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विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने आज कहा है कि अगर कोई विमान कंपनी किसी यात्री के प्रीमियम इकॉनमी, बिजनेस या प्रथम श्रेणी जैसे ऊंचे केबिन को घटा (डाउनग्रेड) रही है, तो उसे यात्री को पूरी रकम लौटानी होगा और उपलब्ध अगले केबिन में एक मुफ्त सीट देनी होगी। डीजीसीए ने कहा कि उसने ऐसे उदाहरण देखे हैं, जिनमें यात्रियों का ऊंचा केबिन घटाकर निचला केबिन कर दिया गया है।
यह उस यात्री के लिए है, जिसने अपना टिकट प्रथम श्रेणी, बिजनेस क्लास या प्रीमियम इकॉनमी पर बुक किया है और चेक-इन के वक्त विभिन्न कारणों से उसे निम्न श्रेणी प्रदान कर दी गई है। डीजीसीए ने अपने बयान में उल्लेख किया है कि अनुपयोगी सीटों, विमान के परिवर्तन और ओवरबुकिंग की वजह से ऐसा हो सकता है।
इस तरह के हालात से निपटने के लिए डीजीसीए ‘बोर्डिंग से इनकार करने, उड़ानों को रद्द करने और उड़ानों में देरी की वजह से विमान कंपनियों द्वारा यात्रियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं’ के संबंध में अपने नियम में संशोधन करने की कवायद में जुटा हुआ है। यह डाउनग्रेड की वजह से प्रभावित होने वाले हवाई यात्रियों के अधिकारों की रक्षा करेगा।
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भारत में पूर्ण सेवा वाली दो विमान कंपनियां – विस्तारा और एयर इंडिया हैं और वे प्रीमियम इकॉनमी, बिजनेस या प्रथम श्रेणी जैसे ऊंचे केबिनों का परिचालन करती हैं। डीजीसीए के मौजूदा नियमों में यह उल्लेख नहीं है कि डाउनग्रेड किए गए टिकट से प्रभावित यात्री को विमान कंपनी किस तरह के मुआवजे का भुगतान करना होगा। डीजीसीए ने कहा है कि यह संशोधन (प्रस्तावित) उस यात्री को, जिसे अनैच्छिक रूप से डाउनग्रेड किया गया है, विमान कंपनी से रिफंड के रूप में करों सहित टिकट का पूरा मूल्य प्राप्त कराएगा।
अलबत्ता इसमें यह भी कहा गया है कि इस प्रस्ताव पर हितधारकों की सलाह ली जाएगी और अंतिम विनियमन प्रकाशित किया जाएगा तथा उसके बाद लागू किया जाएगा।