अक्टूबर के पहले पखवाड़े के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने वित्तीय कंपनियों, सूचना प्रौद्योगिकी और एफएमसीजी फर्मों के सबसे ज्यादा शेयरों की बिकवाली की।
विदेशी फंडों ने वित्तीय सेवा क्षेत्र की फर्मों के 4,081 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जबकि आईटी कंपनियों के 1,665 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की। प्राइमइन्फोबेस डॉट कॉम के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
इस बिकवाली के बावजूद क्षेत्र के लिहाज से वित्तीय शेयरों में एफपीआई का आवंटन सबसे ज्यादा 32.12 फीसदी है। विश्लेषकों ने कहा कि महंगाई व प्रतिफल में बढ़ोतरी वित्तीय कंपनियों के लिए नकारात्मक है क्योंकि उन्हें मार्क-टु-मार्केट बॉन्डों के लिए ज्यादा प्रावधान करना पड़ेगा, जो उनका मुनाफा चट कर सकता है।
15 अक्टूबर को आईटी शेयरों में विदेशी पोर्टफोलियो का निवेश उनके कुल निवेश का 10 फीसदी था। आईटी शेयरों में बिकवाली कई ब्रोकरेज की तरफ से वैश्विक अनिश्चितता का और मार्जिन पर दबाव का हवाला देते हुए की गई डाउनग्रेडिंग के बीच हुई। लेकिन विश्लेषकों ने कहा कि आईटी शेयरों की बिकवाली का काम अब खत्म हो गया है और अगले पखवाड़े इनमें खरीदारी दिख सकती है।
अक्टूबर के पहले पखवाड़े में एफपीआई ने निर्माण कंपनियों के 565 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे जबकि बिजली कंपनियों के 323 करोड़ रुपये के शेयर और पूंजीगत सामान क्षेत्र की कंपनियों के 309 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
विश्लेषकों ने कहा कि बिजली कंपनियों के शेयरों की खरीद और एफएमसीजी शेयरों की बिकवाली सुरक्षात्मक शेयरों की कीमत पर बीटा शेयरों की तरफ झुकाव दिखाता है। विश्लेषकों ने कहा कि पिछले पखवाड़े के आखिर में बीटा शेयरों की खरीद ने जोर पकड़ा और आने वाले समय में इसमें तेजी आ सकती है। एफपीआई ने 1,188 करोड़ रुपये के एफएमसीजी शेयर बेचे।
