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बॉन्ड और जिंसों में तेजी से शेयर बाजारों पर नकेल!

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 7:42 AM IST

बॉन्ड के प्रतिफल में काफी तेजी और जिंस की कीमतों में इजाफा इक्विटी बाजार को परेशान कर रहा है। ऐसे में ज्यादातर विश्लेषकों का अनुमान है कि यहां से इक्विटी बाजारों की बढ़त सीमित रहेगी।
शुक्रवार को एशियाई शेयरों ने काफी निचले स्तर पर कारोबार किया क्योंकि वॉल स्ट्रीट के मुख्य सूचकांक टूट गए थे और तकनीकी क्षेत्र के शेयर बेंचमार्क अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिफल में तेज बढ़त के कारण दबाव में थे, जो महामारी की शुरुआत के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। यह प्रतिफल 14 आधार अंक बढ़कर 1.5286 फीसदी रहा। यह बढ़ोतरी मजबूत आर्थिक विस्तार और संबंधित महंगाई की पृष्ठभूमि में हुई।
जेफरीज के प्रबंध निदेशक महेश नंदूरकर ने कहा, वैश्विक रुख के मुताबिक भारतीय प्रतिफल निश्चित तौर पर निचले स्तर को छोड़ चुके हैं। फरवरी में बजट पेश किए जाने के बाद भारत के 10 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल 28 आधार अंक चढ़कर 6.18 फीसदी पर पहुंच गया जबकि आरबीआई ने बाजार को सहारा दिया। दिसंबर 2021 के आखिर का हमारा 6.5 फीसदी का लक्ष्य जल्द हासिल हो सकता है। आय प्रतिफल (निफ्टी का एक साल आगे का पीई) और 10 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल अब 156 आधार अंक है, जो लंबी अवधि के औसत 57 आधार अंक से ज्यादा है।
मार्च 2020 के निचले स्तर से भारतीय बाजारों में तेजी रही है। मुख्य सूचकांकों एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी-50 में 25 फरवरी तक क्रमश: 92 फीसदी व 94 फीसदी की तेजी आई है। मिडकैप व स्मॉलकैप में बढ़ोतरी और भी ज्यादा रही है और दोनों सूचकांकों में इस दौरान क्रमश: 106 फीसदी व 128 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
दूसरी ओर जिंसों की बढ़ती कीमतें चुनौती पैदा कर रही है। ब्रेंट क्रूड की कीमतें अप्रैल 2020 के निचले स्तर से करीब 250 फीसदी के बदलाव के साथ 66.59 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है। तांबे की कीमतें 10 साल के उच्चस्तर पर है, वहीं अन्य मूल धातुओं में बढ़त दर्ज हुई है क्योंंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की बढ़त को सहारा देने के लिए मौद्रिक नीति में नरमी की पुष्टि की है।
बोफा सिक्योरिटीज की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, निफ्टी की 31 कंपनियां जिंस संबंधी जोखिम के घेरे में हैं और उसने कहा है कि जिंसों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी का पूरा असर अभी दिखना बाकी है। इस पृष्ठभूमि में विश्लेषकों को लगता है कि बाजार में बढ़ोतरी सीमित रहेगी और उन्हें सूचकांकों के एकीकरण के चरण में पहुंचने की संभावना दिख रही है।
नंदूरकर ने कहा, एतिहासिक विश्लेषण बताता है कि निफ्टी में अभी भी बढ़त देखने को मिल सकती है, लेकिन प्रतिफल मूल्यांकन के मानक बताते हैं कि बाजार में सिर्फ एक अंक की बढ़ोतरी होगी।
ऐसी ही राय क्रेडिट सुइस वेल्थ मैनेजमेंट के विश्लेषकों की है। लंबी अवधि का फंडामेंटल हालांकि बना हुआ है और वे साइक्लिकल सेक्टरों पर तेजी का नजरिया बनाए हुए हैं, लेकिन उनका भी अनुमान है कि मार्च के बाद हुई तेज उछाल के बाद बाजार एकीकृत होगा।

First Published : February 26, 2021 | 11:35 PM IST