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एफएमसीजीः बेहतर स्थिति

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 10:42 PM IST


एफएमसीजी कंपनियों का प्रदर्शन जून 2008 की तिमाही में कीमतों के लिहाज से कठिन माहौल में कारोबार करने के बावजूद बेहतर रहा। मॉर्गन स्टेनली ब्रोकरेज केद्वारा जिन कंपनियों का अध्ययन किया गया उनमें कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर वॉल्यूम और संतुलित कीमतों के कारण 20 प्रतिशत ऊपर रहा। हालांकि रियालाइजेशन केकाफी ऊपर होने से कीमतों में बढ़ोतरी केबावजूद उत्पादन में हुए खर्चे के दबाव को पूरी तरह से कम नहीं किया जा सका। जहां तक सितंबर 2008 की तिमाही का सवाल है तो इस तिमाही में एफएमसीजी केइसी तरह के प्रदर्शन करने की संभावना है। कच्चे तेल की कीमतों मे गिरावट और पाम ऑयल की कीमतों का कम होना निश्चित तौर पर एफएमसीजी कंपनियों केलिए राहत का संदेश लेकर आया है। कुछ कंपनियों ने उत्पादन लागत में हो रही बढ़ोतरी की भरपाई कुछ हद तक कीमतों में बढ़ोतरी कर के पूरी कर ली लेकिन कच्चे पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी क े प्रभाव को कम करने में थोरा समय लगेगा। उदाहरण के लिए कॉलगेट ने इस साल शुरू में अपनी कीमतों में 3-4 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी जबकि डाबर ने अपने उत्पाद जैसे च्यवनप्राश और टूथपेस्ट में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जबकि शैम्पू में इसने 7 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की थी। इस तर्ज पर 1,906 करोड़ रुपये की कंपनी मेरिको ने अपने पॅराशुट तेल में 5 से 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी जबकि 13,717 करोड़ रुपये वाली कंपनी हिन्दुस्तान लीवर ने अपने कुछ ब्रांडों में 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की थी। इसकेपरिणामस्वरूप सितंबर 2008 की तिमाही में प्रदर्शन के बेहतर रहने की संभावना है।


गोदरेज कंज्यूमर के कुल बिक्री में जहां सालदरसाल के हिसाब से 20-21 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने के आसार हैं वहीं हिन्दुस्तान युनिलीवर के साबुन और डिटर्जेंट में बेहतर वॉल्यूम के कारण इसकेराजस्व में 19-21 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की संभावना है। कोलगेट पामोलिव के टॅथपेस्ट और टूथब्रश में बेहतर कर पाने से इसकी बिक्री में 14-16 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की संभावना है। जून 2008 की तिमाही में ग्रॉस मार्जिन और ऑपरेटिंग मार्जिन दोनो कमजोर रहा। कोप्रा की कीमतों में सालदरसाल के हिसाब से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने से मेरिको का प्रॉफिट मार्जिन राजस्व में 28 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने के बावजूद 150 आधार अंकों की गिरावट के साथ 12.5 प्रतिशत रहा। पिछले कुछ महीनों में कच्चे तेल की कीमतों में जहां 32 प्रतिशत की गिरावट आई है वहीं पाम ऑयल की कीमतों में भी 30 प्रतिशत की कमी आई है। साबुन निर्माता कंपनी जैसे गोदरेज कंज्युमर के कच्चे पदाथों की कीमतों के कम रहने से सितंबर 2008 की तिमाही में ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन के बरकरार रहने की संभावना है।


बीएसई एफएमसीजी इंडेक्स ने इस साल की शुरूआत से ही बाजार को आउटपरफॉर्म किया है और सेंसेक्स में आई 38 प्रतिशत की गिरावट की तुलना में इसमें मात्र 8 प्रतिशत की गिरावट आई है। अगस्त की शुरूआत से इंडेक्स में 3 प्रतिशत की तेजी आई है जबकि सेंसेक्स 14 प्रतिशत नीचे जा चुका है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि वैल्यूएशन सस्ता नहीं रह गया है। सीवाई 2008 केअनुमानित अर्निंग्स के 29 गुना पर नेस्ले सस्ता नहीं रहा है यद्यपि इसके प्रदर्शन को देखते हुए वैल्युएशन को सही ठहराया जा सकता है। ब्रिटानियां 1,346 रुपये और गोदरेज 109 रुपये पर वित्त वर्ष 2009 के अनुमानित मुनाफे के 14 गुना अधिक पर कारोबार कर रही है। मौजूदा 59 रुपये पर मेरिको 19.5 गुना पर कारोबार कर रहा है।



First Published : October 1, 2008 | 11:17 PM IST