साल 2020-21 के दौरान 39 प्रतिशत मनरेगा कार्डधारकों को नहीं मिला एक भी दिन काम: सर्वे

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 1:46 PM IST

करीब 39 प्रतिशत मनरेगा कार्डधारक परिवारों को कोविड महामारी वाले वर्ष 2020-21 के दौरान एक दिन का भी काम नहीं मिला। एक सर्वे में यह बताया गया है। 
अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय ने चार राज्यों के आठ ब्लॉक में 2,000 परिवारों का सर्वे किया है। यह सर्वे ‘नेशनल कंर्सोटियम ऑफ सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशन्स ऑन नरेगा’ तथा ‘कोलेबोरेटिव रिसर्च एंड डिसेमिनेशन’ के सहयोग से किया गया। इसमें बताया गया कि जिन परिवारों ने काम किया उनमें से औसतन महज 36 प्रतिशत परिवारों को ही 15 दिन के भीतर उनका भुगतान प्राप्त हुआ है। 

नवंबर-दिसंबर 2021 में यह सर्वे बिहार, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किया गया। 

रिपोर्ट में बताया गया, ‘‘सभी ब्लॉक के रोजगार कार्डधारक परिवारों में से 39 प्रतिशत परिवार जो कोविड से प्रभावित वर्ष के दौरान मनरेगा में काम करने के इच्छुक थे और औसतन 77 दिन का काम चाहते थे लेकिन उन्हें एक भी दिन काम नहीं मिला।’’ 

सर्वे के मुताबिक, कई तरह की खामियों के बावजूद महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम महामारी के दौरान मददगार साबित हुआ और इसकी बदौलत ही कई संकट झेल रहे परिवार आय की अत्यधिक कमी से बच गए। 

शोध के सह-लेखक और अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में संकाय सदस्य राजेंद्रन नारायणन ने कहा, ‘‘हमारे शोध में पता चला कि कामगार मनरेगा की उपयोगिता और जरूरत को कितना महत्व देते हैं। दस में से आठ से अधिक परिवारों ने कहा कि मनरेगा के तहत प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति 100 दिन का रोजगार दिया जाना चाहिए।’’

First Published : October 13, 2022 | 5:24 PM IST