वायु गुणवत्ता के लिए दिल्ली के अस्पतालों में उतरेगी ईईएसएल

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 6:37 PM IST

कोविड-19 महामारी के समय पर वातानुकूलित परिसरों में संक्रमित हवा का प्रसार स्वास्थ्य प्रशासकों की चिंताओं में से एक है। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) इस मामले का हल अस्पतालों, मॉलों, हवाईअड्डों और कार्यालयों जैसे सार्वजनिक स्थानों के परिचालकों के साथ समझौता कर निकालने पर विचार कर रही है।
इसकी शुरुआत के लिए वह दिल्ली के कुछ सरकारी अस्पतालों में परियोजनाएं शुरू करने के लिए केंद्र सरकार के साथ चर्चा कर रही है। यह पहल उसके रेट्रोफिट ऑफ एयर कंडिशनिंग टू इंपू्रव इंडोर एयर क्वालिटी फॉर सेफ्टी ऐंड एफिशिएंसी (रेज) कार्यक्रम का हिस्सा है। इसका प्रयोग इसने इस साल के आरंभ में अपने ही भवन में किया था। ईईएसएल के प्रबंध निदेशक रजत सूद के मुताबिक कार्यक्रम ऊर्जा बचाने, संवहनीयता, ऊर्जा का संरक्षण और क्षमता के लिए संस्थान के चार सूत्री एजेंडा का हिस्सा है। इस प्रक्रिया में केंद्रीय प्रणालियों में ताजा हवा भेजने के लिए पुनर्संयोजन के जरिये उसे दुरुस्त करना या मौजूदा एसी संयंत्रों को बदलना शामिल है।
सूद के मुताबिक, ईईएसएल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के साथ मिलकर विस्तृत श्रेणी के रोगाणुओं के लिए एक प्रोटोकॉल विकसित कर रही है।
उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा, ‘स्वास्थ्य कर्मियों को न केवल कोरोनावायरस बल्कि क्षय रोग, न्यूमोनिया आदि से संबंधित विषाणुओं से जुड़ा स्वास्थ्य जोखिम होता है। इसलिए हम विभिन्न परिस्थितियों के लिए प्रोटोकॉल तैयार कर रहे हैं। इसमें ओपीडी (बहिरंग रोग विभाग), ऑपरेशन कक्ष आदि भी शामिल हैं।’ सूद ने कहा कि ईईएसएल का अपने सभी कार्यक्रम में निवेश उच्चतम कोटि का कार्बन वित्त होता है जिसका मूल्य रिटर्न की आंतरिक दर से नहीं निकलता।

First Published : December 16, 2020 | 12:33 AM IST