ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए इन व्यापक टैरिफों के खिलाफ कई कंपनियों ने मुकदमा दायर किया है।
Trump Sweeping Tariff: अमेरिका की एक फेडरल अपीलीय कोर्ट ने मंगलवार को ट्रंप प्रशासन को आयात पर लगाए गए टैरिफ (sweeping import taxes) वसूलने की अनुमति दे दी है। हालांकि, ट्रंप की इस नीति के खिलाफ कानूनी चुनौतियों पर सुनवाई जारी रहेगी। एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फेडरल सर्किट ने यह निर्णय उस पहले के फैसले को आगे बढ़ाते हुए दिया है, जिसमें एक अन्य फेडरल कोर्ट ने 28 मई को ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने अपनी संवैधानिक सीमाओं से परे जाकर यह कदम उठाया।
अपीलीय कोर्ट ने माना कि ट्रंप के टैरिफ को लेकर जो चुनौतियां दी गई हैं, वे “असाधारण महत्व के मुद्दे” उठाती हैं। कोर्ट ने कहा कि वह मामले को तेज गति से निपटाएगी और 31 जुलाई को इस पर सुनवाई करेगी।
यह मामला अप्रैल में ट्रंप की ओर से करीब हर देश पर लगाए गए 10% टैरिफ से जुड़ा है। साथ ही उन बड़े टैरिफ से भी जो उन्होंने कुछ देशों पर लगाए थे और बाद में निलंबित कर दिए थे, जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा है। यह उन टैरिफ से भी जुड़ा है जो ट्रंप ने चीन, कनाडा और मेक्सिको से होने वाले आयात पर लगाए थे, ताकि इन देशों पर दबाव बनाया जा सके कि वे अमेरिका की सीमा पार हो रहे अवैध प्रवास और सिंथेटिक ओपिओइड्स की तस्करी को रोकने के लिए और प्रयास करें।
ट्रंप ने इन टैरिफों को लागू करने के लिए 1977 के एक कानून के तहत आपातकालीन शक्तियों का हवाला दिया था। लेकिन यूएस कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड के तीन-न्यायाधीशों के एक पैनल ने फैसला दिया कि उन्होंने अपने अधिकारों का उल्लंघन किया है। इन टैरिफों के चलते वैश्विक व्यापार व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई, कई व्यवसाय ठप हो गए और वित्तीय बाजारों में भी अस्थिरता फैल गई।
ट्रंप प्रशासन ने US Court of International Trade के उस फैसले के खिलाफ अपील की है, जिसमें राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ लगाने को रोक दिया गया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राष्ट्रपति ने आपातकालीन कानून का दुरुपयोग किया है।
इस फैसले के अगले ही दिन ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपीलीय अदालत को सूचित किया कि वे ट्रेड कोर्ट के फैसले से “बेअसर” हैं और उन्हें उम्मीद है कि या तो वे अपील में जीत हासिल करेंगे या राष्ट्रपति को हासिल अन्य संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करके ये टैरिफ प्रभावी बनाए रखेंगे।
प्रशासन द्वारा लगाए गए इन व्यापक टैरिफों के खिलाफ कई कंपनियों ने मुकदमा दायर किया है। ट्रंप का कहना है कि ये टैरिफ अमेरिकी कारोबार और श्रमिकों को बराबरी का मौका देने के लिए जरूरी हैं। हालांकि, कंपनियों का आरोप है कि अन्य देशों से आयातित वस्तुओं पर ये टैरिफ उनकी लागत बढ़ा देंगे, बिक्री घटेगी और कुछ कंपनियों को तो दिवालिया तक होना पड़ सकता है। इन टैरिफों के खिलाफ कई डेमोक्रेटिक शासित राज्यों ने भी ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा दायर किया है।