‘संक्रमण चरम पर, फरवरी तक असर कम’

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 10:30 PM IST

भारत में कोविड-19 के संक्रमण के चरम पर पहुंचने के संबंध में चर्चाएं तेज हो गई हैं। सरकार द्वारा गठित कोविड-19 सुपरमॉडल समिति के गणितीय अनुमानों के अनुसार यह महामारी सितंबर में अपने चरम पर पहुंच चुकी है और हो सकता है कि अगले वर्ष के शुरू तक इसका प्रभाव मोटे तौर पर खत्म हो जाए। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), हैदराबाद के प्रोफेसर एम विद्यासागर की अध्यक्षता वाली इस 10 सदस्यीय समिति ने कहा है कि अगले वर्ष मध्य फरवरी तक यह महामारी थम जानी चाहिए और उस समय तक कोविड-19 के सक्रिय (लक्षण वाले) मरीजों की संख्या 1.06 करोड़ तक रह सकती है। समिति के अध्ययन के अनुसार भारत की कुल आबादी के 30 प्रतिशत लोगों में कोविड-19 निरोधी क्षमता (ऐंटीबॉडी) विकसित हो गई है।
समिति के चेयरमैन एम विद्यासागर ने कहा, ‘ऐसा नहीं होगा कि 2021 में फरवरी के अंत तक संक्रमण की संख्या शून्य हो जाएगी, लेकिन यह इतनी कम होगी कि देश आसानी से इससे निपट लेगा। हमें यह बात समझनी चाहिए कि संक्रमण का स्तर शून्य के स्तर तक इतनी जल्द नहीं आएगा।’ महामारी विज्ञान में इस स्तर को स्थानिक (ऐनडेमिक) चरण भी कहा जाता है, जिसमें बीमारी एक खास जगह तक सिमट जाती है और संक्रमण आगे नहीं बढ़ता है। कई महामारी विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 संक्रमण पूरी तरह थमने में कम से कम 8 से 10 महीने लगेंगे। हालांकि अध्ययन यह मानते हुए किया गया है कि लोग पर्याप्त सावधानी बरतेंगे और एक दूसरे से पर्याप्त शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए मास्क और हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते रहेंगे।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सीरो-सर्वेक्षण में पाया गया था कि अगस्त के अंत तक देश में 7 प्रतिशत लोग संक्रमण के दायरे में आए थे। समिति ने अनुमान लगाया था कि इस वायरस के खिलाफ 14 प्रतिशत लोगों में रोग निरोधी क्षमता विकसित हो गई थी। अध्ययन में यह भी कहा गया था कि आगामी त्योहारों और शीत ऋतु में एक महीने में नए संक्रमणों की संख्या 26 लाख तक हो सकती है। केरल में कुछ ऐसा ही दिखा था जब ओणम के बाद वहां संक्रमितों की संख्या में खासा इजाफा हो गया था। समिति ने अध्ययन के दौरान लॉकडाउन से जुड़े विभिन्न परिदृश्यों को भी ध्यान में रखा। समिति ने पाया कि अगर सरकार ने लॉकडाउन नहीं लगाया होता तो जून में कोविड-19 संक्रमण के लक्षण वाले मरीजों की कुल संख्या अपने चरम पर होती और अगस्त तक 25 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई होती। समिति ने कहा कि सितंबर में चरम पर पहुंचने के समय भारत में सक्रिय मामले 10 लाख थे और मौत 1 लाख तक सीमित थी। अध्ययन में यह भी दावा किया गया है कि देश में दूसरी बार लॉकडाउन की जरूरत नहीं है और फरवरी अंत तक दोनों सूरत में संक्रमण वैसे भी थम जाएगा। अध्ययन में यह पाया गया है कि प्रवासी कामगारों के पलायन से देश में संक्रमण में बहुत तेजी नहीं आई। अध्ययन के अनुसार अगर लॉकडाउन से पहले इन लोगों को पलायन की इजाजत मिली होती तो इसका बड़ा खमियाजा भुगतना पड़ सकता था।
अध्ययन में उत्तर प्रदेश और बिहार के उदाहरण दिए गए। विद्यासागर ने कहा, ‘इन दोनों राज्यों में लौटे कुछ कामगार कोविड-19 से संक्रमित होंगे, जिससे मामले तत्काल बढ़े होंगे, लेकिन उसके बाद संक्रमण का जाल फैलता गया ऐसा नहीं हुआ।’ विद्यासागर इस तर्क से सहमत नहीं थे कि इन प्रवासी मजदूरों को पलायन की अनुमति देने के बाद सरकार को लॉकडाउन लगाना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘इसके भयंकर नतीजे होते। ये प्रवासी जहां काम कर रहे थे वहां उन्हें कुछ हफ्तों तक पृथकवास में रखा गया, जो निश्चित तौर पर वायरस का प्रसार रोकने में प्रभावी रणनीति साबित हुई।’ इस समिति में आईआईटी कानपुर, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज-वेल्लोर, इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान-पुणे, राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान आदि के प्रतिनिधि शामिल थे।
देश में सामुदायिक संक्रमण नहीं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि कोरोनावायरस का सामुदायिक तौर पर संक्रमण चुनिंदा राज्यों के कुछ जिलों में सीमित है और ऐसा पूरे देश में नहीं हो रहा है। हर्षवर्धन ने रविवार के संवाद के छठे संस्करण में सोशल मीडिया में यह बात कही। वह एक प्रतिभागी के सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान का जिक्र किया कि उनके राज्य में सामुदायिक संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। हर्षवर्धन ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल समेत अनेक राज्यों के विभिन्न हिस्सों में और खासतौर पर घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कोविड-19 का सामुदायिक संक्रमण हो सकता है।’ उन्होंने कहा कि कि देशभर में ऐसा नहीं हो रहा है और सामुदायिक संक्रमण कुछ राज्यों के कुछ जिलों तक सीमित है। भाषा

First Published : October 18, 2020 | 11:04 PM IST