facebookmetapixel
Al Falah चेयरमैन के खिलाफ ED की कार्रवाई, 415 करोड़ की अवैध कमाई की जांचयूपी की अर्थव्यवस्था ₹13 लाख करोड़ से ₹30 लाख करोड़ कैसे पहुंची? आबकारी मंत्री ने बिज़नेस स्टैंडर्ड–समृद्धि में बतायासैलरी आती है और गायब हो जाती है? तीन बैंक अकाउंट का ये फॉर्मूला खत्म कर सकता है आपकी परेशानीPM Kisan 21st Installment: किसानों के लिए खुशखबरी! खाते में आज आएंगे 2000 रुपये, जानें कैसे चेक करें स्टेटसबिज़नेस स्टैंडर्ड समृद्धि 2025Tenneco Clean Air IPO Listing: 27% प्रीमियम के साथ बाजार में एंट्री; निवेशकों को हर शेयर पर ₹108 का फायदाGold Silver Rate Today: सोने की चमक बढ़ी! 1,22,700 रुपये तक पहुंचा भाव, चांदी की कीमतों में भी उछालAxis Bank बना ब्रोकरेज की नंबर-1 पसंद! बाकी दो नाम भी जान लेंIndia-US LPG Deal: भारत की खाड़ी देशों पर घटेगी निर्भरता, घर-घर पहुंचेगी किफायती गैसNifty में गिरावट के बीच मार्केट में डर बढ़ा! लेकिन ये दो स्टॉक चमक रहे हैं, ₹360 तक के टारगेट्स

स्पूफिंग पर सेबी की सख्ती बढ़ी

Last Updated- December 12, 2022 | 6:17 AM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अन्य कारोबारियों को धोखा देने के मकसद से किए जाने वाले खरीद और बिक्री ऑर्डरों को ध्यान में रखकर ‘स्पूफिंग’ और ‘कोट स्टफिंग’ शेयर बाजार की समस्या रोकने पर जोर दिया है। स्टॉक एक्सचेंजों ने ऐसे अनियमितताओं का पता लगाने के लिए नई ऑर्डर-स्तर की निगरानी प्रणाली शुरू की है।
नए दिशा-निर्देशों के तहत, धोखेबाजों को 15 मिनट और दो घंटे के बीच कारोबारी अक्षमता का सामना करना पड़ सकता है।
एनएसई ने 26 मार्च को जारी एक सर्कुलर में कहा, ‘मौजूदा समस्याओं का पता लगाने के लिए एक अतिरिक्त ऑर्डर-आधारित निगरानी व्यवस्था होगी।’
नई व्यवस्था ग्राहक स्तर के साथ साथ ब्रोकर स्तर पर दैनिक कारोबार के संदर्भ में लागू होगी। एनएसई ने ऐसी कार्य प्रणालियों के लिए तीन मानक बनाए हैं। इनमें शामिल हैं ऑर्डर-टु-ट्रेड रेशियो, हाई इंस्टैंस ऑफ ऑर्डर मॉडीफिकेशन, और पर्सिस्टेंट डेफर्ड या लोअर ऑर्डर एक्जीक्यूशन प्रायोरिटी। यदि निगरानी प्रणाली में इन तीन में से किसी भी तरह की गतिविधि का पता लगता है तो इसे एक त्वरित गणना माना जाएगा, और एक्सचेंज 20 कारोबारी दिनों के दौरान इस तरह की गणना के आधार पर जुर्माना तय करेंगे।
यदि यह गणना 20 दिन के कारोबार के आधार पर 99 को पार करती है तो ग्राहक या ब्रोकर को 15 मिनट के कारोबार स्थगन का सामना करना होगा। लगातार कारोबारी दिनों में उल्लंघन के अतिरिक्त मामले से 15 अन्य मिनट के से अधिकतम दो घंटे तक की कारोबार अक्षमता का सामना करना होगा।
जीरोधा के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी नितिन कामत ने एक ट्वीट में कहा, ‘यह रिटेल कारोबारियों के लिए सकारात्मक है। स्पूफिंग और कोट स्टफिंग ऑर्डर गैर क्रियान्वयन के इरादे से पेश किए जाते हैं और अब इनमें बड़ी तादाद में कमी आएगी।’
कोट स्टफिंग तेजी से प्रवेश करने और फिर बड़े ऑर्डरों से बाहर निकलने की प्रक्रिया है। ऐसी गतिविधि प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले अच्छी बढ़त बनाने के मकसद के साथ की जाती है।

First Published - April 4, 2021 | 11:53 PM IST

संबंधित पोस्ट