वित्त-बीमा

ऋण फर्मों के लिए बनेगा नियामकीय ढांचा

केंद्रीय बैंक का मानना है कि नियामकीय ढांचा बनाने के निर्णय से मूल्य निर्धारण और इन इकाइयों द्वारा ऋण का जोखिम प्रबंधन मजबूत होगा।

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आतिरा वारियर   
Last Updated- December 08, 2023 | 10:21 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को घोषणा की कि उन इकाइयों को विनियमित करने के लिए एक एकीकृत नियामकीय ढांचा बनाया जाएगा जो उधारी देने से जुड़ी हुई हैं। इस कदम का मकसद उन लोगों का दबदबा घटाना है जो ऋणदाता के निर्णय को नियंत्रित या प्रभावित करते हैं। इस संबंध में सार्वजनिक प्रतिक्रिया हासिल करने के लिए एक सर्कुलर जारी किया जाएगा।

केंद्रीय बैंक का मानना है कि नियामकीय ढांचा बनाने के निर्णय से मूल्य निर्धारण और इन इकाइयों द्वारा ऋण का जोखिम प्रबंधन मजबूत होगा। मौद्रिक नीतिगत निर्णय की घोषणा के दौरान RBI ने कहा, ‘इस मुद्दे पर मौजूदा दिशा-निर्देशों का दायरा सीमित है और सभी विनियमित संस्थाओं पर समान रूप से लागू नहीं होते हैं। रिजर्व बैंक की सभी विनियमित संस्थाओं के लिए कनेक्टेड ऋण पर एक एकीकृत नियामक ढांचा लाने का निर्णय लिया गया है।’

हाल में, RBI ने उन कंपनियों को ऋण देने के लिए ऋणदाताओं पर मौद्रिक दंड लगाया है, जहां ऋण देने वाली संस्थाओं के प्रमुख प्रबंधन कर्मियों (केएमपी) ने उधार लेने वाली कंपनियों में भी शीर्ष स्थान पर कब्जा जमा रखा है। इक्रा में फाइनैंशियल सेक्टर रेटिंग्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, ग्रुप हेड कार्तिक श्रीनिवासन ने कहा, ‘संबंधित पक्ष सामान्य निदेशकों से अलग हो सकते हैं या प्रबंधक और उनके रिश्तेदारों के ऋणदाता के साथ संबंध हो सकते हैं।

इसके अलावा, कनेक्टेड उधारी में ऋणदाताओं के बीच ऋण देने की व्यवस्था भी शामिल हो सकती है जिसमें नैतिक खतरे शामिल हो सकते हैं। इसलिए, कनेक्टेड उधारी ढांचे की समीक्षा का प्रस्ताव वित्तीय क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए सकारात्मक है।’

भारत हाउसिंग नेटवर्क के कार्यकारी निदेशक मधुसूदन शर्मा ने कहा, ‘हम सभी विनियमित संस्थाओं के लिए कनेक्टेड उधारी पर एकीकृत नियामकीय ढांचे का स्वागत करते हैं, क्योंकि इससे डिजिटल उधारी में भरोसा बढ़ेगा और ऋणदाताओं के हितों को सुरक्षित बनाकर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा मिलेगा।’

First Published : December 8, 2023 | 10:21 PM IST