एक नए अध्ययन में कहा गया है कि महामारी के कारण कई साल से स्टूडियो अपार्टमेंट में चल रही वृद्धि अब थम गई है। एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के मुताबिक प्रमुख 7 शहरों में 2020 में कुल 884 परियोजनाएं पेश हुईं, जिनमें से 130 परियोजनाओं में (कुल परियोजना की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी) स्टूडियो अपार्टमेंट की पेशकश की गई। वहीं इसके विपरीत 2019 में 1,921 परियोजनाएं पेश की गईं, जिनमें करीब 368 (19 प्रतिशत) परियोजनाओं में स्टूडियो अपार्टमेंट बनाए गए थे।
स्टूडियो अपार्टमेंट में एक बड़ा कमरा होता है, जिसका इस्तेमाल लिविंग रूम और बेडरूम के रूप में होता है और इसमें एक छोटा किचन होता है।
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘साफतौर पर स्टूडियो अपार्टमेंट का चलन कम हुआ है। 2013 में आई कुल 2,102 परियोनजाओं में सिर्फ 75 परियोजनाओं (4 प्रतिशत) में स्टूडियो अपार्टमेंट बने। यह हिस्सेदारी 2014 में बढ़कर 5 प्रतिशत हुई। इसके बाद लगातार इनमें वृद्धि हुई और 2019 में स्टूडियो अपार्टमेंट वाली परियोजनाओं की हिस्सेदारी बढ़कर 19 प्रतिशत हो गई।’ उन्होंने कहा कि 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण घर से काम शुरू हुआ और बड़े मकान की जरूरत बढ़ी है और नई आपूर्ति में स्टूडियो अपार्टमेंट की हिस्सेदारी घटकर 15 प्रतिशत रह गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2013 से 2020 के बीच 7 प्रमुख शहरों में स्टूडियो अपार्टमेंट वाली कुल परियोजनाओं में से 96 प्रतिशत पुणे और मुंबई मेट्रोपोलिटन क्षेत्र में बने।
2022 तक सामान्य नहीं होंगी गतिविधियां
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 के कारण साख में आ रही गिरावट अल्पकालिक होगी, लेकिन गतिविधियों के मामले में अधिकांश अर्थव्यवस्थाएं 2022 तक महामारी से पहले के स्तर पर नहीं पहुंचेंगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पिछले साल 11 मार्च को कोविड-19 को महामारी घोषित किया था। इसके बाद से पूरे साल के दौरान महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में व्यवधान डाला है। इसके साथ ही ऋण में गिरावट और भुगतान में चूक में तेजी आयी है। मूडीज ने कोरोना वायरस पर एक वैश्विक रिपोर्ट में कहा, ‘कोविड-19 से उत्पन्न होने वाली ऋण साख चुनौतियां काफी हद तक हैं, लेकिन इसके अल्पकालिक रहने की संभावना है। जोखिम उन क्षेत्रों के लिए अधिक है, जिनकी सामान्य गतिविधियों पर भी पाबंदियां लगी हुई हैं।’ भाषा