अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में 75 आधार अंक (बीपी) की वृद्धि के बावजूद रुपये और भारत सरकार के बॉन्ड में गुरुवार को मजबूती आई, क्योंकि केंद्रीय बैंक की टिप्पणी की प्रमुख बातों को इस संकेत के रूप में माना गया कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में भविष्य की नीति शायद ज्यादा सख्त न हो।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले बंद भाव 79.90 की तुलना में 79.76 पर बंद हुआ। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में क्रमशः 1.9 प्रतिशत और 1.7 प्रतिशत की बढ़त के साथ घरेलू शेयर बाजार में मजबूती से भी रुपये को सहारा मिला।
6.54 फीसदी प्रतिफल वाला बेंचमार्क 10 वर्षीय 2032 सरकारी बॉन्ड 7.33 फीसदी पर बंद हुए, जो बुधवार के बंद स्तर से एक आधार अंक कम है। बॉन्ड के दाम और प्रतिफल विपरीत दिशा में बढ़ते हैं।
बुधवार देर रात अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 75 आधार अंक की दर वृद्धि की घोषणा की, जिससे उसकी बेंचमार्क नीतिगत दर 2.25-2.50 प्रतिशत हो गई। इस कदम से वर्ष 2022 में अब तक अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा घोषित की गई दर बढ़ोतरी कुल मिलाकर 225 आधार अंक तक हो गई है।
फेड रिजर्व का यह कदम 5 अगस्त को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले आया है, जिसमें इस बात के आसार हैं कि केंद्रीय बैंक रीपो दर को मौजूदा 4.9 प्रतिशत से 35 से 50 आधार अंक तक बढ़ा सकता है।
बैंक ऑफ अमेरिका ग्लोबल रिसर्च के अर्थशास्त्रियों ने लिखा है कि हम अब भी उम्मीद कर रहे हैं कि फेड सितंबर में 50 आधार अंक तक और फिर नवंबर तथा दिसंबर में 25 आधार अंक तक का इजाफा करेगा। उसके बाद हम उम्मीद करते हैं कि फेड विराम लेगा।