वित्तीय संकट से निपटने के लिए अमेरिकी सरकार के राहत पैकेज को अमेरिकी संसद ने नामंजूर क्या कर दिया, दुनियाभर के बाजारों में गिरावट की आंधी चल पड़ी। शुरुआती कारोबार के दौरान भारतीय बाजारों में भी इसका असर देखा गया, लेकिन बाद में सेबी अध्यक्ष सी.बी. भावे के बयान से बाजार को सहारा मिला और इसने अच्छी वापसी की। खास बात यह कि भारतीय बाजार ने उस समय तेजी दिखाई, जब दुनियाभर के बाजार भारी गिरावट दिखा रहे थे। शुरुआती कारोबार के दौरान बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स करीब 440 अंक नीचे चला गया था, वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भी करीब 130 अंकों की गिरावट पर चल रहा था, लेकिन कारोबार समाप्ति पर इसने शानदार बढ़त दर्ज की। सेंसेक्स 264.68 अंक चढ़कर 12,860.43 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी 71.15 अंकों की बढ़त के साथ 3,921.20 के स्तर पर पहुंच गया।
बीएसई क्षेत्रीय सूचकांकों में बैंकिंग क्षेत्र 4 फीसदी, जबकि पूंजीगत वस्तु सूचकांक 3 फीसदी की तेजी के साथ बंद हुए। अचल संपत्ति, तकनीकी क्षेत्र में 2 फीसदी का उछाल आया। इसके साथ ही तेल एवं गैस, आईटी, फार्मा, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु, वाहन और ऊर्जा क्षेत्र के शेयरों में भी मजबूती दर्ज की गई।
सोमवार को जहां आईसीआईसीआई बैंक के शेयर करीब 12 फीसदी की गिरावट पर बंद हुए थे, उसमें आरबीआई के बयान के बाद मंगलवार को करीब 8 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। टीसीएस के शेयर भी करीब 6 फीसदी मजबूती के साथ बंद हुए। एचडीएफसी और भेल के शेयर 5 फीसदी, जबकि एसबीआई, एलएंटडी और जेपी एसोसिएट्स के शेयरों में 4 फीसदी की तेजी देखी गई। एचडीएफसी बैंक और रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयर दो फीसदी बढ़त पर रहे। गिरावट पर रहने वाले शेयरों में टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और रैनबैक्सी प्रमुख रहे। इनमें करीब 3 से 4 फीसदी की गिरावट देखी गई।
अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजारों की बात करें, सोमवार को अमेरिकी बाजार में भारी गिरावट देखी गई। डाऊ जोंस करीब 777 अंक और नैस्डैक 199 अंक नीचे बंद हुआ। मंगलवार को एशियाई बाजारों में भी शुरुआती कारोबार के दौरान भारी गिरावट देखी गई। शंघाई कंपोजिट करीब 4 फीसदी नीचे, जबकि जापान के निक्केई में 483.75 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। हेंगसेंग भी करीब 135 अंक नीचे कारोबार कर रहा था।
वित्तीय संकट से निपटने के लिए अमेरिकी सरकार के राहत पैकेज को अमेरिकी संसद ने नामंजूर क्या कर दिया, दुनियाभर के बाजारों में गिरावट की आंधी चल पड़ी। शुरुआती कारोबार के दौरान भारतीय बाजारों में भी इसका असर देखा गया, लेकिन बाद में सेबी अध्यक्ष सी.बी. भावे के बयान से बाजार को सहारा मिला और इसने अच्छी वापसी की। खास बात यह कि भारतीय बाजार ने उस समय तेजी दिखाई, जब दुनियाभर के बाजार भारी गिरावट दिखा रहे थे। शुरुआती कारोबार के दौरान बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स करीब 440 अंक नीचे चला गया था, वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भी करीब 130 अंकों की गिरावट पर चल रहा था, लेकिन कारोबार समाप्ति पर इसने शानदार बढ़त दर्ज की। सेंसेक्स 264.68 अंक चढ़कर 12,860.43 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी 71.15 अंकों की बढ़त के साथ 3,921.20 के स्तर पर पहुंच गया।
बीएसई क्षेत्रीय सूचकांकों में बैंकिंग क्षेत्र 4 फीसदी, जबकि पूंजीगत वस्तु सूचकांक 3 फीसदी की तेजी के साथ बंद हुए। अचल संपत्ति, तकनीकी क्षेत्र में 2 फीसदी का उछाल आया। इसके साथ ही तेल एवं गैस, आईटी, फार्मा, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु, वाहन और ऊर्जा क्षेत्र के शेयरों में भी मजबूती दर्ज की गई।
सोमवार को जहां आईसीआईसीआई बैंक के शेयर करीब 12 फीसदी की गिरावट पर बंद हुए थे, उसमें आरबीआई के बयान के बाद मंगलवार को करीब 8 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। टीसीएस के शेयर भी करीब 6 फीसदी मजबूती के साथ बंद हुए। एचडीएफसी और भेल के शेयर 5 फीसदी, जबकि एसबीआई, एलएंटडी और जेपी एसोसिएट्स के शेयरों में 4 फीसदी की तेजी देखी गई। एचडीएफसी बैंक और रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयर दो फीसदी बढ़त पर रहे। गिरावट पर रहने वाले शेयरों में टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और रैनबैक्सी प्रमुख रहे। इनमें करीब 3 से 4 फीसदी की गिरावट देखी गई।
अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजारों की बात करें, सोमवार को अमेरिकी बाजार में भारी गिरावट देखी गई। डाऊ जोंस करीब 777 अंक और नैस्डैक 199 अंक नीचे बंद हुआ। मंगलवार को एशियाई बाजारों में भी शुरुआती कारोबार के दौरान भारी गिरावट देखी गई। शंघाई कंपोजिट करीब 4 फीसदी नीचे, जबकि जापान के निक्केई में 483.75 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। हेंगसेंग भी करीब 135 अंक नीचे कारोबार कर रहा था।