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उत्तर प्रदेश में पीएमएवाई के तहत 4,500 से ज्यादा मकान

Last Updated- December 15, 2022 | 4:08 AM IST

रियल एस्टेट में मंदी के इस दौर में सस्ते मकानों के भरोसे कारोबार को चमकाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कमर कसी है। प्रदेश सरकार ने कोरोना संकट के इस समय 4,500 से ज्यादा मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाने का एलान किया है। योजना के मकान लखनऊ विकास प्राधिकरण बनाएगा और इसी महीने 30 तारीख से इनके आवेदन लिए जाएंगे।

प्राधिकरण के पास योजना के लिए शारदानगर विस्तार में 2,256 फ्लैट तैयार हैं, जबकि बसंतकुंज आवासीय परियोजना के सेक्टर एन में 2,256 फ्लैट अगले साल मार्च तक बनकर तैयार हो जाएंगे। इन मकानों के लिए केवल आनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। पंजीकरण 30 जुलाई से लेकर 25 संतबर तक खुला रहेगा। प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के मकानों की कीमत 6.5 लाख रुपये होगी जिसमे से 2.5 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी। इस तरह आवंटियों को इनकी वास्तविक कीमत चार लाख ही देनी होगी। योजना के तहत आने वाले आवेदनों के सत्यापन के बाद अंतिम सूची बनेगी। मकानों का आवंटन लॉटरी के जरिये किया जाएगा। आवेदन के साथ पंजीकरण राशि के तौर पर 5,000 रुपये जमा करने होंगे, जबकि आंवटन के समय 45,000 रुपये देने होंगे। बाकी की रकम छह तिमाही किश्तों में जमा की जा सकेगी।
पीएमएवाई के तहत आवास के लिए आवेदन करने वालों के सत्यापन का काम राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) से करवाया जाएगा। योजना में केवल लखनऊ के रहने वाले लोग ही आवेदन कर सकेंगे। हालांकि इसके लिए सूडा में पंजीकरण होना आवश्यक नही होगा। पात्र आवेदकों का नाम ही लॉटरी में शामिल किया जाएगा।
इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने निजी डेवलपरों को कम दरों के मकान बनाने के लिए कहा है। प्रदेश के कई शहरों में बिल्डरों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दिए जाने वाले लाभ के साथ मकान बनाने शुरू किए हैं। अकेले राजधानी में ही दर्जनों परियोजनाओं में पीएमएवाई के तहत मकान बनाए और बेचे जा रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने स्थानीय निकायों को भी कम कीमत के किराए के मकान बनाने के लिए कहा है। लखनऊ नगर निगम ने इसके लिए बाकायदा प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है। स्थानीय निकायों को यह मकान प्रवासी मजदूरों की रिहायश के लिए बनाने को कहा गया है।

First Published - July 29, 2020 | 12:19 AM IST

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