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सरकारी बैंक से करेगी एलआईसी करार

Last Updated- December 07, 2022 | 11:07 PM IST

सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) अपने क्रेडिट कार्ड को शुरू करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के किसी बैंक को भागीदार बनाए जाने की योजना बना रही है।


जीई मनी के एक प्रस्तावित संयुक्त उपक्रम से हाथ खींच लेने के बाद एलआईसी ने यह कदम उठाया है। इस मामले से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक बीमा कंपनी अपने कुछ खास पॉलिसीधारकों, शायद हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल्स (एचएनआई), के लिए व्हाइट लेबल क्रेडिट कार्ड लॉन्च करने पर विचार कर रही है।

इस पायलट परियोजना के अनुभव के आधार पर एलआईसी बाद में अपने बाकी पॉलिसीधारकों के लिए भी क्रेडिट कार्ड की पेशकश करेगी। अधिकारियों ने बताया कि एलआईसी संयुक्त उपक्रम क्रेडिट कार्ड कंपनी के लिए कॉरपोरेशन बैंक से भागीदारी कर सकती है, जिसमें देश की इस सबसे बड़ी बीमा कंपनी की 26.7 फीसदी हिस्सेदारी है। अन्य नाम के रूप में केनरा बैंक का नाम भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि एलआईसी का क्रेडिट कार्ड व्हाइट लेबल क्रेडिट कार्ड होगा जिसे सबसे कम जोखिम वाले सेगमेंट को ध्यान में रख कर शुरू में एचएनआई के लिए लॉन्च किया जाएगा। एलआईसी ऐसे बैंक को भागीदार बनाएगी जो शुल्क के लिए अंतर्निहित संपत्तियों और व्यवसाय से जुड़े जोखिमों को संभालेगा। अधिकारियों के मुताबिक, ‘इस करार के लिए सार्वजनिक बैंक को ही चुना जाएगा क्योंकि एलआईसी को प्रस्ताव के लिए अनुरोध की जरूरत नहीं होगी।’

एलआईसी के चेयरमैन टी. एस. विजयन ने कहा, ‘हम अपने क्रेडिट कार्ड के लॉन्च को लेकर जीई मनी के साथ बातचीत आगे नहीं बढ़ा सकते। चूंकि हम एक सरकारी संस्था हैं, इसलिए हमने किसी सरकारी बैंक को भागीदारी बनाने का फैसला किया है। यदि कॉरपोरेशन बैंक इसके लिए इच्छुक है तो वह हमारे लिए पसंदीदा बैंक होगा।

एक सरकारी कंपनी होने के लिए हमें कई मंजूरियों की जरूरत है, इसलिए हम प्रासंगिक मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे सामने कई विचार हैं, लेकिन हमने इनमें से किसी भी अंतिम फैसला नहीं किया है।’

एक नई क्रेडिट कार्ड कंपनी बनाने के लिए एलआईसी ने 6 सितंबर, 2007 को जीई मनी इंडिया (35 फीसदी), कॉरपोरेशन बैंक (5 फीसदी), एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस (4 फीसदी) और एलआईसी म्युचुअल फंड एएमसी (2 फीसदी) के साथ एक करार पर हस्ताक्षर किए थे। इस साझा उपक्रम में एलआईसी की भागीदारी 40 फीसदी थी।

इस साझा उपक्रम के जरिये एलआईसी अपने 20 करोड़ से अधिक पॉलिसीधारकों को उनके अपने क्रेडिट कार्ड के साथ प्रीमियम-भुगतान सुविधा मुहैया कराना और लेन-देन खर्च में कमी लाना चाहती थी। यह समझौता 90 दिनों की अवधि के लिए मान्य था जो अब समाप्त हो गया है।

First Published - October 9, 2008 | 10:25 PM IST

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