किसान आंदोलन के समर्थन और विरोध के दौर में महाराष्ट्र में एक नया सियासी विवाद खड़ा हो गया है। सचिन तेंडुलकर और लता मंगेशकर समेत कई हस्तियों ने आंदोलन के दौरान देश को एकजुट रखने के संदेश दिए थे। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इन सभी टिप्पणियों की जांच का आदेश दिए हैं। राज्य का खुफिया विभाग कुछ हस्तियों पर किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट करने का दबाव डालने के आरोपों के संबंध में जांच करेगा।
किसान आंदोलन पर किये ट्वीट को लेकर सचिन तेंडुलकर को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। कांग्रेस-राकांपा कार्यकताओं और किसान संगठनों की तरफ से उनके घर के बाहर प्रदर्शन भी किया गया। राज्य सरकार की सहयोगी दलों की हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के दौरान महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत और पार्टी के कुछ अन्य नेताओं ने किसान आंदोलन को लेकर कुछ हस्तियों के ट्वीट का भाजपा से कथित तौर पर संबंधित होने का आरोप लगाया था। कोरोनावायरस संक्रमित पाए जाने के बाद देशमुख पृथकवास में हैं, इसलिए यह बैठक ऑनलाइन हुई ।
हाल ही में अमेरिकी गायिका रिहाना और स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किए थे। इसके बाद क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर और गायिका लता मंगेशकर ने सरकार के समर्थन वाले हैशटेग के साथ जवाबी ट्वीट किए थे। देशमुख के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद सावंत ने ट्वीट करके कहा कि मशहूर हस्तियों द्वारा किए गए ट्वीट का भाजपा के साथ संबंध होने की जांच करने और आवश्यकतानुसार हमारे राष्ट्रीय नायकों को सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग की गई। साथ ही यह भी जांच की मांग की गई कि कहीं भाजपा ने इन हस्तियों पर ट्वीट करने का दबाव तो नहीं डाला। देशमुख ने इस बात का उल्लेख किया कि बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल और अभिनेता अक्षय कुमार द्वारा किए गए ट्वीट में समानता थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का सवाल है कि कहीं दोनों हस्तियों ने एक ही तरह के ट्वीट एक साथ किसी दबाव में तो नहीं किए।
सचिन तेंडुलकर, लता मंगेशकर के साथ विराट कोहली, कंगना रणौत, अक्षय कुमार, अजय देवगन के ट्वीट की भी जांच की जाएगी। सरकार को शक है कि इन्होंने यह कमेंट केंद्र के दबाव में किए थे। यह दावा मुंबई कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत की ओर से किया गया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरकार के इस कदम को घृणित और अपमानजनक बताया है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ महाविकास अघाडी को भारत रत्न पाने वाली हस्तियों के लिए जांच शब्द का इस्तेमाल करते हुए शर्म महसूस करनी चाहिए।
उनकी टिप्पणियों की जांच की मांग करने वालों और इसका आदेश देने वालों की मानसिक स्थिति की जांच भी जरूरी है।
दरअसल, किसान आंदोलन के समर्थन में पॉप स्टार सिंगर रिहाना के एक ट्वीट करने के बाद कई अन्य विदेशी हस्तियों ने ट्वीट् किए थे। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि जल्दबाजी में टिप्पणी करने से पहले तथ्यों की जांच की जानी चाहिए। वहीं, इसके तुरंत बाद दिनभर कई हसि्तयों ने ट्वीट करने शुरू कर दिए थे। सचिन तेंदुलकर ने लिखा था, ‘भारत की संप्रभुता से किसी भी तरह से समझौता नहीं किया जा सकता है। बाहरी ताकतें देख सकती हैं, लेकिन इसमें हिस्सा नहीं ले सकती हैं। भारतीय भारत को जानते हैं और भारत को लेकर फैसले ले सकते हैं। एक देश के तौर पर हम एक रहते हैं।’ अक्षय कुमार का कहना था कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सरकार की कोशिशें स्पष्ट दिख रही हैं। अजय देवगन ने ट्वीट कर लोगों से आग्रह किया कि वे भारत या भारतीय नीतियों के खिलाफ झूठे प्रचार से सावधान रहें। वहीं, भारत रत्न लता मंगेशकर ने कहा था कि मुझे पूरा विश्वास है कि जिन मुद्दों या समस्याओं का हम सामना कर रहे हैं, हम लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए, उनका समाधान करने के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं।
इसके पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी सचिन तेंदुलकर को नसीहत देते हुए कहा कि उनके द्वारा उठाए गए स्टैंड पर कई लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मैं सचिन को सलाह दूंगा कि वे किसी अन्य क्षेत्र के बारे में बोलते हुए सावधानी बरतें।