अंतरराष्ट्रीय

QUAD किसी देश के खिलाफ नहीं, PM मोदी ने कहा- यह समूह दीर्घकालिक उद्देश्यों के लिए तैयार किया गया

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपनी समुद्री सीमा पर नजर रखने एवं इन्हें सुरक्षित रखने के लिए क्वाड’ देशों ने मैरीटाइम इनिशिएटिव फॉर ट्रेनिंग (मैत्री) नाम से एक पहल की घोषणा की है।

Published by
शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- September 22, 2024 | 10:20 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ‘क्वाड’ किसी संगठन या देश के खिलाफ नहीं है। मोदी ने कहा कि साझा हितों के लिए काम करने वाला यह समूह दीर्घकालिक उद्देश्यों के लिए तैयार किया गया है। मोदी ने शनिवार को क्वाड समूह के उद्घाटन भाषण में कहा, ‘एक स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी और संपन्न भारत-प्रशांत क्षेत्र हमारी प्राथमिकता है। क्वाड सम्मेलन की मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने की । इस अवसर पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा भी थे।

भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच तैयार अनौपचारिक रणनीतिक मंच ‘क्वाड’ का रसूख बढ़ता जा रहा है। चार वर्ष पहले ‘क्वाड’ का कद बढ़ाकर इसे नेतृत्व स्तर (लीडरशिप लेवल) तक कर दिया गया था और तब से एक रणनीतिक समूह के रूप में इसकी अहमियत लगातार बढ़ रही है। अमेरिका के डेलावरे में क्वाड सम्मेलन के बाद रविवार को भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के संयुक्त बयान में कहा गया कि क्वाड एशिया-प्रशांत क्षेत्र में वास्तविक, सकारात्मक और दीर्घकालिक प्रभाव डाल रहा है।

इन देशों द्वारा विल्मिंगटन घोषणापत्र में कहा गया है, ‘एशिया-प्रशांत क्षेत्र के चार लोकतांत्रिक देश इस क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बहाल रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता वैश्विक सुरक्षा एवं संपन्नता के लिए जरूरी है। हमारे मूल्य एवं सिद्धांतों में समरसता है और यह पूरी तरह कानून व्यवस्था आधारित है। विलमिंगटन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का गृह नगर है।’

संयुक्त वक्तव्य में एक स्वतंत्र एवं समावेशी एशिया-प्रशांत क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई है। आधिकारिक तौर पर चतुर्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) की शुरुआत 2017 में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने एशिया-प्रशांत में साझा सु्रक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में सहयोग के निश्चय के साथ हुई थी। हालांकि, प्रेक्षकों की नजर में ‘क्वाड’ का मुख्य उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन का सैन्य एवं आर्थिक प्रभाव कम करना है।

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपनी समुद्री सीमा पर नजर रखने एवं इन्हें सुरक्षित रखने के लिए क्वाड’ देशों ने मैरीटाइम इनिशिएटिव फॉर ट्रेनिंग (मैत्री) नाम से एक पहल की घोषणा की है। समुद्री सीमा सुरक्षित रखने के अलावा अपने कानून लागू करने एवं गैर-कानूनी गतिविधियों को रोकना भी इस पहल का उद्देश्य है। भारत 2025 में ‘मैत्री’ का पहला सम्मेलन आयोजित करेगा।

‘क्वाड’ के सदस्य देशों में हवाई रास्ते से माल वहन क्षमता बढ़ाने एवं प्राकृतिक आपदा के समय सामूहिक क्षमता के इस्तेमाल के लिए क्वाड इंडो-पैसिफिक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क्स परियोजना की भी घोषणा की गई। चारों देशों के तटरक्षक बल मिलकर परिचालन क्षमता में सुधार के लिए कदम उठाएंगे। इसके तहत साल 2025 में पहले ‘क्वाड-एट-सी शिप ऑब्जर्वर मिशन’ का आयोजन किया जाएगा।

रविवार के शिखर सम्मेलन में चारों देशों के नेता 2022 से चौथी बार मिले। 2022 के बाद से यह उनकी पहली बैठक थी। 2024 में ‘क्वाड’ सम्मेलन भारत में आयोजित होना था मगर अमेरिका के विशेष आग्रह पर भारत इसे 2025 में आयोजित करने पर सहमत हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन में कहा, ‘क्वाड एक दीर्घकालिक पहल है जो आपसी साझेदारी एवं सहयोग के लिए अस्तित्व में आया है।’

बाइडन के साथ द्विपक्षीय बातचीत

क्वाड सम्मेलन में भाग लेने गए प्रधानमंत्री मोदी ने अलग से राष्ट्रपति बाइडन से विलमिंगटन में उनके घर में मुलाकात की। बाइडन ने पोलैंड और यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा और वहां शांति एवं मानवीय आधार पर मदद का आह्वान करने के लिए मोदी की सराहना की। द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देश स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 1 अरब डॉलर रकम का इंतजाम करेंगे।

दोनों नेताओं ने नैशनल साइंस फाउंडेशन और भारत के विज्ञान एवं तकनीक विभाग के बीच 11 वित्तीय पुरस्कारों (फंडिंग अवॉर्ड्स) के चयन की घोषणा की। मोदी के दौरे के अवसर पर अमेरिका ने 297 प्राचीन वस्तुएं भारत को लौटा दीं। ये वस्तुएं भारत से अवैध रूप से बाहर ले जाई गई थीं। जुलाई में दोनों देशों ने सांस्कृतिक संपदा समझौता किया था।

हमारी परीक्षा ले रहा चीन : बाइडन

चीन को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने क्वाड बैठक में कुछ अनौपचारिक टिप्पणी की, लेकिन उन्हें पता नहीं था कि माइक चालू है । हालांकि उनकी इस टिप्पणी ने सबित कर दिया कि अमेरिका चीन की उभरती चुनौती के प्रति कितना गंभीर है। बाइडन ने अनौपचारिक तौर पर कहा कि चीन क्वाड देशों की परीक्षा ले रहा है। उन्होंने कहा कि चीन लगातार ‘आक्रामक व्यवहार कर रहा है और आर्थिक व प्रौद्योगिकी मुद्दों सहित कई मोर्चों पर पूरे क्षेत्र में हमारी परीक्षा ले रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि तीव्र प्रतिस्पर्धा के लिए गहन कूटनीति की आवश्यकता होती है।’ यह टिप्पणी उन्होंने शनिवार को अनौपचारिक तौर पर क्वाड नेताओं से बातचीत में की, जो मीडिया के माइक में दर्ज हो गई। बाइडन की यह टिप्पणी चीन के उभरते ‘खतरे’ को लेकर अमेरिका की गंभीरता को दर्शाती है।

बाइडन ने क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं से कहा, ‘हमारा मानना है कि शी चिनफिंग घरेलू आर्थिक चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और चीन में अशांति को कम करना चाहते हैं।’ बाद में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने इसे कोई खास तवज्जो नहीं दी।
अधिकारी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इस पर विस्तार से कुछ कहना चाहिए। यह पहले कही गई बातों के अनुरूप है। इसमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए कि हम जो मन में सोचते हैं, वही बात हमारी बाहरी आवाज से मेल खाती है।’

उधर, चीन के सरकारी मीडिया ने क्वाड पर पेइचिंग और उसके पड़ोसियों के बीच मतभेद पैदा करने के लिए ‘फूट डालो और राज करो’ की रणनीति अपनाने का रविवार को आरोप लगाया। चार सदस्यीय समूह के शिखर सम्मेलन में हिंद-प्रशांत साझेदारी का विस्तार करने का निर्णय लेने के एक दिन बाद यह आरोप लगाया गया। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी में क्वाड नेताओं का शिखर सम्मेलन शनिवार को विलमिंगटन, डेलावेयर में हुआ।

First Published : September 22, 2024 | 10:20 PM IST