जीई पावर इंडिया (GEPIL) के शेयरों में आज जोरदार तेजी देखने को मिली। इंट्राडे ट्रेड में यह शेयर 18% की उछाल के साथ 483.15 रुपये के भाव पर पहुंच गया। गौर करने वाली बात ये है कि यह सितंबर 2020 के बाद कंपनी के शेयरों का सबसे ऊंचा स्तर है। हालांकि, दिसंबर 6, 2007 को यह शेयर रिकॉर्ड 1109 रुपये के भाव पर पहुंचा था।
आज दोपहर 2:58 बजे तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर कुल मिलाकर 3.78 करोड़ शेयरों का लेन-देन हुआ, जो कंपनी की कुल पूंजी का 5.6% है। बता दें कि आज बाजार का मुख्य सूचकांक BSE Sensex सिर्फ 0.11% की बढ़त के साथ 80,062 के आसपास कारोबार कर रहा है।
आज की तेजी के बाद, जीई पावर इंडिया (GEPIL) का शेयर 4 जून के 268 रुपये के निचले स्तर से 80% ऊपर चढ़ गया है। पिछले एक साल में इसने बाजार के मुख्य सूचकांक (जिसमें 22.3% की बढ़त हुई) की तुलना में 213% की उछाल दर्ज की है।
जीई पावर भारत में बिजली उत्पादन उपकरण बनाने वाली लीडिंग कंपनियों में से एक है। इसका मुख्य कारोबार कोयला आधारित बिजली प्लांट के लिए उपकरण बनाने का है, लेकिन साथ ही जल विद्युत और गैस प्लांट के लिए भी उपकरण बनाती है।
आने वाले दो दशकों में भी बिजली की मांग तेजी से बढ़ने की उम्मीद है, जबकि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पादन क्षमता उतनी तेजी से नहीं बढ़ पाएगी। इसका मतलब है कि कोयला आधारित बिजली प्लांट को कम से कम अगले 20 साल तक चलते रहना होगा। हालांकि, ऊर्जा एफिसिएंसी के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ऐसी तकनीकों का इस्तेमाल जरूरी है जिनसे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम किया जा सके।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए नई टेक्नोलॉजी
हवा साफ रखने और ग्रीनहाउस गैस कम करने के लिए नई टेक्नोलॉजी की जरूरत है। GEPIL जैसी कंपनियां ऐसी ही टेक्नोलॉजी बनाती हैं जो बिजली बनाने वाली फैक्ट्रियों के धुएं से सल्फर निकालती है। इस टेक्नोलॉजी की डिमांड तेजी से बढ़ रही है क्योंकि आने वाले समय में प्रदूषण कम करने के लिए सख्त नियम लागू होंगे। साथ ही, पुरानी फैक्ट्रियों को भी चलाने के लिए इस टेक्नोलॉजी की जरूरत पड़ेगी।
भारत ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव करने वाला है। इसमें पानी से बिजली बनाने की तकनीक, “पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज प्रोजेक्ट्स” (पीएसपी) काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। सरकार ने 2031 तक पीएसपी क्षमता को 4.7 गीगावाट से बढ़ाकर 55 गीगावाट करने का लक्ष्य रखा है।
GEPIL की भूमिका और रणनीति
GEPIL जैसी कंपनियां भी इस बदलाव में शामिल होंगी। वो दूसरे पार्टनरों के साथ मिलकर सावधानी से चुने गए ऐसे प्रोजेक्ट्स में काम करेंगी जिनसे अच्छा मुनाफा हो। GEPIL इस क्षेत्र में परियोजना प्रबंधन और इंजीनियरिंग का काम करेगी, जबकि जरूरी डिजाइन, टरबाइन, जनरेटर जैसे उपकरण और पूरा बिजली का सामान दूसरी कंपनियां मुहैया कराएंगी।
सरकार और निजी कंपनियां दोनों ज्यादा पैसा लगा रही हैं, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहा है। GEPIL ऐसे बदलावों में निजी बिजली कंपनियों के साथ काम करना पसंद करेगी क्योंकि इससे उन्हें ज्यादा फायदे होने की संभावना है।