दिल्ली का मेयर चुनने के तीन असफल प्रयासों के बाद हुई नगर निगम सदन की बैठक में इस पद पर चुनाव के लिए बुधवार को वोटिंग किया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद मीनाक्षी लेखी और हंस राज हंस सबसे पहले मतदान करने वालों में शामिल रहे।
दिल्ली का नया मेयर चुनने के लिए बुधवार को निगम सदन की कार्यवाही शुरू हुई। मेयर पद पर चुनाव कराने के तीन असफल प्रयासों के पश्चात उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद यह मतदान हो रहा है।
निगम सदन की बैठक निर्धारित समय से आधे घंटे की देरी से पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे आरंभ हुई, जिसमें मेयर, उप महापौर और स्थायी समिति के छह सदस्यों के पदों के लिए चुनाव हो रहे हैं।
अस्थायी पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने कहा, ‘‘मैं सभी से सदन में व्यवस्था बनाए रखने की अपील करती हूं।’’
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पिछले सप्ताह महापौर पद का चुनाव कराने के लिए निगम सदन की बैठक बुलाने की मंजूरी दे दी थी।
शीर्ष अदालत ने 17 फरवरी को महापौर, उप महापौर और नगर निकाय की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) की पहली बैठक बुलाने के लिए 24 घंटे के भीतर नोटिस जारी करने का आदेश दिया था।
न्यायालय ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि उपराज्यपाल द्वारा एमसीडी में नामित सदस्य महापौर चुनने के लिए मतदान नहीं कर सकते।
दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) अधिनियम, 1957 के अनुसार, नगर निगम चुनावों के बाद सदन के पहले सत्र में महापौर और उप महापौर का चुनाव किया जाता है। नगर निगम चुनाव हुए हालांकि दो महीने से अधिक समय हो गया है। नगर निगम चुनाव पिछले साल चार दिसंबर को हुए थे।
नगर निगम चुनाव के एक महीने बाद छह जनवरी को पहली बार सदन की बैठक बुलाई गई थी। भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों के बीच तीखी बहस के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।
इसके बाद 24 जनवरी और फिर छह फरवरी को बुलाई गई दूसरी और तीसरी बैठक भी इस कवायद को पूरा करने में विफल रही और दोनों बैठकों को महापौर का चुनाव किए बिना स्थगित कर दिया गया।