शादियों के सीजन में इन शेयरों पर लगाएं दांव, दोस्त की सजेगी डोली मगर आपकी भी भरेगी झोली

भारतीय शादी' पर हर साल लगभग 10 लाख करोड़ रुपये (130 बिलियन डॉलर) खर्च होते हैं, जो अमेरिका में सालाना शादी खर्च (लगभग 70 बिलियन डॉलर) से करीब दोगुना ज्यादा है।

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पुनीत वाधवा   
Last Updated- June 24, 2024 | 10:01 PM IST

भारत में शादियों का एक अलग ही क्रेज होता है। राधिका मर्चेंट और अनंत अंबानी की शादी से संबंधित सेलिब्रेशन से लेकर दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह, अनुष्का शर्मा और विराट कोहली, प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस, वनीशा मित्तल और अमित भाटिया की शादियों तक, भारतीय शादियां हमेशा से एक भव्य आयोजन रही हैं।

जेफरीज की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, ‘बड़ी मोटी भारतीय शादी’ पर हर साल लगभग 10 लाख करोड़ रुपये (130 बिलियन डॉलर) खर्च होते हैं, जो संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में सालाना शादी खर्च (लगभग 70 बिलियन डॉलर) से करीब दोगुना ज्यादा है। हालांकि, चीन के 170 बिलियन डॉलर के खर्च से थोड़ा कम है।

अगर इसे खुद कंजंप्शन कैटेगरी माना जाए, तो जेफरीज के अनुसार, ‘बड़ी मोटी भारतीय शादी’ भोजन और किराने के बाद दूसरी सबसे बड़ी खपत श्रेणी (consumption category ) के रूप में होगी।

जेफरीज के अनुसार, मौजूदा समय में प्रति शादी औसत खर्च लगभग 12 लाख रुपये है, जो कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) प्रति व्यक्ति 2.9 हजार डॉलर का 5 गुना है और औसत वार्षिक घरेलू आय (average annual household income), जो लगभग 4 लाख रुपये है, से ज्यादा है। ग्लोबल लेवल पर तुलना करने पर, भारत का शादी खर्च से GDP रेश्यो 5 गुना है, जो कई अन्य देशों से काफी ज्यादा है।

इक्विटी एनालिस्ट विवेक महेश्वरी की अगुवाई में, जेफरीज के एनालिस्ट्स ने हालिया नोट में लिखा, ‘दिलचस्प बात यह है कि यह खर्च भारत में प्री-प्राइमरी से ग्रेजुएशन तक लगभग 18 वर्षों की शिक्षा (लगभग 6 लाख रुपये) पर खर्च की गई कुल राशि (दूल्हा और दुल्हन दोनों सहित) का लगभग 2 गुना है। तुलना के तौर पर, अमेरिका में विवाह खर्च/शिक्षा खर्च अनुपात सार्वजनिक शिक्षा के लिए केवल 0.5 गुना और प्राइवेट शिक्षा के लिए 0.1 गुना है।’

सरल शब्दों में, जेफरीज के नोट के अनुसार, औसत भारतीय जोड़ा शिक्षा (पूर्व-प्राथमिक से ग्रेजुएशन) की तुलना में शादियों पर लगभग 2 गुना अधिक खर्च करता है, जो कि अमेरिका जैसे देशों के विपरीत है जहां शिक्षा पर खर्च की तुलना में शादी पर खर्च आधा से भी कम है।

लिस्टेड कंपनियां

जेफरीज के अनुसार, ‘बड़ी मोटी भारतीय शादी’ कई श्रेणियों के लिए एक प्रमुख खपत चालक भी है। खर्च के दृष्टिकोण से, शादी का आभूषण आमतौर पर शादी खर्च का सबसे बड़ा अनुपात बनाता है, जो परिवार द्वारा किए गए कुल खर्च का लगभग एक चौथाई है, उसके बाद कैटरिंग में लगभग 20 प्रतिशत और कार्यक्रम में 15 प्रतिशत खर्च होते हैं।

जेफरीज नोट में कहा गया कि ज्वेलरी इंडस्ट्री के लिए भी, शादी एक प्रमुख मांग चालक है। ज्वेलरी मार्केट में 50 प्रतिशत से 55 प्रतिशत ज्वेलरी शादियों के उद्देश्य से हैं, उसके बाद मार्केट में रोज पहनन के हिसाब से 35 प्रतिशत और फैशन के लिए 20 प्रतिशत ही ज्वेलरी हैं। 84 अरब डॉलर के परिधान रिटेल मार्केट (apparel retail market) का लगभग 11 प्रतिशत हिस्सा शादी और सेलिब्रेशन में पहने जाने वाले पहनावे द्वारा संचालित है, जिनमें से ज्यादातर शादी के पहनावे द्वारा संचालित हैं।’

जहां तक सर्विस प्रोवाइडर्स की बात है, वे मुख्य रूप से असंगठित (Unorganized ) और हाइली फ्रैगमेंटेड कैटेगरी में आते हैं, जिसमें कई छोटे बिजनेस और पर्सनल सर्विस प्रोवाइडर्स शामिल होते हैं जो उच्च और निम्न खर्च करने वालों दोनों को पूरा करते हैं। संगठित कंपनियों, और यहां तक कि स्टॉक बाजार में लिस्टेड कंपनियों के लिए उपभोक्ता जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने बिजनेस को मजबूत करने की संभावना है।

महेश्वरी ने कहा कि यह संगठित कंपनियों के लिए बाजार हिस्सेदारी हासिल करने का भी एक अवसर है, क्योंकि वे क्षेत्रीय प्राथमिकताओं (regional preferences) को पूरा करने की क्षमताओं का निर्माण करते हैं। टाइटन, कल्याण ज्वेलर्स, वेदांत फैशंस, आदित्य बिड़ला फैशन रिटेल (ABFRL) जैसी कई कंपनियां इस बदलाव से बढ़ते बाजार में अच्छी स्थिति में हैं।

जेफ़रीज़ नोट में कहा गया, जहां तक कैटरिंग कंपनियों की बात है, वहां कोई प्योर-प्ले लिस्टेड कैटरिंग कंपनियां नहीं हैं, लेकिन कुछ ब्रांडेड रिटेल चेन कैटरिंग सर्विस प्रदान करती हैं। एक और सेगमेंट, जिसमें बड़े भारतीय विवाह उद्योग को सर्विस प्रदान करने वाली कोई भी स्टॉक मार्केट लिस्टेड कंपनी नहीं है, वह ‘वेडिंग प्लानर्स’ सेगमेंट है, जिसका नेतृत्व वर्तमान में स्टार्ट-अप द्वारा किया जाता है।

WedMeGood की 2023-24 की वेडिंग इंडस्ट्री रिपोर्ट के अनुसार, 2,400 से अधिक दूल्हे और दुल्हनों (मुख्य रूप से शहरी भारत में) का सर्वेक्षण किया गया था, सर्वेक्षण में शामिल 21 प्रतिशत जोड़ों ने डेस्टिनेशन शादियां कीं, जो 2022 में 18 प्रतिशत से ज्यादा है।

पॉपुलर डोमेस्टिक डेस्टिनेशन गोवा, उदयपुर, जयपुर, केरल और उत्तराखंड शामिल हैं, जबकि पॉपुलर इंटरनेशनल डेस्टिनेशन में थाईलैंड, बाली, इटली और दुबई शामिल हैं।

विवाह में लंबे समय तक ठहरने और यात्रा से संबंधित आवश्यकताओं के साथ, IHCL, EIH, शैलेट होटेल्स (Chalet Hotels) और इंडिगो (Indigo), स्पाइसजेट (SpiceJet ) जैसी प्रमुख होटेल चेन और एयरलाइन कंपनियों के लिए अवसर हैं, जो इस क्षेत्र में प्रमुख लिस्टेड कंपनियों में शामिल हैं।

First Published : June 24, 2024 | 10:32 AM IST