दीर्घकालीन सुरक्षित निवेश का महत्वपूर्ण जरिया है सोना

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 06, 2022 | 12:05 AM IST

हजारों वर्षों से लोगों के निवेश का पसंदीदा माध्यम रहा है सोना। शेयर बाजार और म्युचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या दिनानुदिन बढ़ती जा रही है।


इन परिस्थितियों में सोने में निवेश करना कितना फायदेमंद हो सकता है, जबकि इसमें निवेश करने पर न तो ब्याज मिलता है और न ही लाभांश।


अगर आप भौतिक तौर पर सोने में निवेश करते हैं तो इसकी शुध्दता के साथ-साथ इसे सुरक्षित रखने की भी चिंता लगी रहती है।इसके बावजूद कुछ बातें ऐसी हैं जो इसे निवेश की दृष्टि से आकर्षक बनाता है।


क्यों आकर्षक है सोना?


सोना पर महंगाई-वृध्दि का कोई प्रभाव नहीं होता है। महंगाई के साथ-साथ इसकी कीमत भी बढ़ती जाती है। यही वजह है कि यह सदियों से निवेशकों की पहली पसंद रही है। दूसरी बात यह है णकि इससे निवेश के विशाखन में मदद मिलती है। सोने का मूल्य वैश्विक बाजार के मांग और आपूर्ति के नियमानुसार प्रभावित होता है।


उदाहरण के लिए, सोने की आपूर्ति सोना उत्पादक देशों जैसे दक्षिण अफ्रिका आदि के खनन परिस्थितियों पर निर्भर करता है। केंद्रीय बैंक की भी इसमें अहम भूमिका होती है क्योंकि देश के सोने का एक बड़ा हिस्सा उसके पास होता है और यह उसके निर्णय पर निर्भर करता है कि वह बाजार में कितना सोना बेचेगी। सोने की मांग कुछ हद तक इलेक्ट्रोनिक उद्योग (जहां सोना प्रयुक्त किया जाता है) एवं आभूषण उद्योगों से भी प्रभावित होता है।


सोने के मूल्य में अन्य वित्तीय परिसंपत्तियों की तरह उतार-चढ़ाव नहीं आते हैं। इसका प्रदर्शन वैसे समय में भी बेहतर होता है जब अन्य आस्तियों से लोगों की उम्मीदें टूट जाती हैं।


इसके अलावा संकट के समय में, जैसे युध्द या कानून-व्यवस्था के चरमरा जाने के हालात में भी इसका मूल्य बरकरार रहता है जबकि म्युचुअल फंड एवं स्टॉक में किया गया निवेश इन सब परिस्थितियों से बहुत अधिक प्रभावित होता है। ऐसा भी देखा गया है कि ऐसी परिस्थितियों में सोने की कीमत बढ़ जाती है क्योंकि तब लोगों का रुझान सोने के निवेश की ओर बढ़ जाता है।


कितना खरा है सोना?


सोने की शुद्धता की माप कैरेट में की जाती है। 24 कैरेट का सोना 99.99 प्रतिशत शुद्ध होता है। 22 कैरेट की शुद्धता (22#10024)=91.66 प्रतिशत होती है, उसी तरह 18 कैरेट मात्र 75 प्रतिशत शुद्धता वाला होता है।


24 कैरेट का सोना छड़ों और सिक्कों के रूप में उपलब्ध होता है। इसकी अतिआघातवर्ध्यता की वजह से इसका प्रयोग आभूषण-निर्माण में बिना मिलावट के नहीं होता। सोना खरीदते समय, उसके उत्तमता की जांच के लिए, ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआइएस) द्वारा दिए जाने वाले प्रमाणक छाप (हॉलमॉर्क) की जांच अवश्य करें।


इस वर्ष जनवरी के बाद शेयर बाजार में आई गिरावट से बाजार और म्युचुअल फंडों में निवेश करने वाले लोगों को नुकसान झेलना पड़ा है जबकि भौतिक और एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों के माध्यम से सोने में निवेश करने वालों को फायदा हुआ है। ईटीएफ ने एक साल में औसतन 24 प्रतिशत का प्रतिफल दिया है। इस बीच सोने के कीमतों में अच्छी वृध्दि भी हुई है।


कैसे करें सोने में निवेश


सोने में निवेश करने का सबसे आसान माध्यम है आभूषण।हालांकि, आभूषण की खरीदारी में आप अपेक्षाकृत अधिक पैसे खर्च करते हैं क्योंकि इसमें आभूषण डिजाइन करने वाले एवं उसे बनाने वाले का मेहनताना भी शामिल होता है। इसके शुध्दता का भी कोई गारंटी नहीं होती है। सोने के छड़ एवं बिस्कुट की तुलना में आभूषणों की तरलता कम होती है।


अगर आप निवेश के लिए सोना खरीद रहे हैं तो खरीदारी किसी बैंक से करें। बैंक सिक्कों और छड़ों के रूप में 24 कैरेट सोना बेचती है। भरोसे की दृष्टि से भी बैंक उत्तम है। हालांकि बैंक अधिमूल्य लेते हुए, बाजार भाव से अधिक कीमत पर सोना बेचती है, लेकिन ये विशुद्ध होते हैं। अगर आप कहीं और से सोना लेना चाहते हें तो वैसे ज्वैलर से लें जिसके साथ भरोसे का संबंध हो।


एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के आने से अब सुविधा हो गई है। ट्रांजैक्शन शुल्क का ज्यादा प्रभाव आपके रिटर्न पर नहीं पड़ेगा। इसके माध्यम से निवेश करने में, लोडिंग के तौर पर बाजार भाव का केवल 0.5 प्रतिशत देना होता है और आपको सोने की शुद्धता या सुरक्षा की भी चिंता करने की जरूरत नहीं। क्योंकि सारा सौदा परोक्ष तौर (वर्चुअल) पर होता है।

First Published : April 28, 2008 | 11:03 PM IST