सीटीसी के नकाब में छिपा है वेतन,जनाब

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 06, 2022 | 9:03 PM IST

जब आप अपने नियोक्ता से अपनी सैलरी को लेकर सौदेबाजी कर रहे हों, तो आप उन्हें कर बचाने के कुछ आसान तरीके सुझा सकते हैं। ऐसे में आपका सीटीसी तो वही रहेगी, पर जेब कुछ अधिक भारी होगी।


जब संजीव वर्मा ने नई कंपनी में नौकरी का प्रस्ताव स्वीकार किया तो वह बहुत खुश थे। खुशी की वजह थी कि उन्हें नई कंपनी से भारी भरकम कॉस्ट टू कंपनी (सीटीसी) वाली तनख्वाह का प्रस्ताव मिला था। पर जब संजीव को पहले महीने की तनख्वाह मिली तो चेक देखकर उनके होश उड़ गए। 


उनकी टेक होम सैलरी पुरानी कंपनी की टेक होम सैलरी से थोड़ी ही अधिक थी। संजीव वर्मा अकेले नहीं है जिनके साथ ऐसा हुआ है।ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें जब किसी नई कंपनी से सीटीसी पैकेज का ऑफर दिया जाता है तो भारी भरकम रकम देखकर वे बहुत खुश हो जाते हैं पर जब उन्हें अपनी टेक होम सैलरी के बारे में पता चलता है तो उनका दिल टूट जाता है।


इसलिए बहुत जरूरी है कि जब आप अपनी नई नौकरी के लिए मोल भाव कर रहे होते हैं तो आपको कितनी सैलरी मिलेगी इसके बारे में स्पष्ट ज्ञान होना चाहिए। इसके लिए सबसे उपयुक्त तरीका है कि आपको आय कर बचाने की सही तकनीक पता होनी चाहिए ताकि आय कर का भार काफी हद तक कम किया जा सके। आपके लिए किफायती होगा कि आप अधिक से अधिक कर बचा सकें।


रियायतें बनें किफायती


आपको सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपकी सैलरी पैकेज में कई श्रेणियां होती हैं। आपको आपके काम के परफॉरमेंस के हिसाब से कुछ इंसेंटिव दिया जाता है। पर यह याद रखिए कि ये इंसेंटिव कर के दायरे में आते हैं। साथ ही आपको जो विशेष भत्ता दिया जाता है और परिवहन भत्ता और फोन  बिल का पुनर्भुगतान किया जाता है, वे भी कर की परिधि में आते हैं।


आमतौर पर लोगों का ऐसा मानना होता है कि अगर उनकी बेसिक सैलरी कम है और विशेष भत्ता अधिक है तो उन पर कर का बोझ कम पड़ेगा। पर सही यह होगा कि आप इस रवैये और सोच को बदल दें। शायद आपका ध्यान इस ओर नहीं गया होगा कि अगर आपकी बेसिक सैलरी कम है तो आपका प्रोविडेंट फंड भी कम ही होगा। प्राविडेंट फंड के फायदों से तो हम सब वाकिफ हैं ही।


आपके बुढ़ापे के लिए इस सेविंग से बेहतर विकल्प और क्या हो सकता है। ऐसे लोगों को जिन्हें कई वर्गों में भत्ता दिया जाता है उनके लिए बेहतर है कि वे अपने सारे भत्ते जैसे कार भत्ता, किताबों के लिए भत्ता, मकान के लिए भत्ता, परिवहन भत्ता, फोन आदि के लिए दिए जाने वाले भत्ते को एक ही वर्ग में रखें। ऐसा करने पर आप अपने कर के बिल को बचा सकेंगे। इसे आप समेकित भत्ता नाम दे सकते हैं।


भत्ते जो हैं फायदेमंद


परिवहन भत्ता आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। आपको अगर हर महीने पविहन भत्ते के तौर पर 800 रुपए तक का भुगतान किया जाता है तो इस पर कोई कर नहीं लगेगा। अगर आपकी कंपनी ने आपके सामने परिवहन भत्ते की पेशकश नहीं भी की है तो भी आप उनसे कह सकते हैं कि आपको मूल वेतन कम दिया जाए पर परिवहन भत्ता दिया जाए। इससे आप अपना कर बचा सकते हैं।


साथ ही अगर आपको दैनिक भत्ता दिया जाता है तो आपको चूकना नहीं चाहिए और  दोनों हाथों से इस अवसर को लपकना चाहिए। आपको बता दें कि आयकर  कानून के मुताबिक दैनिक भत्ता पूरी तरह से कर मुक्त होता है। अगर आपको 2,500 रुपये तक का प्रोफेशनल भत्ता मिलता है तो इस पर भी आपको कोई कर नहीं देना पड़ेगा। साथ ही कर बचाने के लिए आप अपने ऑफिस से कार लोन या पर्सनल लोन ले सकते हैं क्योंकि इस पर कोई कर नहीं देना पड़ता।


पॉलिसी जिनसे होता है मुनाफा


इंप्लॉयीज स्टेट इंश्योरेंस स्कीम (ईएसआईसी) और फिडेलिटी गारंटी स्कीम आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं। अगर आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश करते हैं तो भी आप इंप्लॉयर्स प्रोविडेंट फंड में पैसे डाल सकते हैं। आपके लिए यह बेहतर होगा।


एफबीटी से करें परहेज


अगर आपके पास खुद की कार है और कंपनी पेट्रोल और मेंटेनेंस का खर्चा उठाती है तो फ्रिंज बेनिफिट टैक्स (एफबीटी) से परहेज करें। अगर कंपनी आपको गिफ्ट वाउचर देना चाहती है तो उसे इंप्लॉयी वेलफेयर स्कीम के तहत लें।


अगर आपको हाउस रेंट अलाउएंस (एचआरए) दिया जाता है तो कंपनी से कहें कि आपको यह ऐसे मकान पर दिया जाए जो लीज पर हो। यह मकान आपके किसी रिश्तेदार के नाम पर हो सकता है। अगर मकान आपके माता पिता के नाम पर है और उनकी आय कुछ भी नहीं है तो आपके लिए यह फायदेमंद है।


ऐसा इसलिए क्योंकि आप अपनी कंपनी से एचआरए तो ले रहे हैं और मकान जिनके नाम पर है उनकी आय शून्य है, ऐसे में आपको इस मद में कोई कर नहीं देना पड़ेगा। अगर आपकी कंपनी आपको भोजन या नाश्ते की सुविधा देना चाहती है तो एफबीटी के पचड़े से बचने के लिए इसे कंपनी के फूड और बेवरेज अकाउंट में डालना बेहतर होगा।

First Published : May 4, 2008 | 11:57 PM IST