भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
Manmohan Singh: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का बीते गुरुवार रात को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया था। वह 92 साल के थे। डॉ सिंह साल 2004 से लेकर साल 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे। केंद्र सरकार ने उनके निधन पर सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। साथ ही आज (27 दिसंबर) होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। आज 11 बजे केंद्र सरकार ने कैबिनेट की बैठक भी बुलाई है।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री का पार्थिव शरीर दिल्ली के मोतीलाल नेहरू मार्ग स्थित उनके आवास पर रखा गया है। आज उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को नई दिल्ली में किया जाएगा। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार रात पत्रकारों से बातचीत करते हुए इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस पर एक आधिकारिक बयान भी जल्द ही जारी किया जाएगा।
सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री का पार्थिव शरीर गुरुवार देर रात एम्स से उनके आवास 3 मोतीलाल नेहरू मार्ग पर लाया गया था।
भारत में पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार के दौरान राजकीय प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है। इसका पीछे देश के प्रति उनके योगदान और पद की गरिमा को सम्मानित करना होता है। अंतिम संस्कार से पहले पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर को भारत के राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा जाता है।
साथ ही अंतिम संस्कार के दौरान उन्हें 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है। यह सलामी राजकीय सम्मान के सबसे ऊंचे स्तर का प्रतीक मानी जाती है। पूर्व प्रधानमंत्री की अंतिम यात्रा के दौरान सुरक्षा और प्रोटोकॉल का पालन काफी सख्ती से किया जाता है। उनकी अंतिम यात्रा में आम जनता से लेकर गणमान्य व्यक्ति और राजनेता शामिल होते हैं।
इसके अलावा अंतिम यात्रा में सैन्य बैंड और सशस्त्र बलों के जवान भी शामिल होते हैं और पारंपरिक मार्च करते हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सम्मान में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट के दूसरे दिन शुक्रवार को बांह पर काली पट्टी बांध कर मैदान पर उतरे। BCCI ने अपने एक बयान में कहा, ‘भारतीय टीम पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की याद में सम्मान के तौर पर बांह पर काली पट्टी बांध रही है।’