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DIIs ने 2025 में किया रिकॉर्ड निवेश, भारतीय बाजार में अब तक झोंके ₹6 लाख करोड़ से ज्यादा

विदेशी निवेशकों की निकासी के बीच भी घरेलू निवेशक बने बाजार का सहारा, SIP और म्युचुअल फंड से मजबूती

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पुनीत वाधवा   
Last Updated- October 15, 2025 | 11:57 AM IST

कैलेंडर वर्ष 2025 (CY25) में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) का शेयर बाजार में निवेश बहुत मजबूत रहा। उनके कुल निवेश ने 6 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा छू लिया, जो 2007 से अब तक किसी भी साल में सबसे ज्यादा है। इसी साल से BSE ने डेटा रखना शुरू किया था। DIIs में बैंक, घरेलू वित्तीय संस्थान (DFIs), बीमा कंपनियां, नए पेंशन स्कीम और म्युचुअल फंड शामिल हैं। पिछले साल (CY24) में उनका निवेश 5.26 लाख करोड़ रुपये था।

आगे भी जारी रहेगा ट्रेंड

जियो ब्लैकरॉक AMC के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर ऋषि कोहली का कहना है कि यह ट्रेंड आगे भी जारी रह सकता है, खासकर SIP निवेश के कारण, जो बाजार गिरने पर भी मजबूत रहते हैं। उनका कहना है कि “जब तक कोई वैश्विक झटका नहीं आता, DIIs मजबूत निवेश जारी रखेंगे। CY26 में DII फ्लो 2025 से भी अधिक हो सकता है।”

FPI ने कितना निकाला और कितना लगाया?

NSDL के डेटा के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) ने CY25 में 23.3 अरब डॉलर (लगभग 2.03 लाख करोड़ रुपये) निकाले, लेकिन उन्होंने 5,716 मिलियन डॉलर (लगभग 49,590 करोड़ रुपये) प्राइमरी मार्केट और अन्य मार्गों से निवेश किए।

आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC के महेश पाटिल के अनुसार, वैश्विक निवेशकों ने सबसे ज्यादा निवेश अमेरिका, चीन, जर्मनी और ब्राजील में किया, जबकि जापान, भारत, वियतनाम और दक्षिण कोरिया से पैसे निकाले।

इक्विनॉमिक्स रिसर्च के जी चोक्कालिंगम का कहना है कि 2008 के लेहमन ब्रदर्स संकट के बाद से DIIs ने जब भी घरेलू बाजार गिरा और FIIs ने भारी बिकवाली की, तब आक्रामक खरीदारी करके अच्छा मुनाफा कमाया।

आगे का रुझान क्या है – DIIs और रिटेल निवेशक कैसे बाजार को प्रभावित करेंगे?

Chokkalingam का कहना है कि DIIs का निवेश आगे भी मजबूत रहेगा, क्योंकि बीमा और पेंशन फंड में निवेश बढ़ता जा रहा है। लेकिन बाजार अब रिकॉर्ड ऊंचाइयों पर है और रिटेल निवेश थोड़ी धीमी हो सकती है। Tata Asset Management की सोनम उदासी कहती हैं कि म्युचुअल फंड और SIP के जरिए घरेलू निवेशक भारतीय शेयरों में प्रभाव बनाए रखेंगे और विदेशी निकासी के बावजूद बाजार मजबूत रहेगा।

उदासी ने यह भी कहा कि अगर टैरिफ संबंधी चिंताएं कम हो जाएं, तो वैश्विक निवेशक (FII) भी धीरे-धीरे भारतीय बाजार में निवेश करने लगेंगे और घरेलू निवेशकों के साथ कदम से कदम मिला सकते हैं।

DIIs ने किस सेक्टर में किया सबसे ज्यादा निवेश?

CY25 में BSE Sensex और Nifty50 क्रमशः 5.8% और 4.4% बढ़े, जबकि BSE Smallcap 5.6% और BSE Midcap 1.6% गिरा। महेश पाटिल के अनुसार, DIIs ने पिछले साल सबसे ज्यादा निवेश BFSI, कैपिटल गुड्स, हेल्थकेयर और ऑटो सेक्टर में किया।

First Published : October 15, 2025 | 11:14 AM IST