कर्नाटक में रात के कर्फ्यू से रेस्तरां कारोबार को झटका

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 10:36 AM IST

कर्नाटक में 23 दिसंबर से 2 जनवरी तक लगाया गया रात का कर्फ्यू महामारी फैलने के बाद से घाटे में चल रहे राज्य के रेस्तरां उद्योग के लिए एक झटके के रूप में आया है। रेस्तरां मालिकों का कहना है कि वे कोरोना संबंधी सभी मानकों का पालन कर रहे हैं और उन्होंने त्योहारी सप्ताह के लिए किसी बड़े समारोह की योजना नहीं बनाई थी लेकिन फिर भी वे अधिक संख्या में लोगों के आने से एक अच्छे कारोबार की उम्मीद कर रहे थे।  
मुंबई में कर्फ्यू का समय रात्रि 11 बजे से सुबह 6 बजे तक घोषित किया गया था, लेकिन बेंगलूरु में यह रात 10 बजे ही शुरू हो जाएगा। अधिकांश रेस्तरां एवं होटल कारोबारी  इस बदलाव के बाद अपने कारोबार में कफ्र्यू के बिना हो सकने वाले कारोबार के मुकाबले 50 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगा रहे हैं।  
नैशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया की बेंगलूरु इकाई के प्रमुख मनु चंद्र ने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार इस पर पुनर्विचार कर रही है और इसे कम से कम समय तक सीमित कर सकती है, क्योंकि बेंगलूरु एफएंडबी सेगमेंट में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।’
एक दिन पहले कर्नाटक राज्य में कफ्र्यू की कोई आवश्यकता नहीं होने की घोषणा करने वाले राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 वायरस में नए बदलाव और उसके तेज प्रसार को देखते हुए तथा केंद्र सरकार एवं तकनीकी सलाहकार समिति की सलाह के अनुसार 23 दिसंबर, 2020 से 2 जनवरी, 2021 तक राज्य में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच कफ्र्यू लगाने का फैसला किया है।
बेंगलूरु में सेवन-1522 रेस्तरां की शृंखला के मालिक चेतन हेगड़े ने इस घोषणा को अतार्किक बताया। उन्होंने कहा, ‘अगर कफ्र्यू रात 10 बजे शुरू होता है, तो इसका मतलब है कि लोगों को उस समय तक घर पहुंचना होगा। इसका अर्थ होगा कि वे रात को 8.30 के बाद खाने के लिए घर से नहीं निकल पाएंगे। यह तकनीकी रूप से रेस्तरां पूरी तरह बंद करने की तरह ही है, क्योंकि हमारा 90 प्रतिशत कारोबार रात 7.30 से 11.30 बजे के बीच होता है।’
बेंगलूरु में, एफऐंडबी कारोबार में नवंबर के बाद धीमी गति से ही सही, लेकिन लगातार सुधार देखा गया है और कोरोना से पहले के राजस्व के लगभग 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है। होटल चेन सोशल, स्मोक हाउस डेली और मोचा के मालिक और इप्रेसारियो हैंडमेड रेस्तरां के कारोबारी प्रमुख (दक्षिण) रणवीर सबहानी कहते हैं, ‘हालांकि,शहर की बाहरी जगहों पर यह संख्या कम है। हमें एक्साइज लाइसेंस का नवीनीकरण कराना है और ऐसे में ज्यादातर रेस्तरां क्रिसमस एवं नए साल की पूर्व संध्या जैसे अहम दिनों में अपनी बिक्री को बेहतर करने के लिए एक अवसर की तरह देख रहे थे। कफ्र्यू के आदेश और नवीनीकरण ने कारोबार के सामने चुनौती खड़ी कर दी है।’  
यूआरयू ब्रेवपार्क के सह-संस्थापक कुंचेरिया मारतुकलम ने उम्मीद जताई है कि सरकार इस प्रतिबंध को वापस लेगी और लोगों को खुद निर्णय लेने का अधिकार देगी। वह कहते हैं, ‘हम 22 दिसंबर से कफ्र्यू लगाने के तर्क को समझ नहीं पा रहे। हम नए साल की पूर्व संध्या पर सामूहिक समारोह होने की संभावनाओं को समझते हैं, लेकिन 10 दिन की अवधि के लिए कफ्र्यू थोपना, पहले से ही घाटे में चल रहे आतिथ्य उद्योग को बहुत अधिक प्रभावित करेगा।’

First Published : December 23, 2020 | 11:29 PM IST