सेल इन मे, गो अवे यानी मई में बेचो और निकल जाओ, बाजार की एक लोकप्रिय कहावत है, लेकिन ‘मई में कोई नई बिकवाली न करें’ यह दलाल पथ का सबसे गुप्त रहस्य है जो टूटने वाला है।
इसे इस उदाहरण से समझते हैं: पिछले चार आम चुनाव के चुनावी चक्रों (2004 से शुरू) में मई के महीने में एक भी आईपीओ (IPO) नहीं आया। 2004, 2009, 2024 और 2029 की अप्रैल-जून की अवधि को चुनावी अनिश्चितता की वजह से प्राथमिक बाजारों के लिए नुकसानदायक माना गया।
लेकिन इस बार बाजार इस ट्रेंड को मात देने के लिए तैयार हैं, क्योंकि अगले सप्ताह तीन मझोले आकार की पेशकशों के जरिये संयुक्त रूप से 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा पूंजी जुटाए जाने की संभावना है।
निवेश बैंकरों का कहना है कि वे आईपीओ पेश करने के लिए अनिश्चित और अस्थिर बाजार हालात से बचते हैं क्योंकि निवेशक अस्थिरता पसंद नहीं करते हैं। बाजार में चुनाव से पहले अनिश्चितता बढ़ जाती है, जिससे आईपीओ लाने वाली कंपनियां बाजार में आने से पूर्व कुछ महीने इंतजार करना पसंद करती हैं।
हालांकि मार्च के निचले स्तर से बाजार में भारी तेजी के बीच, वोडाफोन आइडिया के आईपीओ की हालिया सफलता और उत्साहजनक तरलता की स्थिति ने इस बार बैंकरों और आईपीओ लाने जा रही कंपनियों में भरोसा पैदा किया है।
ब्लैकस्टोन-समर्थित आधार हाउसिंग फाइनैंस का आईपीओ 3,000 करोड़ रुपये के आकार के साथ सबसे बड़ा होगा, जबकि फार्मास्युटिकल बायोटेक फर्म इंडेजीन और ट्रैवल वितरण प्लेटफॉर्म करीब 1,842 करोड़ रुपये और 1,500 करोड़ रुपये जुटाएंगे।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के कार्यकारी निदेशक अजय सराफ ने कहा, ‘चुनाव इस बार कोई ज्यादा बड़ा कारक नहीं है। हमारे हिसाब से ज्यादा महत्वपूर्ण घरेलू पूंजी प्रवाह है। रिटेल पूंजी का इक्विटी बाजारों में आना ज्यादा मायने रखता है। इससे आईपीओ लाने की योजना बना रही कंपनियों को मई में अपने निर्गम लाने के लिए भरोसा बढ़ा है। रिटेल और अमीर निवेशकों (HNI) में दिलचस्पी बरकरार रहने की संभावना है।’ साथ ही व्यवस्था और नीतिगत निरंतरता को लेकर भी निवेशकों में भरोसा बढ़ा है।
प्राइम डेटाबेस के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया का कहना है, ‘बाजार ज्यादा उतार-चढ़ाव पसंद नहीं करते हैं। यदि सेकंडरी बाजार में ऐसी स्थिति पैदा होती है तो प्राथमिक बाजार की गतिविधि प्रभावित होती है। इसे लेकर स्थिति साफ नहीं रही है कि पिछले चुनावी चक्रों के दौरान सत्ता में कौन आएगा। इस बार, निवेशक ज्यादा आशान्वित नजर आ रहे हैं।’
मार्च 2024 के निचले स्तर से, निफ्टी स्मॉलकैप-100 सूचकांक करीब 20 प्रतिशत चढ़ चुका है और निफ्टी मिडकैप-100 सूचकांक में 11.2 प्रतिशत की तेजी आई है। वोडाफोन के एफपीओ को 6.4 गुना बोलियां मिली थीं और इस निर्गम को कुल 11 लाख आवेदन मिले।
हल्दिया ने कहा, ‘निर्गम के आकार और कंपनी से जुड़ी चुनौतियों को देखते हुए निवेशकों से मिली प्रतिक्रिया शानदार थी। आईपीओ लाने जा रही कई कंपनियां स्मॉल और मिडकैप सेगमेंट से होंगी। इस सेगमेंट में किसी तरह के स्थायित्व से आईपीओ को राहत मिलेगी।’
भविष्य में, ब्याज दर परिदृश्य और भूराजनीतिक स्थिरता ऐसे मुख्य कारक होंगे जिन पर निवेशकों और निर्गमकर्ताओं को आईपीओ बाजार की राह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
बाजार कारोबारियों का कहना है कि कई कंपनियां नियामकीय मंजूरी हासिल कर चुकी हैं जिससे उन्हें अगले सप्ताह के तीन निर्गमों पर प्रतिक्रिया जानने के बाद अपनी पेशकशों को भी ला सकेंगी।
सराफ ने कहा, ‘हमें इनमें से कुछ संकेतों पर नजर रखने की जरूरत होगी। मौजूदा समय में, हालात अच्छे नजर आ रहे हैं।’