इक्विटी केंद्रित म्युचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं में शुद्ध निवेश अगस्त में 6,120 करोड़ रुपये रहा, जो जुलाई के निवेश से 31 फीसदी कम है। अक्टूबर, 2021 के बाद यह महीने में सबसे कम निवेश है और साल के पहले आठ महीनों की औसत मासिक आवक का महज एक-तिहाई है। मार्च में सबसे ज्यादा 28,463 करोड़ रुपये की आवक के बाद से वैश्विक केंद्रीय बैंकों के सतर्क रुख के कारण बाजार में अधिक उतार-चढ़ाव के बीच इक्विटी एमएफ में निवेश लगातार घट रहा है।
उद्योग भागीदारों का कहना है कि शेयरों का मूल्यांकन बहुत अधिक होने और जून के निचले स्तर से बाजार की वापसी होने के बाद मुनाफावसूली होने के कारण भी निवेश कम हुआ है। फंड्सइंडिया में शोध प्रमुख अरुण कुमार ने कहा, ‘इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश सकारात्मक है मगर पिछले कुछ महीनों में मंद पड़ा है। आम तौर पर देसी निवेशक बाजार के ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचते ही मुनाफावसूली करने लगते हैं, जिसका असर इक्विटी एमएफ के निवेश पर भी दिख रहा है।’
बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी जून में 13 महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे और अब तक वहां से करीब 17 फीसदी चढ़ चुके हैं। सूचकांकों में अचानक उछाल आने से शेयरों का मूल्यांकन भी बढ़ गया है और पिछले स्तरों से यह बहुत महंगा है। अगस्त महीने में इक्विटी श्रेणी में सेक्टर या थीम आधारित फंडों से सबसे ज्यादा 1,267 करोड़ रुपये की निकासी हुई है और लार्ज एवं मिडकैप फंड श्रेणी में सबसे ज्यादा 1,031 करोड़ रुपये की शुद्ध आवक हुई है।
इक्विटी में निवेश उस समय घट रहा है, जब सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) और नए फंड ऑफर के जरिये निवेश लगातार बना हुआ है। अगस्त में एसआईपी के जरिये 12,693 करोड़ रुपये आए, जबकि जुलाई में 12,139 करोड़ रुपये का ही निवेश हुआ था। इक्विटी श्रेणी में पांच एनएफओ में 3,062 करोड़ रुपये और 17 एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) तथा इंडेक्स फंड में 282 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया। ईटीएफ और इंडेक्स फंडों में कुल शुद्ध निवेश 15,069 करोड़ रुपये रहा। डेट और इक्विटी दोनों में निवेश करने वाले हाइब्रिड फंडों में 6,602 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया गया। मगर आर्बिट्राज फंड श्रेणी से 8,548 करोड़ रुपये की निकासी के कारण अगस्त में
इक्विटी एमएफ का कुल निवेश घटा है। इस बीच डेट में निवेश वाली योजनाओं में अगस्त में 49,164 करोड़ रुपये का निवेश किया गया, जबकि जुलाई में इनके जरिये महज 4,930 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। लिक्विड फंड श्रेणी में सबसे ज्यादा 50,095 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ। इसके बाद शॉर्ट टर्म फंडों में 6,372 करोड़ रुपये और मनी मार्केट फंडों में 5,929 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।
म्युचुअल फंड उद्योग की संस्था एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी एनएस वेंकटेश ने कहा, ‘एमएफ योजना की अधिकतर श्रेणियों में बेहतर निवेश और म्युचुअल फंड परिसंपत्ति वर्ग में सोच-समझकर निवेश बढ़ने से मासिक एसआईपी योगदान, एसआईपी एयूएम और एसआईपी फोलियो सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।’