सेटलमेंट का हफ्ता होने से इस बार बाजार में ट्रेडिंग कम ही रही थी और शुक्रवार को निफ्टी करीब 1.54 फीसदी कमजोर होकर 4870.1 अंकों पर रहा।
सेंसेक्स भी 1.4 फीसदी गिरकर बंद हुआ जबकि जूनियर 3.74 फीसदी की गिरावट लेकर बंद हुआ। साप्ताहिक आधार पर रुपए की कीमत में सुधार आया है और एक डालर 42.60 रुपए पर आने के साथ ही डेफ्टी में भी कुल 0.9 फीसदी की कमजोरी देखी गई।
सेटलमेंट के दिन को छोड़ दिया जाए तो बाजार में पिछले हफ्ते कारोबार भी कम देखा गया। हफ्ते केआधार पर देखा जाए तो बाजार में गिरने वाले शेयरों की संख्या चढ़ने वाले शेयरों से कहीं ज्यादा रही है। मिडकैप और बीएसई-500 में क्रमश: 2.7 फीसदी और 2.53 फीसदी की गिरावट रही।
साफ है कि बडे शेयरों के मुकाबले छोटे शेयरों में ज्यादा गिरावट आई है। केवल आईटी सेक्टर ही ऐसा रहा है जिसमें बढ़त देखी गई और यह सेक्टर 6.78 फीसदी चढ़कर बंद हुआ। इस दौरान एफआईआई यानी विदेशी संस्थागत निवेशक शुध्द बिकवाल रहे हैं और म्ययुचुअल फंड शुध्द खरीदार रहे हैं।
नजरिया: बाजार गिरावट का रास्ता पकड़ने के बाद अब 4800 के स्तर पर यह देखेगा कि उसे इस स्तर पर कितना समर्थन मिलता है। अगर निफ्टी 4750 अंकों के नीचे बंद हो जाता है तो यह और गिरकर 4500 के स्तर तक जा सकता है। अगर बाजार को सपोर्ट मिलता है इसमें एक तेज रिकवरी की संभावना नती है और यह तेजी तब तक रह सकती है जब तक कि यह 4950-5050 के रेसिस्टेंस लेवल पर फिर से नहीं पहुंच जाता।
वजह: दो मई को बाजार इंट्रा-डे में 5298 के स्तर पर पहुंच गया था। इसके बाद यह गिरा, कुछ स्थिर हुआ और फिर सीमित दायरे में कारोबार करने लगा। पिछले हफ्ते इसमें नीचे की ओर ब्रेकआउट आया और बाजार गिरकर 4950 के स्तर पर जा पहुंचा। अब इसका अगला टारगेट 4750 का है जहां इसे तगड़ा सपोर्ट मिलेगा।
दरअसल बाजार को 4800 के स्तर पर भी भारी सपोर्ट मिलेगा और पिछले दो कारोबारी सत्रों में बाजार ने इस स्तर को बचाए रखा है। अगर निफ्टी 4750 अंकों के स्तर से नीचे पहुंचता है तो इसका अगला टारगेट 4500 का हो जाएगा।
दूसरा नजरिया: निफ्टी का 200 दिनों के मूविंग ऐवरेज केइर्द गिर्द चलना इस बात का संकेत है कि बाजार तीन फेज वाली यानी एक खास तरह की मंदी से जूझ रहा है। पहला तो इसका इंटरमीडिएट ट्रेंड मंदी का है, दूसरा शार्ट टर्म मूव भी मंदी का संकेत दे रहा है साथ ही लांग टर्म में भी मंदी की आहट है।
तेजड़िए और मंदड़िए: रुपए की कीमतें पिछले हफ्ते कमजोर रहने से आईटी केशेयरों में अच्छा कारोबार रहा। एचसीएल टेक, इन्फोसिस, टीसीएस, विप्रो, सत्यम जैसे शेयरों ने इंडेक्स को मजबूती दी। फार्मा सेक्टर में डॉ रेड्डी, रैनबैक्सी, स्टर्लिंग बायो और ल्यूपिन अच्छा कारोबार करने वाली कंपनियां रहीं। रुपए की कमजोरी और महंगाई दर में इजाफे से बैंकों के शेयरों में बिकवाली का दबाव दिखा। लेकिन बैंकिंग के संकेत यही कह रहे हैं कि इसमें जरूरत से ज्यादा बिकवाली हो चुकी है।
अगर इसमें पुलबैक आता है तो एचडीएफसी बैंक और जे ऐंड के बैंक सबसे अच्छा परफार्म करने वाले शेयरों में होंगे। एनर्जी के शेयर सरकारी ऐलान कर रहे थे और सभी सरकारी तेल कंपनियों में अच्छा खासा कारोबार हुआ है। इसके अलावा केयर्न, एस्सार ऑयल, आरएनआरएल और आरपीएल में खासा कारोबार हुआ है। कीमतों में नीचे का रुख देखा गया और रिलायंस में बिकवाली का भारी दबाव बना और रिलायंस पावर में भी बिकवाली का जबरदस्त दबाव देखा गया।
बाकी के ज्यादातर सेक्टरों में भी कमजोरी देखी गई लेकिन रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल और सीमेंट में ज्यादा ही दबाव बना। हीरो होंडा, टीवीएस, एम ऐंड एम में भारी नुकसान देखने को मिला जबकि भारती फोर्ज में खासा दबाव बना रहा। हालांकि भूषण स्टील, गुजरात अल्कलीज, हिंदुस्तान जिंक, आईवीआर प्राइम, आईवीआरसीएल, एल ऐंड टी, सेसा गोवा, सन टीवी, टेक एम और वेलस्पन गुजरात में इजाफा देखा गया। हालांकि हर स्टॉक के चढ़ने की अपनी वजह थी।
भूषण स्टील
मौजूदा भाव: 909.70 रु.
लक्ष्य: 1050 रु. (दस सत्र में)
इस स्टॉक में जमकर खरीदारी देखी जा रही है और यह पिछले तीन सत्रों में ही 750 रुपए के बॉटम से उठ कर यहां पहुंचा है। मौजूदा भाव पर इसे अहम रेसिस्टेंस मिल रहा है और यह इसके दो सौ दिन के मूविंग ऐवरेज के करीब भी है। अगर यह 915 रुपए से ऊपर बंद होता है तो अगले दस सत्रों में इसका टारगेट 1050 रुपए पर हो सकता है। इसमें 900 रुपए का स्टॉप लॉस रखकर लंबी पोजीशन ली जा सकती है।
डॉ रेड्डीज
मौजूदा भाव: 714 रु.
लक्ष्य: 730, 760 रु. (लंबी अवधि में)
इस शेयर के भाव में ही नहीं कारोबार में भी अच्छी तेजी आई है। इसने अपना पहला टारगेट पूरा कर लिया है और अब इसे 730 के स्तर पर रेसिस्टेंस मिलना है। अगर यह 730 से ऊपर निकलता है तो अगला टारगेट 760 रुपए का होगा। इसमें 695 रुपए का स्टॉप लॉस रखकर खरीदारी की जा सकती है। इसमें 15-20 सत्रों का समय देना होगा।
एल ऐंड टी
मौजूदा भाव: 2982.65 रु.
लक्ष्य: 3100 रु.
इस शेयर में 2700 के स्तर पर जबरदस्त खरीदारी देखी गई थी। 2700 से इस स्तर पर यह शेयर भारी कारोबार करते हुए यहां तक पहुंचा है। इसके 3100 तक पहुंचने के आसार हैं। इसमें लांग पोजीशन ली जा सकती है और स्टॉप लॉस 2950 रुपए का रखा जा सकता है। 3075 के स्तर पर इसमें मुनाफावसूली की जा सकती है।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा
मौजूदा भाव: 590 रु.
लक्ष्य: 565 रु.
इस शेयर में घटते कारोबार में कुछ इजाफे के साथ थोड़ा ब्रेकआउट देखने को मिला है। नीचे में इसका टारगेट 565 का बन रहा है लेकिन कारोबार में कमी के कारण नीचे का ब्रेकआउट उतना मजबूत नहीं लगता। इसमें 605 का स्टॉपलॉस रखकर शार्ट पोजीशन ले सकते हैं। 570 के स्तर पर इसमें कवरिंग की जा सकती है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज
मौजूदा भाव: 2403.50 रु.
लक्ष्य: 2500 रु.
यह शेयर भारी बिकवाली का दबाव झेलने के बाद अपने दो सौ दिन के मूविंग ऐवरेज के सपोर्ट पर बैठा है। 2500 के स्तर तक इसकी रिकवरी की संभावना है। हालांकि अगर यह दोबारा गिरता है तो अगला सपोर्ट 2350 रुपए पर होगा। इसमें 2385 का स्टॉपलॉस लगा कर रखें और लांग पोजीशन लें। अगर 2385 का स्तर टूटा तो 2350 का टारगेट रखकर शार्ट पोजीशन लें।
शेयर पर नजर
आईएफसीआई
पिछले हफ्ते गुरुवार को मर्चेंट बैंकरों से कंपनी के बोर्ड को फिर से रणनीतिक साझेदार तलाश करने की सलाह मिलने के बाद निवेशक आईएफसीआई के शेयरों में आने वाले हफ्ते में कुछ और हलचल की उम्मीद कर सकते हैं।
बोर्ड फिर से इस प्रक्रिया को वहीं से शुरू करना चाहता है जहां से पिछले बार उसने छोड़ा था, जिससे इस बात की संभावना फिर से बनी है कि कंपनी 26 फीसदी की हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में जुटी है।
हालांकि कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि इस पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है और बोर्ड इस पर अपना फैसला लेने के लिए 12 जून को बैठक करेगा। पिछले हफ्ते शुक्रवार को यह स्टॉक हफ्ते भर में 2.47 फीसदी चढ़कर 62.25 रुपए पर बंद हुआ। पिछले एक महीने में यह 9.89 फीसदी चढ़ चुका है।
महीने का शेयर
ल्यूपिन
ल्यूपिन के शेयरों का भाव पिछले एक महीने में 25 फीसदी चढ़कर 710.95 रुपए हो गया है। 28 अप्रैल को इसकी अमेरिका की सब्सिडियरी ल्यूपिन फार्मास्यूटिकल्स ने अमेरिका में सुप्रैक्स टैबलेट (यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन के इलाज के लिए)लांच की थी। दो हफ्ते बाद ही अमेरिका की इस कंपनी को यूएस फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) से रैमिप्रिल कैप्सूल बेचने की इजाजत मिली है।
यह कैप्सूल दिल की बीमारियों और हाई ब्लड प्रेशर के इलाज में काम आता है। कंपनी ने कहा है कि वह अमेरिका के बाजारों के अलावा उभरते बाजारों में अपना कारोबार फैलाने के लिए अधिग्रहण का रास्ता अपनाने की सोच रही है। ल्यूपिन के नतीजों का भी इसके शेयरों के भावों पर असर पड़ा है।
सालाना आधार पर इसकी आमदनी 47 फीसदी बढ़कर 443.38 करोड़ रुपए हो गई है। जबकि कंपनी के राजस्व में सालाना आधार पर 29 फीसदी का इजाफा देखा गया और यह 2543.69 करोड़ रुपए पर जा पहुंचा।