सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा और निजता की चिंताओं का हवाला देते हुए चीन के 47 मोबाइल ऐप पर रोक लगा दी है। इससे करीब एक महीने पहले टिकटॉक समेत चीन के 59 ऐप पर भी रोक लगाई गई थी। सरकारी सूत्रों ने कहा कि नई सूची में टिकटॉक लाइट, शेयरइट लाइट और हेलो लाइट जैसे ऐप हो सकते हैं, जो पहले प्रतिबंधित ऐप के लाइट या वैकल्पिक संस्करण हैं।
एक अधिकारी ने नाम प्रकाशित नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 47 और ऐप पर रोक लगाई है, जिनमें से ज्यादातर चीन के हैं। ये ऐप पिछले महीने प्रतिबंधित 59 ऐप के क्लोन थे।’ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रवक्ता को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।
मंत्रालय ने पहले कहा था कि उन्हें ऐंड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्मों पर मौजूद कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग की शिकायतें मिली थीं। इन ऐप का इस्तेमाल उपयोगकर्ताओं का डेटा बिना इजाजत चुराने और उसेे चोरी-छिपे भारत के बाहर स्थित सर्वर पर भेजने में किया जा रहा था। सरकार ने पिछले महीने सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए शेयरइट, टिकटॉक, यूसी ब्राउजर और शाइन जैसे लोकप्रिय ऐप समेत 59 चीनी ऐप देश में बंद कर दिए थे। सरकार ने इन ऐप पर रोक लगाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए और सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2009 के प्रावधानों के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया।
ताजा प्रतिबंध का उन भारतीय ऐप ने एक बार फिर स्वागत किया है, जो चीनी ऐप पर रोक लगने से पैदा हुए हुए खालीपन को भरने की भरसक कोशिश कर रहे हैं। शॉर्ट वीडियो शेयरिंग ऐप चिंगारी के सीईओ और सह-संस्थापक सुमित घोष ने कहा कि कंपनी ने चीन के निवेशकों का निवेश स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है। यह कंपनी धन जुटाने के लिए बातचीत कर रही है। घोष ने कहा, ‘हमें अपने डेटा को लेकर सजग रहना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह देश में ही रहे। हम इस मामले में सबसे ऊपर रहे हैं। इसलिए हमने फैसला किया है कि न तो कभी चीन से निवेश लेंगे और न ही अपने ऐप में उनकी किसी तकनीक का इस्तेमाल करेंगे।’ चिंगारी को देश में टिकटॉक का विकल्प बताया जा रहा है। यह अब तक 2.5 करोड़ बार डाउनलोड हो चुका है।
हैदराबाद के शॉर्ट वीडियो ऐप रिजल ने कहा कि डेटा सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। रिजल की सीईओ और सह-संस्थापक विद्या नारायणन ने कहा, ‘हम टिकटॉक के करोड़ों यूजर्स को सकारात्मक एवं सुरक्षित प्लेटफॉर्म मुहैया कराकर खुश हैं।’ माना जा रहा है कि चीन के करीब 275 ऐप सरकार के निशाने पर हैं। इस सूची में टेनसेंट की फंडिंग वाला गेमिंग ऐप पबजी, चीन की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा का अलीएक्सप्रेस और स्मार्टफोन विनिर्माता कंपनी श्याओमी का जिली भी शामिल है।
डिजिटल ऑडियो प्लेटफॉर्म खबरी के सह-संस्थापक और सीईओ संदीप सिंह ने कहा कि इन प्रतिबंधों से भारतीय उद्यमियों को आगे बढऩे और विश्वस्तरीय प्लेटफॉर्म तैयार करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।