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बोफा, क्रेडिट सुईस, गोल्डमैन सैक्स को इक्विटी में तेजी की उम्मीद

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 1:51 AM IST

दुनिया भर के अधिकतर शेयर बाजारों में उनके मार्च 2020 के निचले स्तर के मुकाबले जबरदस्त तेजी के बावजूद आगे की राह के लिए अधिकतर फंड मैनेजरों का नजरिया इस परिसंपत्ति वर्ग के लिए तेजडिय़े का बना हुआ है। हालांकि वे समय-समय पर गिरावट को लेकर भी सतर्क हैं लेकिन उनका कहना है कि कुल मिलाकर फिलहाल तेजडिय़े की प्रवृत्ति बरकरार रहेगी।
सितंबर के लिए बैंक ऑफ अमेरिका द्वारा कराए गए सर्वेक्षण बोफा सितंबर ग्लोबल फंड मैनेजर सर्वे के अनुसार, 58 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि फिलहाल बाजार में तेजी बरकरार रहेगी जबकि मई में 25 फीसदी लोग ऐसा मानते थे। यह सर्वेक्षण 3 सितंबर से 10 सितंबर के दौरान किया गया और इसमें 646 अरब डॉलर की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) के साथ 224 पैनलिस्टों ने भाग लिया।
बोफा सिक्योरिटीज ने कहा कि सर्वेक्षण के दौरान 601 अरब डॉलर एयूएम के साथ 199 प्रतिभागियों ने वैश्विक एफएमएस सवालों के जवाब दिए और 181 अरब एयूएम के साथ 90 प्रतिभागियों ने क्षेत्रीय एफएमएस सवालों के जवाब दिए।
हालांकि इस सुधार की स्थिरता को सर्वेक्षण में शामिल फंड मैनेजरों के नकदी स्तर में मामूली वृद्धि से बल मिला। यह सितंबर में बढ़कर 4.8 फीसदी हो गया जो पहले 4.6 फीसदी था। बोफा सिक्योरिटीज के अनुसार, यूरोप, ब्रिटेन और उभरते बाजारों के अधिकतर वैश्विक फंड मैनेजरों के बीच अमेरिकी इक्विटी को प्राथमिकता सितंबर में भी जारी रही। परिणामस्वरूप अमेरिकी प्रौद्योगिकी शेयरों में सबसे अधिक खरीद-फरोख्त हुई। क्रेडिट सुईस वेल्थ मैनेजमेंट के विश्लेषकों ने भी इसी तरह की राय जाहिर की। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्रीय बैंक, विशेष तौर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की उपयुक्त नीतियों के कारण इन शेयरों का प्रदर्शन बेहतर रहेगा लेकिन उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रौद्योगिकी शेयरों के एकतरफा मूल्यांकन के कारण सतर्क रहने की जरूरत है।
क्रेडिट सुईस वेल्थ मैनेजमेंट के भारत इक्विटी अनुसंधान प्रमुख जितेंद्र गोहिल ने 15 सितंबर को प्रेमल कामदार के साथ तैयार एक नोट में लिखा है, ‘अमेरिकी शेयरों में आई हालिया गिरावट को लेकर वे सतर्क हैं और यह पिछले कुछ महीनों के दौरान शेयरों का मूल्यांकन काफी अधिक होने के बाद सुदृढीकरण की चेतावनी है। अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी एकतरफा दिख रही है क्योंकि वह कुछ प्रौद्योगिकी शेयरों तक ही सीमित है।’
जहां तक भारत का सवाल है तो क्रेडिट सुईस मैनेजमेंट का मानना है कि आगामी सप्ताहों के दौरान शेयर बाजार में गिरावट का दबाव दिख सकता है क्योंकि मुनाफा वसूली शुरू हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘मध्यावधि के परिप्रेक्ष्य में हम अभी भी शेयरों से सकारात्मक रिटर्न की उम्मीद करते हैं क्योंकि हमारा मानना है कि एक परिसंपत्ति वर्ग के तौर पर शेयर को प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीतियों में दी गई जबरदस्त नरमी से मदद मिलनी चाहिए। हम निवेशकों को सुझाव देते हैं कि वे इस कमजोरी का उपयोग निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों में 12 से 18 महीनों के लिए निवेश में कर सकते हैं।’
गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, बाजार फिलहाल नए निवेश चक्र के पहले चरण में है जिसे वह ‘उम्मीद’ की तेजी कहती है।

First Published : September 17, 2020 | 12:04 AM IST