असलियत में नौकरी से स्व-रोजगार के बीच में क्या अंतर है? यहां, बहुत छोटी-छोटी चीजें हैं!
सबसे पहले तो यहां नाम का निर्णय लेना पड़ता है- क्या मैं अपना कारोबार अपने नाम के साथ शुरू करना चाहता हूं या मैं किसी और नाम के बारे में सोचूं? क्या मुझे एक लोगो की जरूरत है या फिर बिना लोगो के ही ठीक है?
शुरुआती दौर में, यह ज्यादा अहमियत नहीं रखता कि आप अपने नाम के साथ काम कर रहे हैं या किसी दूसरी कंपनी को प्रस्तुत कर रहे हैं, क्योंकि कारोबार तो निजी संपर्क से ही मिलता है। लेकिन बाद में, जब कोई किसी अन्य ग्राहक से काम लेता है और लोगों को नियुक्त करता है, तब यह ज्यादा आसान होता है कि आप किसी कंपनी के नाम के साथ काम करें।
यहां कई बड़ी-बड़ी कंपनियों के उदाहरण हैं, जिन्होंने कंपनी के मालिक के नाम के साथ शुरुआत की और आज वैश्विक स्तर पर नाम कमा चुकी हैं, लेकिन मैं ऐसा जोखिम नहीं लेना चाहता। जब मैंने अपने नाम से अलग कंपनी का नाम रखने का निर्णय लिा, मैंने यह सुनिश्चित किया कि कंपनी के नाम का कोई मतलब हो और वह सामने वाले को समझ में भी आ सके।
आज कल इंटरनेट की दुनिया में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवाना काफी जरूरी हो गया है। एक वेबसाइट, जो बेशक सिर्फ बुनियादी जानकारी ही दे, जरूरी है। हम वेबसाइट पर बाद में बात करेंगे, लेकिन अभी जो मुद्दा है, वह यह है कि आपकी कंपनी का नाम ऐसा होना चाहिए जो वेबसाइट के लिए डोमेन नेम में भी इस्तेमाल किया जा सके।
एक बार जब आप इस बात से वाकिफ हो जाएं कि यह डोमेन उपलब्ध है, तब एक भी पल गवाए बिना इसे रजिस्टर करवा लें, ताकि जब कभी भी आप वेबसाइट के लिए काम करना शुरू करें, नाम आपके लिए उपलब्ध हो। एक लोगो आपकी कंपनी के नाम के लिए एक विजुअल रिमाइंडर की तरह काम करेगा। यह ब्रांड या एक-दूसरे से जुड़े होने की बात है और एक-दूसरे से जुड़े होने के कारण ये याददाश्त बढ़ाते हैं।
नाम का फैसला कर लेने के बाद, अब समय है बैंक खाता खुलवाने का। मुझे लगता था कि बैंक खाता खुलवाना काफी आसान काम है। मुझे कभी ‘अपने ग्राहक को जानने’ के नियमों की ताकत का अंदाजा ही नहीं था। मेरा कारोबार ऐसा है कि मुझे कभी दफ्तर की जरूरत ही नहीं महसूस हुई, जो पैसे बचाने वाला विकल्प भी था। इसलिए मेरे पास कंपनी के नाम पर पते के लिए कोई प्रमाण ही नहीं था।
बैंक में संपर्क प्रबंधक ने मुझे किसी भी सरकारी एजेंसी से पंजीकृत होने का प्रमाण पत्र लाने के बारे में कहा। मेरे तो कारोबार को इसकी भी जरूरत नहीं थी। बैंक कर्मचारियों के प्रयासों के बावजूद, हमें इस समस्या के समाधान के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। बैंक में चालू खाता खुलवाने के लिए पते के लिए प्रमाण पाने में मेरे लगभग 20 दिन खर्च हो गए।
इसके बाद एक और छोटे, लेकिन अहम बिंदु पर हमारी नजर पड़ी। चालू खाते के लिए कंपनी के नाम वाली एक रबड़ स्टाम्प की जरूरत पड़ती है। अब दुनिया के किस हिस्से में भला ये छोटी चीजें बनती हैं? एक कंपनी में काम करते कौन इन बातों की चिंता करता है? वहां तो इंटर कॉम पर प्रशासन अधिकारी को एक फोन कर उन्हें अपनी जरूरत बता दो और हो गया आपका काम।
अब तो मैं ही प्रशासन विभाग हूं और यहां कोई इंटरकॉम नहीं है। इन सब चीजों को आप कभी भी आसानी से हो जाने वाले कामों की तरह मत लीजिएगा- आपको नहीं पता कि कब आपको अपने उन सहकर्मियों के न होने पर क्या करना पड़ जाए, जो पूरी कंपनी के लिए यह काम करते हैं। यह प्रक्रिया तक भी इसी तरह मुश्किलों से भरी हुई है, जब आप अपने लिए बिजनेस कार्ड या दूसरे काम करवाने जाते हैं। मैंने तो सीखना शुरू कर दिया है।