facebookmetapixel
Gold-Silver Price Today: रिकॉर्ड हाई के बाद सोने के दाम में गिरावट, चांदी चमकी; जानें आज के ताजा भावApple ‘Awe dropping’ Event: iPhone 17, iPhone Air और Pro Max के साथ नए Watch और AirPods हुए लॉन्चBSE 500 IT कंपनी दे रही है अब तक का सबसे बड़ा डिविडेंड- जान लें रिकॉर्ड डेटVice President Election Result: 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए सीपी राधाकृष्णन, बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिलेनेपाल में सोशल मीडिया बैन से भड़का युवा आंदोलन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफापंजाब-हिमाचल बाढ़ त्रासदी: पीएम मोदी ने किया 3,100 करोड़ रुपये की मदद का ऐलाननेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बीच भारत ने नागरिकों को यात्रा से रोका, काठमांडू की दर्जनों उड़ानें रद्दUjjivan SFB का शेयर 7.4% बढ़ा, वित्त वर्ष 2030 के लिए मजबूत रणनीतिStock Market Update: सेंसेक्स 400 अंक ऊपर, निफ्टी 25,000 के पास; IT इंडेक्स चमका, ऑटो सेक्टर कमजोरGST कटौती से ऑटो सेक्टर को बड़ा फायदा, बाजार पूंजीकरण 3 लाख करोड़ बढ़ा

कहते हैं विश्लेषक

Last Updated- December 10, 2022 | 1:06 AM IST

अंबुजा सीमेंट्स 

सिफारिश : 72 रुपये
मौजूदा भाव : 73.35रुपये
लक्ष्य : 72 रुपये
गिरावट : 1.8 प्रतिशत
ब्रोकर : एमके ग्लोबल फाइनैंशियल
वर्ष 2008 की चौथी तिमाही में अंबुजा सीमेंट्स का मुनाफा 248 करोड़ रहा, जो उम्मीद से कम था। वजह रही ऊर्जा और ईंधन की ऊंची कीमत। कमाई के मामले कंपनी ने साल दर साल के हिसाब से 6.7 फीसदी इजाफा किया है। 
इस तिमाही में कंपनी की कमाई 1,570 करोड़ रुपये रही। इसकी वजह रही, कंपनी को मिले ऑर्डरों में इजाफा और उत्पादन में इजाफा। 

इस तिमाही में कंपनी को कोयले की अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों में आई 40 फीसदी कमी का भी फायदा नहीं मिला क्योंकि कंपनी ने ऊंची कीमतों पर खरीदे गए कोयले का इस्तेमाल उत्पादन के लिए किया था।
इसी वजह से कंपनी के मुनाफे में 23.5 फीसदी की गिरावट आ गई। कंपनी की पूंजी विस्तार योजना के तहत उसने अगले दो-तीन सालों में 3,500 करोड़ खर्च करने की योजना बनाई है। इससे कंपनी की उत्पादन क्षमता बढ़कर 60 लाख टन हो जाएगी।
बीते साल में कंपनी ने सूरत में एक ग्रिंडिंग यूनिट को तैयार किया। ऊंची लागत की वजह से उत्पाद कर में छूट और तेल व कोयले की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में आई गिरावट का भी कोई ज्यादा असर नहीं पड़ा।
भारत बिजली

सिफारिश : 437 रुपये
मौजूदा भाव : 429.80 रुपये
चढ़ाव : —
ब्रोकर : शेयरखान
वित्त वर्ष 2009 की तीसरी तिमाही में भारत बिजली की साल दर साल परिचालन आय 22.5 फीसदी की रफ्तार से बढ़कर 140.4 करोड़ हो गई है। वैसे, कंपनी का परिचालन मुनाफा 90 बेसिस प्वाइंट गिरकर 17.5 फीसदी रह गया है।
इसकी वजह है कच्चे माल की ऊंची कीमतें, जो बिक्री के तुलना में 107 बेसिस प्वाइंट बढ़ी हैं। इस वजह से इस तिमाही में कंपनी के शुध्द लाभ में सिर्फ 8.1 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस साल कंपनी को 13.3 करोड़ का इजाफा हुआ है।
कंपनी अब अपनी क्षमता में तेजी से इजाफा कर रही है। कंपनी ने बीती तिमाही के दौरान 3000 एमवीए की क्षमता विस्तार किया था। इससे इस वित्त वर्ष में कंपनी के मुनाफे और कमाई में तेज इजाफा होने की उम्मीद है।
ट्रांसफॉर्मरों की बात करें तो अब इसके ऑर्डर प्राइवेट सेक्टर से आने कम हो गए हैं। साथ ही, राज्यों के बिजली बोर्डों से भी ऑर्डर कम ही आ रहे हैं। जहां तक बात है, मोटर की तो इसका सबसे बड़ा खरीदार है प्राइवेट सेक्टर।
लेकिन प्राइवेट कंपनियों में क्षमता विस्तार की कोशिशों को ठंडे बस्ते में डाल देने की वजह से इसके मुनाफा पर काफी असर पड़ सकता है। धीमी पड़ती विकास की रफ्तार और बिक्री कम होने की वजह से कंपनी की कमाई पर असर पड़ने की पूरी उम्मीद है।
जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर 

सिफारिश : 83 रुपये
मौजूदा भाव : 79.05 रुपये
लक्ष्य : 67
उतार : 15.2 फीसदी
ब्रोकर : इंडिया इन्फोलाइन
सरकार ने 36 महीनों के लिए दिल्ली हवाईअड्डे पर आने-जाने वाले यात्रियों से एयरपोर्ट डेवलपमेंट फी (एडीएफ) को वसूलने की इजाजत दे दी है। एडीएफ के लागू हो जाने से सबसे ज्यादा किसी को फायदा होगा, तो वह है जीएमआर।
इसके लागू हो जाने के बाद दिल्ली हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण में जो पैसों की दिल्ली आ रही थी, वह काफी हद तक हल हो जाएगी। साथ ही, इससे जुड़ी कंपनियों को अपनी पूंजी इसमें लगाने की जरूरत भी खत्म हो जाएगी।
सरकार ने इस फी पर अपनी मुहर तभी लगाई है, जब उसे लगा है कि पैसे के सारे स्रोत सूख चुके हैं और इस आधुनिकीकरण तथा विस्तार योजना को ज्यादा दिनों तक लटकाया नहीं जा सकता है। वजह है, अगले साल अक्टूबर में दिल्ली में होने वाले राष्ट्रमंडल खेल। 
सरकार ने घरेलू यात्रियों के यह फीस 200 रुपये तय की है, जबकि अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरने वाले यात्रियों को 1,300 रुपये ज्यादा चुकाने पड़ेंगे। इसकी वजह दिल्ली एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण पर छाए पैसों के ग्रहण को हटाने में मदद मिलेगी।
यह जीएमआर के लिए राहत का बड़ा सबब है। हालांकि, यह फीस सिर्फ तीन सालों के लिए लगाया गया है। साथ ही, यात्री किराए को ध्यान में रखते हुए इसका समय-समय पर रिव्यू भी किया जाएगा।
स्टील अथोरिटी ऑफ इंडिया

सिफारिश : 87.75 रुपये
मौजूदा भाव : 90.65 रुपये
लक्ष्य : 90
चढ़ाव : —
ब्रोकर :मैक्वॉयर रिसर्च
स्टील अथोरिटी ऑफ इंडिया (सेल)की कुल लागत में कोकिंग कोल का हिस्सा 48 फीसदी है। सेल अपने मौजूदा अनुबंधों पर फिर से बातचीत करना चाहती है। लेकिन ऐसा नहीं लगता कि इसके मुख्य आपूर्तर्कत्ता बीएचपी बिलिटन के साथ बातचीत खत्म हो जाए।
रिर्पोट के मुताबिक सेल ने इस साल जनवरी में केवल 130,000 टन लेने की ही योजना बनाई है। सेल ने मौजूदा बाजार में इस साल अप्रैल और मई में कोकिंग कोल खरीदने के लिए एक टेंडर भी जारी किया है। लेकिन कम कीमतों का फायदा पूरी तरह से मई और जून में ही देखने को मिलेगा।
दिसंबर में सेल की एचआरसी कीमतों में 100 डॉलर प्रति टन की कमी आने के बाद से ही लागत में गिरावट नहीं हो रही है। मुमकिन है कि चौथी तिमाही में मार्जिन पर इसका असर पड़े। स्टील मंत्रालय सेल को यह जोर दे रही है कि  वह 11 बिलियन डॉलर के विस्तार योजना को पूरी रफ्तार से जारी रखे।
ब्रोकर का मानना है कि इसकी वजह से अगले दो-तीन सालों में सेल की नगदी बढ़कर 3.5 अरब डॉलर तक जा सकती है, जबकि उसके ऊपर चार अरब डॉलर का कर्ज रहेगा।
एफएजी बियरिंग

सिफारिश : 261 रुपये
मौजूदा भाव : 261 रुपये
लक्ष्य : 350 रुपये
चढ़ाव : 34.1 फीसदी
ब्रोकर : एंजल ब्रोकिंग
वित्तीय वर्ष 2008 की चौथी तिमाही में फैग बियरिंग की शुद्ध बिक्री में 9.6 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई और यह 186.8 करोड़ रुपये तक हुई। हालांकि उम्मीदें तो 169 करोड़ रुपये तक की ही थीं।
फैग ने साल दर साल 47.4 फीसदी की बढ़त दर्ज की वहीं चौथी तिमाही में इसकी कमाई 21.4 करोड़ रुपये तक है। निर्माण लागत में कमी आने की वजह से ही इसकी कमाई हुई है। इसी वजह से ईबीआईटीडीए मार्जिन में भी 252 बेसिस प्वाइंट का सुधार आया।
टैक्स रेट में 950 बेसिस प्वाइंट की कमी आई। इस तरह टैक्स में कोई बदलाव नहीं आया।  फैब बियरिंग में इस तेजी की वजह पूंजीगत वस्तुओं और ऑटोमोबाईल इंडस्ट्री में बढ़ती मांग है। ऐसा माना जाता है कि इस लिहाज से उद्योगों का आकलन कम ही रहेगा क्योंकि सेक्टर में पूरी तरह से मंदी छाई हुई है।

First Published - February 15, 2009 | 10:20 PM IST

संबंधित पोस्ट