चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने बुधवार को राष्ट्रीय जन कांग्रेस (NPC) में कहा कि सरकार ‘Neijuan’ यानी जरूरत से ज्यादा और नुकसान पहुंचाने वाली प्रतिस्पर्धा पर सख्त कार्रवाई करेगी। यह पहली बार है जब चीन के किसी बड़े अधिकारी ने इस मुद्दे को सरकार की आधिकारिक रिपोर्ट में शामिल किया है।
क्या है ‘Neijuan’?
‘Neijuan’ एक ऐसी स्थिति को दर्शाता है जहां कंपनियां और लोग बहुत ज्यादा मेहनत करते हैं, लेकिन उन्हें उसका उतना फायदा नहीं मिलता। कंपनियां एक-दूसरे से आगे निकलने के लिए कीमतें घटाती हैं और ज्यादा उत्पादन करती हैं, जिससे उनका खुद का नुकसान होता है। वहीं, कर्मचारियों को लगातार ज्यादा काम करना पड़ता है और नई-नई स्किल सीखनी पड़ती हैं, लेकिन उनकी जिंदगी में कोई बड़ा सुधार नहीं होता।
चीन में क्यों बढ़ रही है यह समस्या?
हाल के सालों में चीन के कई उद्योगों में जरूरत से ज्यादा प्रतिस्पर्धा देखी गई है। खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहन (EV) सेक्टर में कंपनियां एक-दूसरे को पछाड़ने के लिए गाड़ियों के दाम बहुत कम कर रही हैं। इससे उन्हें कम मुनाफा हो रहा है और व्यापार टिकाऊ नहीं रह रहा।
सरकार ने उठाए कड़े कदम
चीन सरकार अब इस स्थिति को रोकने के लिए कई कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री ली कियांग ने कहा कि सरकार बाजार की बाधाओं को दूर करेगी और ऐसा माहौल बनाएगी जहां सभी को बराबर मौके मिलें। सरकार चाहती है कि कंपनियां सिर्फ कीमतें घटाने की बजाय नई तकनीकों पर ध्यान दें और टिकाऊ व्यापार करें।
सरकार ने कई बड़ी कंपनियों से बैठक कर इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश की है। सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों, बैटरियों और सोलर एनर्जी जैसे नए और टिकाऊ उद्योगों को बढ़ावा दे रही है, लेकिन इन सेक्टरों में भी जरूरत से ज्यादा उत्पादन हो रहा है, जिससे कंपनियों को नुकसान हो सकता है।
अमेरिका और यूरोप भी डाल रहे दबाव
इस फैसले के पीछे एक और वजह अंतरराष्ट्रीय दबाव भी है। अमेरिका और यूरोप के देश चीन पर यह आरोप लगा रहे हैं कि वह अपने सस्ते सामान दुनिया के बाजार में बेचकर उनके उद्योगों को नुकसान पहुंचा रहा है। हालांकि, चीन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि उसका उद्योग विकास असली मांग और नवाचार पर आधारित है।
लेकिन चीन सरकार के नए फैसले दिखाते हैं कि वह खुद भी इस जरूरत से ज्यादा प्रतिस्पर्धा के खतरे को समझ रही है और इसे रोकने के लिए गंभीर कदम उठा रही है।