पहली तिमाही में किसी को नफा तो किसी को नुकसान

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 9:45 PM IST

आईबीएम और ई-बे को भले ही पहली तिमाही मे फायदा हुआ हो लेकिन दवा बनाने वाली स्विस कंपनी रोश होल्डिंग एजी को नुकसान झेलना पड़ा है।


कमजोर डॉलर और टेमीफ्लू इंफ्लुएंजा टेबलेट की कम बिक्री का खामियाजा कंपनी को भुगतना पड़ा है। रोश का राजस्व पिछले साल के 11.34 अरब के मुकाबले गिरकर 10.9 अरब डॉलर हो गया है और कंपनी की बिक्री भी 4 फीसदी गिर गई है।


रोश ने जनवरी में कहा था कि पूरे देश में टेमीफ्लू दवा की बिक्री काफी ज्यादा गिरने के आसार हैं। मांग में कमी को फेफड़े और स्तन कैंसर की दवा अवेस्तिन कोलोन और स्तन टयूमर की दवा हरसेप्टिन की बढ़ी बिक्री से पूरा करने की कोशिश की गई। कंपनी ने कहा कि टेमीफ्लू की देशव्यापी बिक्री को छोड़ कर उसकी विकास दर 10 फीसदी से भी कम रहने की संभावना है।


रोश के फार्मास्युटिकल विभाग की बिक्री 6 फीसदी गिर गई है हालांकि अवेस्तिन की बिक्री से मिलने वाला मुनाफा 35 फीसदी बढ़ गया है। हरसेप्टिन की बिक्री 11 फीसदी बढ़ गई है जबकि टेमीफ्लू की बिक्री 64 फीसदी कम हो गई। टेमीफ्लू का इस्तेमाल टयूमर के इलाज में होता है।


आईबीएम को मिला उम्मीद से ज्यादा


दुनिया की सबसे बड़ी तकनीकी सेवा कंपनी इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स (आईबीएम)को साल की पहली तिमाही में उम्मीद से कहीं ज्यादा मुनाफा हुआ है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में नरमी के बावजूद तकनीकी सेवा और परामर्श की जबरदस्त मांग के चलते कंपनी की आय में खासा इजाफा हुआ है।


 पहली तिमाही में उसकी आय 26 फीसदी बढ़कर 2.32 अरब डॉलर हो रही। पिछले साल यह 1.84 अरब डॉलर थी। मुनाफा भी 22 अरब डॉलर के मुकाबले 11 फीसदी बढ़कर 24.5 अरब हो गया। राजस्व बढ़ाने में डॉलर की मजबूती क ा योगदान 7 फीसदी रहा।


विश्लेषकों को उम्मीद थी कि मुनाफा 1.45 डॉलर प्रति शेयर रहेगा और राजस्व 23.7 अरब डॉलर होगा। आईबीएम ने फरवरी मे कहा था कि पिछले साल की चौथी तिमाही काफी बड़ी संख्या में सेवा अनुबंध मिले थे जिनका फायदा हो रहा है। आईबीएम ने कही कि इस लाभ की वजह से ही अमेरिकी व्यवसाय पर उसका विश्वास बना हुआ था जबकि दूसरी तकनीकी कंपनियां अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत पर हैरान परेशान थी। 


ईबे को तीसरी तिमाही में फायदा


ईबे इंक ने वॉलस्ट्रीट जर्नल के अनुमान को गलत साबित करते हुए इस तिमाही में 22 फीसदी का मुनाफा कमाया है। कीमतों में बदलाव के चलते ऑनलाइन आक्शन लिस्टिंग बढ़ गई जिससे राजस्व म्में भी इजाफा हुआ। कंपनी ने साल 2008 के अपने राजस्व लक्ष्य की सीमा को भी बढ़ा दिया है।


हालांकि उसके शेयरों में किसी तरह का उछाल नहीं देखा गया। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकी और ब्रिटिश अर्थव्यवस्थाओं में छाई खामोशी के कारण मांग में कमी आई है और तिमाही खत्म होने तक खरीदारों की रुचि काफी घट गई। ईबे के मुख्य वित्त अधिकारी बॉब स्वैन ने निवेशकों से कहा है कि हम अपना राजस्व लक्ष्य बढ़ा रहे हैं लेकिन आर्थिक हालात को देखकर हम काफी सतर्क हैं।


ईबे अपने मुख्य व्यवसाय- नीलामी से ज्यादा फायदा कमाने के लिए एक लंबी अवधि की योजना बना रही है। इसमें खासतौर पर इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि विक्रेता और क्रेता वेबसाइट पर किस तरह डील करते हैं। कंपनी के मुख्य कार्यकारी जॉन डॉनाहो ने कहा कि ईबे के ग्राहकों ने कीमतों में बदलाव और बेहतर ग्राहक सेवा पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और उनका विश्वास बढ़ा है।


डॉनाहो ने बताया कि पहली तिमाही में शुध्द आय पिछले साल के 377.1 करोड़ डॉलर के मुकाबले बढ़कर 459.7 करोड़ डॉलर हो गई है। मुनाफा 24 फीसदी बढ़कर 2.19 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है। इसी के मद्देनजर ईबे ने साल 2008 के लिए अपनी अनुमानित विकास दर 2 से 3 फीसदी बढ़ा दी है। कंपनी को अंतरारष्ट्रीय व्यापार से काफी फायदा हुआ है। कुल राजस्व में इसकी हिस्सेदारी 55 फीसदी की है।

First Published : April 17, 2008 | 10:50 PM IST