भारत ने बुधवार को रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर सिस्टम से अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल 2,000 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। अगली पीढ़ी की मिसाइल के परीक्षण के एक दिन बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि इससे भारत उन चुनिंदा देशों के ग्रुप में शामिल हो गया है जिनके पास रेल नेटवर्क से मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता है।
•अग्नि-प्राइम या अग्नि-P, अग्नि सीरीज की छठी मिसाइल है।
• यह इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जो दो-स्टेज सॉलिड प्रोपेलेंट से संचालित होती है।
• मारक क्षमता: 2,000 किलोमीटर।
• लॉन्च को DRDO और स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड ने “पूरी तरह ऑपरेशनल कंडीशंस” में अंजाम दिया।
• ग्राउंड स्टेशनों ने मिसाइल की ट्रैजेक्टरी ट्रैक की और पुष्टि की कि सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया गया।
• रेल नेटवर्क पर लॉन्चर बिना किसी शर्त के मूव कर सकता है।
• यह प्रणाली तेज प्रतिक्रिया, क्रॉस-कंट्री मोबिलिटी और कम दृश्यता के साथ प्रक्षेपण की सुविधा देती है।
• मिसाइल में एडवांस्ड कम्युनिकेशन सिस्टम, स्वतंत्र लॉन्च फीचर्स और प्रोटेक्टिव मैकेनिज्म लगे हैं।
हालांकि, परीक्षण स्थल का खुलासा नहीं किया गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर लिखा कि यह “पहली बार” किया गया परीक्षण दिखाता है कि भारत मूविंग रेल प्लेटफॉर्म से कैनिस्टराइज्ड लॉन्च सिस्टम को तैनात करने में सक्षम है।
India has carried out the successful launch of Intermediate Range Agni-Prime Missile from a Rail based Mobile launcher system. This next generation missile is designed to cover a range up to 2000 km and is equipped with various advanced features.
The first-of-its-kind launch… pic.twitter.com/00GpGSNOeE
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 25, 2025
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी DRDO, SFC और सशस्त्र बलों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि भारत को उन चुनिंदा देशों की कतार में खड़ा करती है जो रेल नेटवर्क से एडवांस्ड मिसाइल लॉन्च कर सकते हैं।
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• यह परीक्षण भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन चले सैन्य संघर्ष (Operation Sindoor) के साढ़े चार महीने बाद हुआ है।
• रोड-मोबाइल वर्जन के कई सफल ट्रायल्स के बाद अग्नि-प्राइम पहले ही सेना में शामिल हो चुकी है।
• पिछले महीने भारत ने अग्नि-5 मिसाइल का भी परीक्षण किया था, जिसकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर है।
• अग्नि सीरीज में पहले से ही अग्नि-1 से अग्नि-4 तक की मिसाइलें शामिल हैं, जिनकी मारक क्षमता 700-3,500 किलोमीटर तक है।