प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान विश्व व्यापार संगठन (WTO) में विवादित मुद्दे सुलझाए जा सकते हैं। इससे दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों की नई मिसाल पेश होगी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के न्योते पर मोदी 21 से 23 जून तक वहां की यात्रा करेंगे।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि मोदी और बाइडन द्विपक्षीय व्यापार से जुड़े विषयों पर चर्चा कर सकते हैं और WTO में विवादित मसलों का आपसी रजामंदी से समाधान करने पर भी बात हो सकती है। आपसी रजामंदी तब होती है, जब दो देश एक दूसरे के खिलाफ मामले खुद ही वापस ले लेते हैं।
एक सूत्र ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘इस सिलसिले में बात काफी आगे बढ़ चुकी है। दोनों देश गंभीरता से चर्चा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के अमेरिकी दौरे में विवादित मसलों पर सकारात्मक घोषणा हो सकती है।’ सूत्र ने कहा कि इस समय WTO में भारत और अमेरिका के बीच विवाद के सात मामले हैं और देखना होगा कि इनमें से कितने निपट जाते हैं।
इस साल दोनों पक्षों ने व्यापार और निवेश से जुड़ी प्रमुख दिक्कतें दूर करने का फैसला किया था, जिसमें डब्ल्यूटीओ में अटके कुछ विवादों का द्विपक्षीय समाधान तलाशना भी शामिल है।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने जनवरी में कहा था, ‘विवाद उन क्षेत्रों में हैं, जहां दोनों पक्षों को कुछ नुकसान और कुछ फायदे हुए हैं। हमने अपने अधिकारियों को शिद्दत के साथ काम करने को कहा है। अगले दो-तीन महीनों में हम डब्ल्यूटीओ में कुछ विवाद द्विपक्षीय तरीके से निपटाने की कोशिश करेंगे।’
एक अहम व्यापारिक विवाद में भारत 2019 में अमेरिका के खिलाफ हार गया था। WTO ने अपने आदेश में कहा था कि भारत से निर्यात को बढ़ावा देने वाली कुछ योजनाएं जैसे मर्केंडाइज एक्सपोर्टस फ्रॉम इंडिया स्कीम (MEIS), EOU, EPCG, SEZ और DFIS उसके नियमों के खिलाफ हैं। इसकी वजह बताते हुए WTO ने कहा कि इन योजनाओं के तहत इस्पात, दवा, परिधान और अन्य वस्तुओं के लिए निर्यात सब्सिडी दी गई थी।
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इसके बाद भारत को MEIS योजना बंद करनी पड़ी और इसकी जगह उसने निर्यातकों को केवल सब्सिडी नहीं बल्कि समर्थन देने के लिए नई योजना शुरू की। बाकी योजनाएं अब भी चल रही हैं, इसलिए भारत ने WTO के आदेश को चुनौती दे दी।
अमेरिका ने भारत के इस्पात और एल्युमीनियम पर 2018 में अतिरिक्त आयात शुल्क लगा दिया था। इस पर भी दोनों के बीच डब्ल्यूटीओ में विवाद चल रहा है।
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इन विवादों का समाधान हो गया तो भारत-अमेरिका संबंधों में यह बड़ी उपलब्धि होगा क्योंकि दोनों देश केवल सामरिक कारणों से ही सहयोगी नहीं हैं। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश है। वित्त वर्ष 2023 में दोनों देशों के बीच 128.78 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापर हुआ था। भारत के लिए अमेरिका सबसे बड़ा निर्यात बाजार भी है।