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मालूम चल गया, कब होगा भारत- अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA)

अमेरिका और भारत ने व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए “मिशन 500” की घोषणा की है, जिसके तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $500 अरब तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

Published by
निमिष कुमार   
Last Updated- April 17, 2025 | 9:08 PM IST

भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के लिए औपचारिक रूप से वार्ता शुरू करने से पहले कुछ मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने के लिए भारत से एक आधिकारिक दल अगले सप्ताह वाशिंगटन की यात्रा पर जा सकता है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अमेरिका के एक उच्चस्तरीय दल की भारत यात्रा के कुछ सप्ताह के भीतर हो रही यह यात्रा संकेत देती है कि व्यापार समझौते के लिए बातचीत गति पकड़ रही है।

भारत के मुख्य वार्ताकार, वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल दोनों देशों के बीच आमने-सामने की पहली वार्ता के लिए दल का नेतृत्व कर सकते हैं। यह यात्रा पिछले महीने दोनों देशों के बीच वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर की वार्ता के बाद हो रही है। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच भारतीय अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण व्यापार चर्चा के लिए 25 से 29 मार्च तक भारत में थे। 

अधिकारी ने कहा, “भारतीय दल अगले सप्ताह के मध्य तक वाशिंगटन का दौरा कर सकता है। यह दोनों देशों के बीच वार्ता का औपचारिक पहला दौर नहीं है। वे समझौते के लिए औपचारिक वार्ता शुरू करने से पहले कुछ मुद्दों पर मतभेदों को दूर करना चाहेंगे।” दोनों पक्ष वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुल्क पर नौ अप्रैल को घोषित 90 दिन की रोक का उपयोग करना चाहेंगे। 

इससे पहले, एक आधिकारिक सूत्र ने कहा था कि यदि दोनों पक्षों के लिए लाभप्रद स्थिति रही तो ट्रंप प्रशासन द्वारा घोषित 90 दिन के लिए शुल्क पर रोक के दौरान भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया जा सकता है।

2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य –

अमेरिका और भारत ने व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए “मिशन 500” की घोषणा की है, जिसके तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $500 अरब तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत शुरू करने का फैसला किया है, जिसका पहला चरण 2025 के अंत तक पूरा करने की योजना है। यह समझौता व्यापार को सुगम बनाएगा, बाजार पहुंच बढ़ाएगा और वस्तुओं व सेवाओं के लेनदेन को मजबूत करेगा।

भारत ने बॉर्बन व्हिस्की, मोटरसाइकिल, आईसीटी उत्पाद और धातुओं पर टैरिफ घटाने का फैसला किया है, जबकि अमेरिका ने भारतीय आम, अनार और अन्य कृषि उत्पादों के लिए अपने बाजार को और अधिक खोलने की पहल की है। इसके अलावा, दोनों देशों ने औद्योगिक और विनिर्मित उत्पादों के व्यापार को बढ़ाने पर भी सहमति जताई है।

निवेश के क्षेत्र में भी भारत की कंपनियां अमेरिका में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में करीब $7.35 अरब का निवेश किया है, जिससे 3,000 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी। इसमें हिंदाल्को नोवेलिस का अलाबामा और केंटकी में एल्युमिनियम उत्पादन, जेएसडब्ल्यू स्टील का टेक्सास और ओहायो में स्टील निर्माण, एप्सिलॉन एडवांस्ड मटेरियल्स का नॉर्थ कैरोलाइना में बैटरी सामग्री निर्माण और जुबिलेंट फार्मा का वॉशिंगटन में दवा निर्माण शामिल है।

Trump का ‘90 दिनों में 90 व्यापार करार’ का टॉरगेट-

अमेरिका की नजर ‘90 दिनों में 90 व्यापार करार’ करने पर है। ऐसे में भारत और अमेरिका  प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर वर्चुअल तरीके से क्षेत्र-विशिष्ट से संबं​धित चर्चा शुरू करने के लिए तैयार हैं। इसका उद्देश्य मई के अंत तक उन क्षेत्रों को अंतिम रूप देना है जहां बातचीत सुगमता से पूरी हो सकती है। दोनों देशों के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत क्षेत्र विशेष को लेकर बातचीत इस सप्ताह वर्चुअल रूप से शुरू होगी जो आगे आमने-सामने की औपचारिक वार्ता के लिए आधार तैयार करेगी।

भारत सरकार के एक वरिष्ठ सरकारी अ​धिकारी के मुताबिक बातचीत में कुछ पहलुओं पर समय लगता है। हमारी टीमें वर्चुअल बातचीत में जुटी हुई हैं। उम्मीद है कि अगले 6 हफ्तों में हमें यह पता चल जाएगा कि किन क्षेत्रों पर चर्चा करने में ज्यादा वक्त लगेगा और कहां बातचीत तेजी से निपटाई जा सकती है। अगले कुछ हफ्ते में दोनों देशों में शुल्क और व्यापक आर्थिक नीतियों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए ऐसे लक्ष्यों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जिसे सही मायने में प्राप्त किया जा सकता है। 

यह घटनाक्रम अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा अधिकांश देशों पर लगाए गए उच्च जवाबी शुल्क को वापस लेने के निर्णय की पृष्ठभूमि में हुआ है। अमेरिकी प्रशासन ने मंदी और मुद्रास्फीति के डर के बीच चीन को छोड़कर देश-विशिष्ट पर लगाए गए जवाबी शुल्कों को 90 दिनों के लिए रोक दिया है। वर्तमान में अमेरिका अपने यहां आयात होने वाले सामान पर सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र शुल्क के अलावा 10 फीसदी का बुनियादी शुल्क वसूल रहा है। ट्रंप ने कहा था कि जवाबी शुल्क पर अस्थायी रोक से देशों को अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते करने की सहूलियत मिलेगी।

सरकारी अधिकारियों का मानना ​​है कि भारत को पहले कदम उठाने का फायदा होगा क्योंकि दोनों देशों ने जवाबी शुल्क की घोषणा से पहले ही व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू कर दी थी। फरवरी में भारत और अमेरिका ने साल के अंत तक पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने का इरादा किया था।

(एजेंसी इनपुट के साथ) 

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First Published : April 17, 2025 | 9:08 PM IST