मंगलवार की रात इलीनोइस के सीनेटर बराक ओबामा ने अपनी जीत के बाद रिपब्लिकन पार्टी के जॉन मैककेन पर निशाना साधते हुए कहा कि इतने साल तक बुश की आर्थिक नीतियों का जो खामियाजा देश को उठाना पड़ा है, उसी को और चार साल तक दोहराने का प्रस्ताव मैककेन की ओर से दिया जा रहा है।
दरअसल ओबामा की आवाज में इतना अधिक विश्वास डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी जीतने की वजह से था। वह पहले अश्वेत अमेरिकी हैं जिन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी सुरक्षित कर ली है। काफी समय तक ऐसा लग रहा था कि प्राइमरी चुनावों के दौरान पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन उन्हें शिकस्त दे देंगी। पर आखिरकार ओबामा यह जंग जीत गए और क्लिंटन उनसे यह दौड़ हार गईं।
ओबामा को शायद पहले से ही विश्वास था कि वह डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवारी हासिल करने में कामयाब हो जाएंगे, इस वजह से वह शुरु से ही क्लिंटन की बजाय मैककेन की नीतियों पर आक्रमण करने में जुटे थे। उन्होंने कहा कि बुश की आर्थिक नीतियों का ही नतीजा है कि देश मंदी की कगार पर खड़ा है, देशवासियों की आय क्षमता घट रही है और हमनें अपने बच्चों को कर्ज के बोझ तले दबा छोड़ दिया है।
उल्लेखनीय है कि 2007 की आखिरी तिमाही में अमेरिका ने महज 0.6 फीसदी की दर से विकास किया है और इस वर्ष की पहली तिमाही में भी विकास 0.9 फीसदी की ही रही थी। यही वजह है कि आम चुनाव के दौरान मतदाताओं पर अर्थव्यवस्था का मुद्दा सर चढ़कर बोलता रहा। हालांकि, मैककेन भी इस बात से अनजान नहीं हैं और वह भी आगामी राष्ट्रपति पद का चुनाव इसी मसले को भुनाते हुए लड़ने पर विचार कर रहे हैं।
प्राइमरी चुनाव के दौरान ओबामा को ब्लू कॉलर कार्यकर्ताओं का पुरजोर समर्थन मिला था और नए सर्वे के अनुसार भी वह मतदाताओं की पहली पसंद बनकर उभरे थे, वजह साफ थी, लोगों को विश्वास है कि आर्थिक मंदी से देश को बाहर निकालने में वही सबसे उपयुक्त साबित हो सकते हैं। हालांकि, इस हफ्ते मोंआना और दक्षिण डकोटा में प्राइमरी चुनाव के दौरान ओबामा ने हिलेरी से खराब प्रदर्शन किया। इसके पीछे वजह है वहां अपेक्षाकृत कम पढ़ी लिखी आबादी के लोगों का बसा होना।
अलायंस फॉर अमेरिकन मैनुफैक्चरिंग के निदेशक स्कॉट पॉल का कहना है कि ब्लू कॉलर मतदाताओं को इस बात से कोई खास दिलचस्पी नहीं है कि आप क्या आमूल चूल परिवर्तन लाने वाले हैं। उन्हें तो बस इन बातों से फर्क पड़ता है कि कौन सा दावेदार स्वास्थ्य सेवा, रोजगार, आउटसोर्सिंग जैसे मसलों पर कारगर तरीके से काम कर सकता है।
ओबामा को यह पता है कि ब्लू कॉलर मतदाताओं के बीच मौजूदा अमेरिकी कारोबार नीति लोकप्रिय नहीं है और यही वजह है कि वह इसमें बदलाव पर जोर दे रहे हैं। अगर वह अपनी इस योजना का प्रचार बेहतर ढंग से कर पाते हैं तो निश्चित तौर पर आम चुनाव के दौरान उनका पलड़ा भारी हो सकता है।
साथ ही डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से दावेदारी जीतने वाले ओबामा कोलंबिया के साथ दोतरफा व्यापार समझौते का भी विरोध करते आए हैं और उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौते पर भी फिर से विचार विमर्श के पक्ष में हैं। वहीं दूसरी ओर मैककेन मुक्त और दोतरफा व्यापार के बड़े समर्थक हैं।
पर यह भी दिलचस्प है कि मैककेन भी अपनी ओर से आर्थिक मंदी से छुटकारा पाने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने की दावेदारी के बीच चुनावी जीत को पक्का करने की कोशिश में हैं। भले ही डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से दावेदारी जीत कर ओबामा ने एक जंग तो जीत ली है, पर उनका असली मुकाबला तो तब होगा जब वे आम चुनावों में टक्कर देंगे।