अगर आप सोच रहे थे कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रेपो रेट कटौती के बाद लोन सस्ता हो जाएगा, तो ज़रा ठहरिए! एचडीएफसी बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में इजाफा कर दिया है। अब बैंक का ओवरनाइट MCLR रेट 9.15% से बढ़कर 9.20% हो गया है।
इतना ही नहीं, बैंक की MCLR दरें अब 9.20% से 9.45% तक होंगी। यानी, अगर आप बैंक से लोन लेने का सोच रहे हैं तो जेब पर थोड़ी ज्यादा मार पड़ सकती है।
रेपो रेट घटी, फिर क्यों बढ़ा MCLR?
हाल ही में RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने 25 बेसिस पॉइंट्स (bps) की कटौती करके रेपो रेट को घटाया। यह पिछले पांच साल में पहली बार हुआ है। लेकिन ये कटौती सिर्फ बाहरी बेंचमार्क से जुड़े लोन पर असर डालती है। बैंकों के करीब 40% लोन बाहरी बेंचमार्क से जुड़े होते हैं, जो रेपो रेट में बदलाव के साथ तुरंत सस्ते हो जाते हैं। लेकिन MCLR से जुड़े लोन में बदलाव आने में थोड़ा वक्त लगता है—करीब दो तिमाही तक का।
क्या फर्क पड़ेगा आपको?
रिटेल लोन, जैसे होम लोन, ज्यादातर बाहरी बेंचमार्क से जुड़े होते हैं, इसलिए रेपो रेट में कटौती का फायदा इन्हें तुरंत मिल सकता है। वहीं, कॉरपोरेट लोन या अन्य बड़े लोन, जो MCLR पर आधारित होते हैं, उनके लिए लोन महंगा होने की संभावना है क्योंकि इनमें दरों में बदलाव आने में समय लगता है।