श्रेष्ठ ऋण जोखिम प्रबंधन कार्य प्रणालियों के साथ-साथ पिछले 9 साल में सालाना 30 फीसदी की दर से बढ़ने में सफल रहा ।
एचडीएफसी बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि वह मौजूदा मंदी में सबसे कम प्रभावित संस्थाओं में शुमार होगा। बेहतर ऋण जोखिम प्रबंधन कार्य प्रणालियों की बदौलत बैंक को परिसंपत्ति गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिली है।
प्रौद्योगिकी और बेहतर मार्जिन पर बैंक का फोकस भविष्य में मुनाफे में बढ़ोत्तरी सुनिश्चित करेगा। रिटेल केंद्रित सेंचुरियन बैंक ऑफ पंजाब (सीबीओपी) के 23 मई, 2008 को एचडीएफसी बैंक के साथ हुए विलय से मध्यावधि में राजस्व में इजाफा होगा। हालांकि इस विलय का पूरा फायदा 12-24 महीनों में ही दिखना शुरू होगा।
ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक पहलों से हासिल होने वाले लाभ से बैंक को 29-30 फीसदी की ऐतिहासिक विकास दर को बरकरार रखने में मदद मिलेगी। इस विलय के बाद से एचडीएफसी बैंक की शाखाओं में लगभग 400 शाखाएं जुड़ी हैं। इसके अलावा बैंक का परिसंपत्ति आधार 15-20 फीसदी बढ़ कर 1.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
इसी तरह इस विलय से एचडीएफसी बैंक को अपना आकार बढ़ाने में मदद मिली है। अब एकीकरण को लेकर यह देखा जाना बाकी है कि एचडीएफसी बैंक अपने बेंचमार्क के लिए कितनी तेजी से सीबीओपी की कुशलता के स्तरों में सुधार ला सकता है। एकीकरण योजना प्रस्तावित है।
सीबीओपी की री-ब्रांडिंग प्रक्रिया मई में पूरी हो चुकी है। सीबीओपी के सभी कर्मचारियों को अपनी नई भूमिका में ढाले जाने के लिए प्रशिक्षण प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इसके तहत लगभग 90 फीसदी कर्मचारियों को पुनर्प्रशिक्षण दिया जा चुका है। सिस्टम्स, ट्रेजरी, बैंकिंग और रिटेल लोन सेगमेंट के बारे में वे एचडीएफसी के मंच के साथ एकीकृत हो चुके हैं।
कुल राजस्व (कुल ब्याज आय और अन्य आय) और एचडीएफसी आउटलेटों के समान सीबीओपी शाखाओं के सीएएसए विकास के संदर्भ में बात करें तो इस विलय का वास्तविक लाभ अगले 12 से 24 महीनों में हासिल होना शुरू होगा। लेकिन इससे पहले एचडीएफसी बैंक को मध्यावधि में दबाव का सामना करना पड़ेगा।
उदाहरण के लिए दक्षता के मोर्चे पर आय का लागत अनुपात भी विलय के बाद कर्मचारियों पर लागत एवं अधिक एकीकरण लागत के कारण मार्च, 2008 में 50 फीसदी से बढ़ कर वित्त वर्ष 2009 की दूसरी तिमाही में लगभग 55 फीसदी हो गया।
दोनों बैंकों के प्रौद्योगिकी-आधारित मंचों का एकीकरण इस वित्त वर्ष के अंत तक पूरा हो जाने की संभावना है। इसी तरह वित्त वर्ष 2009 की दूसरी तिमाही में पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) गिर कर 11.4 फीसदी हो गया। हालांकि यह 9 फीसदी की विनियामक आवश्यकता से ऊपर है।
यदि प्रमोटर वारंट को परिवर्तित करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हैं तो खासकर सीएआर में सुधार आएगा और भविष्य के विकास के लिए पूंजी की व्यवस्था होगी। एचडीएफसी बैंक का कुल राजस्व पिछले पांच वर्षों में कुल ब्याज आय (एनआईआई) पर 44.5 फीसदी की सीएजीआर की रफ्तार से बढ़ा है।
इसी तरह अन्य आय भी 43 फीसदी तक और 47.7 फीसदी बढ़ी हैं। कुल मुनाफा 33 फीसदी की दर से बढ़ा है। पिछले कुछ समय में एचडीएफसी बैंक के छोटे ऋणों में कमी आई है और इसी तरह सीबीओपी ने दोपहिया और पर्सनल लोन सेगमेंट के लिए नए ऋण जारी करने से परहेज किया है जिससे संयुक्त इकाई के लिए आरामदायक एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां) स्तर सुनिश्चित हुआ है।
विश्लेषकों का कहना है कि विलय के बाद एचडीएफसी बैंक अपने लगभग 67 फीसदी (सीबीओपी का 55 फीसदी) के सुपीरियर प्रोवीजन कवरेज की तर्ज पर संयुक्त इकाई के लिए उच्च प्रावधान मुहैया कराएगा।