भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने गुरुवार को कहा कि भारतीय महिला क्रिकेटरों को अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए पुरुष क्रिकेटरों के बराबर फीस दी जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम महत्त्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट संस्था आखिरकार फीस समानता पर बात कर रही है। न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने जुलाई में घोषणा की थी कि पुरुष और महिला दोनों खिलाड़ियों को मैचों के लिए समान रूप से भुगतान किया जाएगा। अब बीसीसीआई दूसरी ऐसी क्रिकेट संस्था बन जाएगी।
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने गुरुवार को ट्वीट किया कि पुरुष खिलाड़ियों की तरह ही महिला क्रिकेटरों को भी एक टेस्ट मैच के लिए 15 लाख रुपये, एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (वनडे) मैच के लिए छह लाख रुपये और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए तीन लाख रुपये मिलेंगे।
फिलहाल भारतीय महिला खिलाड़ियों को एकदिवसीय या टी20 मैच के लिए 1 लाख रुपये और टेस्ट मैच के लिए 4 लाख रुपये मिलते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान और बीसीसीआई की शीर्ष परिषद की सदस्य शांता रंगास्वामी ने कहा कि समान फीस की घोषणा होने से क्रिकेट संस्था को हर साल 10 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।
रंगास्वामी ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं कि बीसीसीआई ने एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। इससे निश्चित रूप से राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा। लेकिन इससे तब मदद मिलती अगर घरेलू महिला क्रिकेटरों को भी पुरुष खिलाड़ियों के समान ही फीस देने पर विचार किया जाएगा। बीसीसीआई द्वारा पुरुष और महिला क्रिकेटरों के लिए किए गए केंद्रीय अनुबंधों में फीस में अंतर के मुद्दे को अभी तक हल नहीं किया गया है।’
बीसीसीआई की पारिश्रमिक सूची के अनुसार ग्रेड ए प्लस (उच्चतम श्रेणी) पुरुष क्रिकेटर को सालाना सात करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है। जबकि ग्रेड ए, बी और सी को 5 करोड़, 3 करोड़ और 1 करोड़ रुपये मिलते हैं। वहीं दूसरी तरफ महिला क्रिकेटरों के लिए तीन ग्रेड हैं। ग्रेड ए में सबसे अधिक कमाई करने वाली महिला क्रिकेटरों को 50 लाख रुपये का भुगतान किया जाता है। ग्रेड बी और सी महिला क्रिकेटरों की फीस क्रमश: 30 लाख और 10 लाख रुपये है।
हालांकि निचली श्रेणी के फीस में विसंगति काफी कम है। उदाहरण के लिए, एक वरिष्ठ महिला घरेलू क्रिकेटर एक मैच के लिए 20,000 रुपये फीस की हकदार है, जो अंडर 19 घरेलू पुरुष क्रिकेटर की मैच की फीस के बराबर है। रंगास्वामी का कहना है कि यह फीस पहले 12,500 रुपये प्रति मैच थी।
खेल विशेषज्ञ अयाज मेमन का कहना है कि बीसीसीआई ने क्रिकेट में फीस असमानता को दूर करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है, लेकिन महिला क्रिकेट से जुड़े अधिक मैचों के आयोजन का बड़ा मुद्दा अब भी बरकरार है। मेमन ने कहा, ‘महिला क्रिकेटर, पुरुष क्रिकेटरों की तुलना में कम मैच खेलती हैं।
इस वजह से उनकी कमाई कम होती है। अच्छी बात यह है कि देश में महिला क्रिकेट के लिए स्वीकार्यता बढ़ रही है। अगले साल एक महिला इंडियन प्रीमियर लीग की भी शुरुआत होगी जिससे देश में महिला क्रिकेट की तस्वीर बदल सकती है।’
फिलहाल बीसीसीआई ने ऐलान किया है कि महिला आईपीएल पांच टीमों का टूर्नामेंट होगा, जिसका आयोजन 26 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका में महिला टी20 विश्व कप खत्म होने के बाद होगा। बीसीसीआई के अधिकारियों का कहना है कि मार्च 2023 में होने वाले एक महीने के टूर्नामेंट के लिए बीसीसीआई की प्रस्तावित योजना में कुल 22 मैच शामिल हैं।
इस लीग के प्रत्येक टीम में 18 खिलाड़ी शामिल हैं जिनमें से अधिकतम छह विदेशी होंगी। उनका कहना है कि टूर्नामेंट के प्रसारक और फ्रैंचाइजी मालिकों के लिए इस साल के अंत में निविदाएं जारी की जाएंगी।
गुरुवार को मिताली राज, स्मृति मंधाना, हरमनप्रीत कौर और झूलन गोस्वामी जैसी मौजूदा प्रमुख खिलाड़ियों और पूर्व महिला क्रिकेटरों ने फीस समानता के प्रयासों के लिए बीसीसीआई की सराहना की। मिताली राज के नेतृत्व में भारतीय महिला टीम ने 2017 में महिला विश्व कप के फाइनल मैच में जगह बनाई थी।
महिला राष्ट्रीय टीम नियमित रूप से महत्त्वपूर्ण टूर्नामेंटों के फाइनल में पहुंची है और इनमें से अधिकांश में जीत हासिल की है। अगस्त में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता। सितंबर में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इंगलैंड के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज 3-0 से जीत ली थी। अक्टूबर की शुरुआत में भारत ने सातवीं बार एशिया महिला कप जीता था।
