नवंबर में 19 प्रतिशत की सालाना वृद्घि के साथ जेनेरिक फार्मा दिग्गज टॉरंट फार्मास्युटिकल्स (टॉरंट) लगातार अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन में सफल रही है। इस वृद्घि को विटामिन, दर्द निवारक दवाओं और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल दवाओं की मजबूत बिक्री से मदद मिली और कंपनी भारतीय दवा बाजार (आईपीएम) की 6.6 प्रतिशत की औसत वृद्घि को मात देने में सफल रही। घरेलू बाजार का टॉरंट की समेकित बिक्री में करीब 50 प्रतिशत का योगदान रहा है।
जहां शेल्कल (कैल्शियम, विटामिन) और एक्सटेंशन 400 करोड़ रुपये की सालाना बिक्री के साथ उसका मुख्य सबसे बड़ा ब्रांड बना रहा, वहीं पेन मेडिकेशन (काइमोरल फोर्टे) और नेक्सप्रो आरडी अन्य अच्छी बिक्री वाले ब्रांड रहे जिनमें पिछले 12 महीनों में 20-30 प्रतिशत की शानदार बिक्री दर्ज की गई। दो वर्षीय सालानना वृद्घि के आधार पर भी कंपनी की वृद्घि 3 प्रतिशत की आईपीएम वृद्घि के मुकाबले 10 प्रतिशत से ज्यादा पर रही, जो काफी ज्यादा है।
कंपनी की घरेलू फॉर्मूलेशन वृद्घि सितंबर तिमाही में 13 प्रतिशत रही और वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में 15.4 प्रतिशत पर रही। दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद एक रिपोर्ट में मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के तुषार मनुधाने ने कहा कि कंपनी को आईपीएम में तेजी आने की संभावना है, क्योंकि कोविड मामले घटने के साथ थेरेपी अब धीरे धीरे फिर से बढ़ रही हैं।
अन्य कारकों में कंपनी का जेनेरिक व्यवसाय होगा जिसे पिछली तिमाही में शुरू किया गया था। मजबूत शुरुआत के बाद, कंपनी ट्रेड जेनेरिक बिक्री बढ़ाने के लिए ई-फार्मेसीज चैनल का इस्तेमाल करना चाहेगी। मजबूत घरेलू बिक्री वृद्घि से शेयर को ताकत मिल रही है और यह 22 नवंबर से 13 प्रतिशत चढ़ा है, जिसमें आधी से ज्यादा तेजी पिछले तीन कारोबारी दिनों में आई है।
हालांकि शेयर में तेजी बरकरार रहती है या नहीं, इसके लिए दलाल पथ को अमेरिकी बाजार की बिक्री में सुधार की रफ्तार का इंतजार करना होगा। अमेरिका उसका दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। कंपनी ने पिछली लगातार पांच तिमाहियों में अमेरिकी बिक्री में सालाना आधार पर गिरावट दर्ज की है। उसने सितंबर तिमाही में बिक्री में वित्त वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही के ताजा चरम स्तर से 31 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है।
मुख्य पोर्टफोलियो पर मूल्य निर्धारण दबाव के अलावा, नई पेशकशों के अभाव से भी अमेरिकी बाजार में कमजोर प्रदर्शन को बढ़ावा मिला है। जहां उसके संयंत्रों पर अच्छी निर्माण प्रणालियों से संबंधित बकाया मुद्दे सुलझाया जा रहे हैं, वहीं नई पेशकशें अमेरिकी दवा नियामक द्वारा निरीक्षण और मंजूरियों की रफ्तार पर निर्भर करेंगी।
हालांकि जहां तक भारत का सवाल है, यहां कंपनी मजबूत स्थिति में है, और निवेशकों को अमेरिकी रिकवरी के साथ साथ इस शेयर पर विचार करने से पहले मार्जिन में सुधार का इंतजार करना चाहिए। इस शेयर ने पिछले साल के दौरान अपने प्रतिस्पर्धी सूचकांक के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया है।
