरेलू बाजार में वृद्धि की है। कंपनी के भारतीय कारोबार का राजस्व सालाना आधार पर 16 फीसदी तक बढ़ा जिसे मुख्य तौर पर सनोफी के लाइसेंस वाले वैक्सीन पोर्टफोलियो, नई दवाइयां उतारने और कीमत वृद्धि से मदद मिली। सनोफी पोर्टफोलियो को छोड़ दें तो कार्डियक और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल उपचार में चुनौतियों के कारण तिमाही में घरेलू बिक्री में केवल 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।