कहते हैं विश्लेषक

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 1:42 AM IST

कच्चे तेलों की कीमतें 135 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचने और रिजर्व एक्रीशन रेट के 100 फीसदी से नीचे फिसलने के कारण तेल संबंधी खोज और उत्पादन पर निवेश करना अवश्यंभावी हो गया है।


बहरहाल,तेल कुओं की कमी के चलते इनकी कीमतों में उछाल जारी रहेंगे। आलम यह है कि शिपयार्ड अब तीन से ज्यादा सालों के लिए बुक किए जाते हैं। अबैन ऑफशोर अपने 22 तेल कुंओं के साथ तेल से संबंधित उद्योग में नए समीकरण स्थापित करने की स्थिति में है। इसके एतिहासिक पहलू को देखें तो वैश्विक स्तर पर यह कंपनी सबसे बेहतर ऑपरेटिंग मॉर्जिन पा चुका है।

इसके 13 एसेटों,जिनमें सिनवेस्ट भी शामिल है,सिंगापुर स्थित सब्सिडियरी अबान सिंगापुर(एएसएल)के अंतर्गत आता है। यह कंपनी अब कुछ शेयरों के विनिवेश के जरिए एएसएल को लिस्ट करने की योजना बना रहा है,लिहाजा,सिनवेस्ट का अधिग्रहण करने के लिए कंपनी ने जितना कर्ज लिया था,उसमें कमी लाई जा सकती है। एएसएल की लिस्टिंग से कंपनी के भाव चढाव हो सकता है।

इसके अलावा कंपनी के छह एसेटों का नवीनीकरण अगले  10 महीनों के लिए बाकी रहेंगे। रिग मार्केट में जारी मौजूदा दवाब के चलते ऐसी उममीद है कि इन सौदों की फिर से कीमतों में मौजूदा भाव के मुकाबले ज्यादा भाव पर निर्धारण हो।

4,047 रूपये कीमत पर इसके शेयर अंतरराष्ट्रीय औसत दर पर मौजूदा साल2008 के आकलित मूल्य के 12.6 गुणा के मुकाबले  वित्तीय वर्ष 2009 के आकलित मूल्य के 8.1 गुणा पर कारोबार कर रहा है। शेयर का यह कारोबार शेयर पर अर्निंग रेशियो पर आधारित है। जबकि कंपनी ने शेयरों की कीमतें 5,247 रूपये करने का लक्ष्य रखा है।

अबान ऑफशोर


सिफारिश मूल्य – 4,047 रुपये
मौजूदा बाजार भाव – 4,182.95 रुपये
लक्ष्य मूल्य – 5,247 रुपये
बढ़त – 25.44 फीसदी
ब्रोकरेज – इंडिया इन्फोलाइन

केएस ऑयल्स (केएसओ) का वित्तीय वर्ष 2008 के चौथी तिमाही में 107 फीसदी के जबरदस्त उछाल के साथ कुल रेवेन्यू 670 करोड़ रुपये का हो गया है। यह उछाल ईयर-ऑन-ईयर यानी सालाना आधार पर है। कंपनी के रेवेन्यू में यह उछाल कच्चे,सरसों,रिफाइन्ड तेलों की कीमतों में आए उछाल के कारण हुआ है। तेल की कीमतों में सालाना आधार पर 28 फीसदी का इजाफा होने के कारण कंपनी के रेवेन्यू में 66 फीसदी की हिस्सेदारी रही।

इसके अलावा तेल की कीमतों में हुए इजाफे के कारण वॉल्यूम में 31 फीसदी का इजाफा दर्ज हुआ है। इसके अलावा,तिमाही के दौरान नेट प्राफिट में 91 फीसदी का इजाफा खासा प्रभावी रहा,जिसने मुनाफे को 40.2 करोड़ तक पहुंच गया है। कंपनी ने सफलतापूर्वक अपने रेवेन्यू शेयर की फेहरिस्त में हाई-मार्जिन रिटेल पैक,ब्रांडेड पैक समेत हर प्रकार के शेयर में खासा इजाफा दर्ज किया है।

वित्तीय वर्ष 2008 के पूरे साल की बात करें तो जहां एक ओर रेवेन्यू 90 फीसदी उछला,वहीं इसके शुद्ध मुनाफे  में दोगुनी वृद्धि के साथ आंकड़ा 122.7 करोड़ रूपये हो गया। कंपनी इस वक्त पॉम ऑयल के निर्यात से लेकर इसके परिशोधन से लेकर मार्केटिंग तक करती है। यह कारोबार देश के उत्तरी और पूर्वी भागों तक फैला हुआ है। कंपनी का 35 फीसदी कारोबार रिफाइन्ड उत्पादों से होता है।

कंपनी कच्चे माल की आपूर्ति को सुनिश्चित करने और वैश्विक कीमतों के उतार-चढ़ाव पर पार पाने के लिहाज से कंपनी ने हाल ही में 50,000 एकड़ में लगे  पाम के पेड़ों को अधिग्रहित किया है। इससे 80,000 मीट्रिक टन पॉम ऑयल प्रति वर्ष के उत्पादन की उम्मीद है। मौजूदा सिफारिश कीमत पर कंपनी के शेयरों के  वित्तीय वर्ष 2009 के आकलित मूल्य से 12.8 गुना पर कारोबार करने की उम्मीद है,जबकि कंपनी ने अपने शेयरों की कीमत 111 रूपये पर पहुंचाने की योजना बनाई है।   

केएस ऑयल्स


सिफारिश मूल्य – 75 रुपये
मौजूदा बाजार भाव – 78.25 रुपये
लक्ष्य -111 रुपये
बढ़त:-41.85 फीसदी
ब्रोकरेज:-रेलिगेयर सिक्योरिटीज

प्राइवेट ऑपरेटरों से भाड़े वाले कारोबार और फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट से इस कंपनी को 10,000 करोड़ रूपये की उगाही होने की उम्मीद के साथ-साथ अगले पांच-छह सालों में वैगन के लिए अतिरिक्त मांग में इजाफे की उम्मीद है। टेकसमैको,जिसकी बाजार में 25 फीसदी हिस्सेदारी है,इन योजनाओं से सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनियों में शुमार हो सकती हैं।

भारत सरकार भी अगले पांच सालों के दौरान 20,000 मेगावाट के अतिरिक्त हाइड्रोपावर को जोड़ने की यशेजना बना रही है। इससे इस कंपनी के हाइड्रोमैकेनिकल डिविजन के लिए माकूल अवसर तैयार होते हैं। इसके अलावा कंपनी ने अपने स्टील फांउड्री डिविजन के आधुनिकीकरण और विस्तार योजनाओं की भी शुरूआत कर दी है,जिसके वित्तीय वर्ष 2009 तक पूरा होने की उममीद है।

इससे कंपनी की क्षमता में 15,000 टीपीए से 40,000 टीपीए तक इजाफा हो सकता है। मालूम हो कि कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2008 के दौरान रिकॉर्ड 690 करोड़ रूपयों के रेवेन्यू की उगाही की। इसके अलावा कंपनी के वॉल्यूम में भी वाईओवाई के आधार पर 85 फीसदी का इजाफा हुआ है। यह इजाफा कंपनी के रॉलिंग स्टॉक डिविजन में हुए इजाफे के चलते हुआ है।

शुद्ध मुनाफा भी 143 फीसदी उछलकर 69.1 करोड़ का हो गया है,जिसमें अहम भूमिका ऑपरेटिंग प्रॉफिट और दूसरे अन्य आयों में हुए इजाफे के चलते हुआ है। कंपनी के रेवेन्यू में 37.7 फीसदी जबकि आय में 25.8 फीसदी इजाफा होने की उम्मीद है। जबकि कंपनी का शेयर बुक वैल्यू के 17 गुणा पर और कमाई के 12.1 गुणा पर कारोबार कर रहा है,जो क्रमश:वित्तीय वर्ष 2009 और 2010 के अनुमानित मूल्य पर आधारित है। 

टेक्समैको


सिफारिश मूल्य – 1,561 रुपये
मौजूदा बाजार भाव – 1,563.9 रुपये
लक्ष्य मूल्य – उपलब्ध नहीं
 ब्रोकरेज – एडिलवाइस सिक्योरिटिज

चीन में सीएनजी सिलेंडर्स की मांग में इजाफा होने की उम्मीद है,क्योंकि वहां की सरकार ने अब वहां की बसों में इसके इस्तेमाल को आवश्यक करार दे दिया है। इसके अलावा चीन में सीएनजी गैस स्टेशनों का भी खासा विस्तार हो रहा है,और अगले दो से तीन सालों के भीतर इन स्टेशनों की संख्या 2000 तक पहुंच जानी हैं।

इस प्रकार देखा जाए तो यह स्थिति एवरेस्ट कैंटों सिलेंडर्स के लिए बिल्कुल माकूल है कि वो अपने कारोबार को एक नई ऊंचाई प्रदान कर सक ते हैं,क्योंकि हाल ही में उन्होनें चीन में 2 लाख सिलेंडर्स की क्षमता वाला एक प्लांट वहां स्थापित किया है। इसके अलावा कंपनी ने अमेरिका स्थित रीयूनियन इंडस्ट्रीज का भी अधिग्रहण किया है, जिसके  लिए कंपनी ने 663 लाख डॉलर की रकम अदा की है।

इस अधिग्रहण से कंपनी को दुनियाभर में सीएनजी गैस भंडारों और स्पेशियाल्टी की जबरदस्त मांग वाले बाजार पर काबिज होने में आसानी होगी। कंपनी के दूसरे प्लांट की बात करें जो दुबई में है,काफी सफलतापूर्वक उत्पादन संबंधी कामों को अंजाम दे रहा है,और वहां उत्पादन काफी अच्छे स्तर तक पहुंच चुका है। इस यूनिट का खास पहलू यह है कि यहां रियलाइजेशन और मार्जिन  की मात्रा अच्छी होने के चलते कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी में इजाफा कर सकता है।

ये कंपनी की आक्रामक विस्तार पॉलिसी का नतीजा है कि कंपनी का रेवेन्यू 44.5 फीसदी जबकि  शुद्ध मुनाफा 45.6 फीसदी तक पहुंचने की उम्मीद है। कंपनी के ब्रोकरेज खर्च में अच्छे वैल्यूएशन और सीमित क्षमता के चलते गिरावट आई है। इसके अलावा 347 रूपये की कीमत पर कंपनी के शेयर बुक वैल्यु का 3.9 गुणा जबकि आय के 16.5 गुणा पर काम कर रहा है। यह कमाई कंपनी के वित्तीय वर्ष 2010 के आकलन पर आधारित है।

एवरेस्ट कैंटो सिलेंडर्स


सिफारिश मूल्य – 347 रुपये
मौजूदा बाजार भाव – 332.7 रुपये
लक्ष्य मूल्य – 400 रुपये
बढ़त – 20.23 फीसदी
ब्रोकरेज – कोटक सिक्यूरिटीज

वरुण शिपिंग कंपनी ने वित्तीय साल 2008 में 850.8 करोड़ के रेवेन्यू के साथ ईयर-ऑन-ईयर यानी सालाना आधार पर 24 फीसदी का इजाफा दर्ज किया है। यह इजाफा कंपनी को नये वेसेल के अधिग्रहण के कारण हुआ है। इसके अलावा ईबीआईडीटीए मार्जिन में ऑफशोर सेगमेंट के द्वारा बढ़ी हुई भागीदारी के कारण 55.9 फीसदी का इजाफा दर्ज हुआ है।

इसके शुद्ध मुनाफे में भी 55.9 फीसदी इजाफे की जबरदस्त तेजी आई है,और यह पहुंचकर 225.9 करोड़ रूपये हो गया। इसके मुनाफे में इजाफे का कारण इसके दूसरे अन्य आय में हुए 192.8 फीसदी बढ़ोत्तरी का है,जिसने इसका मुनाफा इस स्तर पर पहुंचा दिया। जनवरी 2008 में इसने 4000 लाख डॉलर के कैपेक्स की घोषणा की थी।

इसके बाबत कंपनी ने एक एएचटीएस वेजेल और सुवर्ना अधिग्रहित कर चुकी है,जबकि दूसरे हाई मार्जिन वाले ऑफशोर सेगमेंट में अन्य वेसेलों को अधिग्रहित करने की योजना बना रही है। इससे कंपनी को ऑफशोर सेगमेंट में अपनी धमाकेदार उपस्थिति बनाने में मदद मिलेगी।

ऑफशोर सेगमेंट से रेवेन्यू हिस्सेदारी में पिछले वित्तीय साल के 3.6 फीसदी के मुकाबले इस वित्तीय वर्ष में 19.4 फीसदी का इजाफा दर्ज हुआ है। एलपीजी सेगमेंट से रेवेन्यू हिस्सेदारी में पिछले वित्तीय साल के 72.8 फीसदी के मुकाबले इस साल यह 62.7 फीसदी हो गया है।

वरुण शिपिंग


सिफारिश मूल्य – 82 रुपये
मौजूदा बाजार भाव – 85 रुपये
लक्ष्य मूल्य -118 रुपये
बढ़त – 38.8 फीसदी
ब्रोकरेज – आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज

First Published : May 26, 2008 | 12:50 AM IST