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मुद्रा का एक्सचेंज ट्रेडेड वायदा कारोबार जल्द ही

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 2:44 AM IST

सेबी और रिजर्व बैंक ने एक्सचेंज ट्रेडेड मुद्रा के वायदा कारोबार को शुरू करने की घोषणा की है। इससे करेंसी डेरिवेटिव के कारोबार की भी अनुमति मिलेगी।


इन दोनों के कारोबार एक्सचेंज में बैंकों के काउंटर(ओटीसी)की जगह किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछले साल नवंबर में एक आईटी कंपनी हेक्सावेयर टेक्नोलॉजी ने करेंसी डेरिवेटिव सौदों को लेकर हो रहे घाटे के मद्देनजर कुछ प्रावधान किए थे।

लेकिन, इसके अलावा इस सौदे को लेकर रिजर्व बैंक को ज्यादातर रिपोर्ट घाटे की ही मिलती रही है। लिहाजा,बैंक को मजबूर होकर एक ज्यादा पारदर्शी एक्सचेंज ट्रेडेड करेंसी डेरिवेटिव्स को शुरू करने पर सोचना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक प्रारंभ में मुद्रा वायदा के तहत अमेरिकी डॉलर और भारतीय रूपये में कारोबार किया जाएगा, जबकि इस  सौदे का न्यूनतम आकार 1,000 डॉलर का रहेगा।

उसके बाद सौदे का आकार समय -समय पर सौदे के न्यूनतम आकार से समायोजित किया जाता रहेगा। इसके अलावा रिपोर्ट में इस सौदे  की कारोबार अवधि,सौदा कितने दिनों तक का होगा सहित इस काम को अंजाम देने वाली इकाई के गठन की बात का जिक्र किया गया है। मुद्रा वायदा हरेक महीने की आखिरी कार्य दिवस (शनिवार को छोड़कर) बंद हो जाया करेगा।

रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि इस कारोबार के जोखिमों को काबू में करने के लिए एक जोखिम प्रबंधन व्यवस्था की दरकार होगी,जिसके लिए ऐसी व्यवस्था निर्मित की गई है,जो इनिशियल मार्जिन, कैलेंडर मार्जिन और एक्सट्रीम लॉस मार्जिन(ईएलएम) को भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होगा।

इनिशियल मार्जिन किसी ग्राहक  के पोर्टफोलियो के सबसे बुरी हालत होने पर निर्भर होगा और यह रियल टाइम बेसिस पर क्लीयरिंग सदस्य के लिक्विड नेटवर्थ में से घटा लिया जाएगा। जबकि इसी प्रकार क्लियरिंग मेंबर के ग्रॉस ओपन पोजिशन के मार्केट-टू-मार्केट वैल्यू के एक फीसदी को ईएल एम से घटाया जाया करेगा।

इनके अलावा,रिर्पोट यह भी कहती है कि क्लियरिंग मेंबर का नेटवर्थ हरेक बिंदुओं पर 50 लाख होना चाहिए। जबकि मार्केट-टू-मार्कट मुनाफे या फिर घाटे को कारोबार के अगले दिन ही सुलझा लिया जाएगा। जोखिम प्रबंधन इनके अलावा मार्जिन के जुटाए जाने और इसके लागू किए जाने के लिए भी जिम्मेवार होगा।

कैसा हो निवेश

प्रारंभ में मुद्रा वायदा के तहत अमेरिकी डॉलर और भारतीय रूपये में कारोबार किया जाएगा, जबकि इस  सौदे का न्यूनतम आकार 1,000 डॉलर का रहेगा।
क्लियरिंग मेंबर का नेटवर्थ हरेक बिंदुओं पर 50 लाख होना चाहिए।

First Published : May 30, 2008 | 10:36 PM IST